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Punjab में CM भी लोकपाल के दायरे में, मुकदमे के लिए सदन में दो-तिहाई बहुमत जरूरी

पंजाब कैबिनेट में नए लोकपाल बिल को मंजूरी दे दी है। इसके दायरे में मुख्यमंत्री मंत्री-विधायक व सभी सरकारी मुलाजिम होंगे।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 02 Mar 2020 12:30 PM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2020 01:24 PM (IST)
Punjab में CM भी लोकपाल के दायरे में, मुकदमे के लिए सदन में दो-तिहाई बहुमत जरूरी
Punjab में CM भी लोकपाल के दायरे में, मुकदमे के लिए सदन में दो-तिहाई बहुमत जरूरी

जेएनएन, चंडीगढ़।  विधानसभा चुनाव के दौरान पंजाब के लोगों से नए व सशक्त लोकपाल के लिए किया गया वादा कांग्र्रेस सरकार ने शर्त के साथ पूरा कर दिया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को हुई पंजाब कैबिनेट की बैठक में नए लोकपाल बिल को मंजूरी मिल गई। मुख्यमंत्री, मंत्री व विधायक इसके दायरे में होंगे, लेकिन उन पर तभी मुकदमा दर्ज करवाया जा सकेगा, जब सदन इसे दो तिहाई बहुमत से पास कर देगा।

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पंजाब कैबिनेट के इस फैसले से मौजूदा पंजाब लोकपाल एक्ट-1996 रद हो गया है। नया कानून मुख्यमंत्री, मंत्री, सभी सरकारी अधिकारियों पर लागू होगा। इससे राज्य सरकार का भ्रष्टाचार मुक्त बेहतर प्रशासन मुहैया करवाने का उद्देश्य पूरा होगा।

मुख्यमंत्री होंगे चयन समिति के अध्यक्ष

  • लोकायुक्त का एक चेयरपर्सन होगा, जो हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट का जज हो या रह चुका हो।
  • सदस्यों की संख्या चार से अधिक नहीं होनी चाहिए। यह सरकार की तरफ से नियुक्त किए जाएंगे।
  • लोकायुक्त के सदस्यों में से कम से कम एक सदस्य अनुसूचित जाति, पिछड़ी श्रेणी, अल्पसंख्यक या महिला जरूर होना चाहिए।
  • लोकायुक्त के सदस्य प्रतिष्ठावान होने चाहिए, जिन पर कोई भी दोष न हो।
  • चेयरपर्सन और सदस्यों की नियुक्ति चयन समिति की सिफारिशों केबहुमत के आधार पर राज्यपाल करेंगे।
  • चयन समिति मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होगी। इसमें विधानसभा के स्पीकर, विपक्ष के नेता, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस और पंजाब सरकार से मनोनीत एक प्रख्यात कानूनी माहिर सदस्य होगा।

लोकायुक्त के अधिकार

  • लोकायुक्त के पास सिविल प्रोसीजर कोड 1908 अधीन सिविल कोर्ट के सभी अधिकार होंगे।
  • यह झूठी शिकायत के मामले में भी मुकदमा चला सकेगा।
  • विधानसभा की ओर से मुकदमा चलाने की आज्ञा दी जाती है या नहीं, इसके लिए लोकपाल पाबंद होगा।

कैसे करेगा काम

  • नोटिस जारी करने से पहले सभी शिकायतों की पड़ताल लोकपाल की स्क्रीनिंग कमेटी करेगी।
  • स्क्रीनिंग कमेटी इस बारे में सरकार की राय भी लेगी।
  • लोकपाल मामले की जांच कर रहा है, तो यह कानून किसी भी अधिकारी व सार्वजनिक पद पर काम करने वालों के खिलाफ शिकायत की समानांतर पड़ताल को रोक सकता है।
  • लोकपाल के पास उस मामले की समानांतर जांच करने का अधिकार नहीं होगा, जिसकी जांच पहले ही सरकार की ओर से की जा रही है।

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