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नहीं चली सिद्धू की, नई रेत खनन नीति में नीलाम होंगे कलस्टर

-सिद्धू की गैरहाजिरी में नई खनन नीति को मंत्रिमंडल की मंजूरी -सरकार का दावा सस्ती होगी रे

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 08:51 PM (IST)Updated: Wed, 17 Oct 2018 08:51 PM (IST)
नहीं चली सिद्धू की, नई रेत खनन नीति में नीलाम होंगे कलस्टर
नहीं चली सिद्धू की, नई रेत खनन नीति में नीलाम होंगे कलस्टर

-सिद्धू की गैरहाजिरी में नई खनन नीति को मंत्रिमंडल की मंजूरी

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-सरकार का दावा सस्ती होगी रेत, लेकिन फिलहाल आसार नहीं

-अवैध खनन पर लगेगी लगाम, पोर्टल बनने से सभी भुगतान ऑनलाइन

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राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: पंजाब मंत्रिमंडल ने बुधवार को नई खनन नीति को मंजूरी दे दी। नई रेत खनन नीति जारी करने में कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की नहीं चली। उन्होंने तेलंगाना मॉडल अपनाने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को रिपोर्ट दी थी। नई रेत नीति का एजेंडा बुधवार को नवजोत सिंह सिद्धू की गैर हाजिरी में कैबिनेट में लाया गया और यह सर्व सम्मति से पास हो गया।

विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व सरकार को महंगी रेत, अवैध खनन आदि मुद्दों पर घेरने वाली कांग्रेस ने सत्ता में आने के डेढ़ साल बाद इन सभी समस्याओं को हल करने के लिए नई खनन नीति बनाने का वादा किया था। सरकार का दावा है कि इस नीति में ज्यादातर समस्याओं का समाधान हो जाएगा। आम लोगों को सस्ती रेत मुहैया होगी और अवैध खनन का नामोनिशान नहीं रहेगा। क्योंकि सारे पंजाब को सात कलस्टर में बांट दिया गया है। दो माह में होगी लागू

सरकार ने दावा किया है कि यह नीति दो महीने में लागू कर दी जाएगी, लेकिन जानकारों का मानना है कि इसे लागू करने में कम से कम छह महीने लग सकते हैं और तब तक लोगों को पुरानी दी गई 31 खड्डों में से ही रेत मुहैया होगी। नीति के फायदे..

1800 रुपये में पड़ेगी रेत की ट्रॉली

-रेत खनन के लिए बनाई गई नीति के अनुसार जहां से रेत निकाली जाती है वहां रेत 100 क्यूबिक फुट रेत की कीमत 900 रुपये फिक्स कर दी गई है।

-यहां से रेत को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्ट के रेट अलग से नोटिफाई किए जाएंगे।

-सिंचाई विभाग के मंत्री सुखविंदर सिंह सरकारिया ने दावा किया कि दोनों रेट मिलाकर यह रेत प्रति ट्रॉली 1800 रुपये से ज्यादा नहीं होगी।

-बजरी का रेट भी फिक्स किया गया है। बजरी में दो बार ट्रांसपोर्टेशन चार्ज लगते हैं, इसलिए बजरी का रेट रेत से 400 रुपये तक ज्यादा हो सकता है।

-उपभोक्ताओं को रेत की बिक्री के लिए पंजाब सैंड पोर्टल भी बनाया जाएगा। सभी भुगतान ऑनलाइन किए जाएंगे।

-केंद्रीय निगरानी के लिए इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के जरिए नियंत्रित किया जाएगा, ताकि रोजाना प्रगति रिपोर्ट अपलोड हो सके। नदी क्षेत्र को सात कलस्टर में बांटा जाएगा

नदियों को लंबाई के रूप में सात कलस्टर में बांटा जाएगा। यानी नदी के दोनों ओर पड़ने वाले एक कलस्टर में दो दो जिले शामिल किए जाएंगे। पंजाब के 11 जिलों में ही ज्यादा रेत और बजरी आती है तीन जिलों में काफी कम है। तीन लोगों को ग्रुप भी ले सकता है कलस्टर

मंत्री सुख सरकारिया ने बताया कि कलस्टर को नीलामी में एक व्यक्ति या फिर तीन लोगों का ग्रुप भी ले सकता है, लेकिन अगर कोई गड़बड़ होती है, तो उसके लिए जिम्मेवार वह व्यक्ति होगा, जिसके नाम पर कलस्टर नीलाम हुआ है। खड़्डें लेने वालों की टर्नओवर 31 मार्च तक देखी जाएगी। पंजाब में चार करोड़ टन की मांग

पंजाब में सालाना चार करोड़ टन रेत और बजरी की मांग है, जिसमें 1.5 करोड़ टन रेत और 2.5 करोड़ टन बजरी की जरूरत रहती है। पंजाब में नई पॉलिसी से सरकार को 350 करोड़ से लेकर 425 करोड़ रुपये तक आमदनी होने का अनुमान है। हरियाणा के बराबर हो जाएगा राजस्व

हरियाणा में रेत और बजरी से होने वाली आमदनी 450 करोड़ है। हरियाणा के बगल में दिल्ली है। वहां इमारती कामकाज बहुत ज्यादा है इसलिए, उन्हें वहां से अच्छा राजस्व मिल जाता है। पंजाब का राजस्व की करीब-करीब हरियाणा के बराबर हो जाएगा।

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कैबिनेट के अन्य फैसले.. पंचायत समिति व जिप चेयरपर्सन के लिए महिलाओं को 50 फीसद आरक्षण

सरकार ने पंचायत सरपंचों के साथ-साथ पंचायत समितियों व जिला परिषदों के चेयरपर्सन के पदों के लिए रोटेशन आधार पर महिलाओं के लिए आरक्षण 50 फीसद तक बढ़ाने का फैसला किया है। इसके बाद सरकार सात दिनों में राज्यपाल के पास ऑर्डिनेंस पेश करेगी।

--- बिल्डर अपना लाइसेंस कर सकेंगे सरेंडर

कॉलोनिया विकसित न कर सकने वाले व कॉलोनियों में विकास कार्य पूरा न कर सकने वाले प्रोमोटरों को अपने लाइसेंस वापस जमा करवाने की नीति को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। अभी तक बिल्डर के पास अपना लाइसेंस सरेंडर करने का अधिकार नहीं था। अभी तक केवल प्रोमोटर का लाइसेंस रद किया जा सकता था।


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