सुखना झील और कैचमेंट एरिया में अतिक्रमण मामले में नया मोड़, अब खुद मुआयना करेंगे हाईकोर्ट के जज
जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस अवनीश झिंगन की खंडपीठ ने वीरवार को कहा कि दिवाली से पहले वे दोनों खुद सुखना झील और इसके आस-पास के क्षेत्र का दौरा करेंगे।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : चंडीगढ़ की शान सुखना झील के कैचमेंट एरिया में अवैध निर्माणों का जायजा अब पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट स्वयं लेगा। सुखना के संरक्षण के संबंध में हाईकोर्ट में विचाराधीन मामले में अतिक्रमण से निपटने का इरादा स्पष्ट करते हुए जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस अवनीश झिंगन की खंडपीठ ने वीरवार को कहा कि दिवाली से पहले वे दोनों खुद सुखना झील और इसके आस-पास के क्षेत्र का दौरा करेंगे।
सुखना के आसपास के क्षेत्र में निर्माणों के गिराने के विरोध में हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि दिवाली से पहले अदालत इस क्षेत्र का दौरा करेगी और इस बार यह दौरा सकेतड़ी से शुरु होकर कैंबवाला और कांसल की ओर किया जाएगा।
गौरतलब है कि जस्टिस अजय कुमार मित्तल पर आधारित खंडपीठ ने पिछली तारीख पर इस क्षेत्र में निर्माणों को गिराने के संबंध में दायर होने वाली सभी याचिकाओं को एक ही खंडपीठ के समक्ष प्रस्तुत किए जाने के आदेश दिए थे। सुखना के इर्द-गिर्द अवैध निर्माणों से निपटने में आ रही दिक्कतों का जिक्र करते हुए पंजाब सरकार के वकील ने अदालत को बताया था कि हाईकोर्ट की एकल पीठों द्वारा अवैध निर्माणों को गिराने पर रोक लगाए जाने के चलते कई मामलों में पंजाब सरकार अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पा रही।
सुनवाई के दौरान अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि अदालत सुखना के आस-पास अवैध निमार्णो और आवारा कुत्तों की समस्या के विषयों पर अलग-अलग सुनवाई करेगी। हाईकोर्ट में अब इस मामले पर सुनवाई 22 नवंबर को होगी। हाईकोर्ट ने पूर्व में सुखना के कैचमेंट क्षेत्र में निर्माण रोक लगाने के आदेश देते हुए अपने आदेशों में कहा था कि इस क्षेत्र में हाईकोर्ट की रोक के बावजूद होने वाली निर्माण गतिविधियों को बिना नोटिस गिरा दिया जाए।