पंजाब भाजपा में नए व पुराने के चेहरों के बीच कश्मकश, मलिक दूसरी पारी की तैयारी में
पंजाब भाजपा में नए और पुराने नेताओं के बीच कश्मकश है। इन सब के बीच पंजाब भाजपा के प्रधान श्वेत मलिक अपनी दूसरी पारी की तैयारी मेंं हैं।
चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। पंजाब भाजपा में संगठनात्मक चुनाव को लेकर नए और पुराने नेताओं में कश्मकश तेज हो गई है। पंजाब भाजपा में संगठन को लेकर चुनावी प्रक्रिया अगले माह से शुरू हो जाएगी। सबकी निगाहें प्रदेश अध्यक्ष पद पर लगी हुई हैं। प्रदेश अध्यक्ष पर 2022 के विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी होगी। इसी के साथ पंजाब में भाजपा की अगली रणनीति क्या होगी, इसकी भी झलक देखने को मिलेगी। चुनावी प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही नए और पुराने चेहरों के बीच कशमकश शुरू हो गई है।
सितंबर से शुरू हो जाएगी भाजपा में संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक अपनी दूसरी पारी खेलने की तैयारी में जुटे हैं। क्योंकि उन्हें प्रधान बने हुए अभी करीब डेढ़ साल का ही समय हुआ है। उनकी अध्यक्षता में भाजपा ने लोकसभा चुनाव में दो सीटें जीतीं। साथ ही उनके नकारात्मक पहलू यह हैं कि वह अमृतसर की सीट हार गए। अमृतसर उनका गृह नगर है। 2022 को देखते हुए पुराने चेहरों में अविनाश राय खन्ना, कमल शर्मा, अश्विनी शर्मा व मनोरंजन कालिया कतार में हैं। वहीं, नए चेहरों में राकेश राठौर, प्रवीण बांसल, जीवन गुप्ता और नरेंद्र परमार शामिल है।
इस बार ज्यादा अहम होगा अध्यक्ष पद का चुनाव
पार्टी के वरिष्ठ नेता भी यह मान रहे है कि इस बार के प्रदेश अध्यक्ष का चयन पंजाब में भाजपा के राजनीतिक इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण साबित होगा। क्योंकि केंद्र में भाजपा की दोबारा सरकार बनने व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बढ़ती लोकप्रियता का असर 2022 में देखने को मिल सकता है। भाजपा की सहयोगी पार्टी अकाली दल का ग्र्राफ वर्तमान में काफी नीचे है। भाजपा पंजाब में अकाली दल से ज्यादा सीटों की मांग कर रही है। 117 विधानसभा सीटों में से भाजपा 23 सीटों पर चुनाव लड़ती रही है, जबकि लोकसभा चुनाव में भाजपा की भारी जीत के बाद से ही पंजाब में भाजपा अकाली दल पर इस बात का दबाव बना रही है कि सीटों के अनुपात में बदलाव करना चाहिए।
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ऊपर गया भाजपा का ग्राफ
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से भी राज्य में भाजपा का ग्र्राफ ऊपर गया है। इसका असर भाजपा के सदस्यता अभियान में भी देखने को मिला। ऐसी स्थिति में नए अध्यक्ष के ऊपर पूरी जिम्मेदारी होगी कि 2022 में भाजपा की क्या स्थिति बनती है।
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प्रदेश अध्यक्ष श्वेत मलिक पहले ही दावा कर चुके हैं कि 2022 में भाजपा पंजाब में सबसे ज्यादा कार्यकर्ताओं वाली पार्टी होगी। यही कारण है कि प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में नए व पुराने चेहरे के बीच कशमकश शुरू हो गई है। प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव दिसंबर में होना है। इसके चयन में आरएसएस की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
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