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ग‌र्ल्स हॉस्टल में रात साढ़े 8 बजे के बाद प्रचार पर रोक

पीयू में छात्रसंघ चुनाव के बीच ग‌र्ल्स हॉस्टल में रात साढ़े

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Sep 2018 11:00 AM (IST)Updated: Sun, 02 Sep 2018 11:00 AM (IST)
ग‌र्ल्स हॉस्टल में रात साढ़े 8 बजे के बाद प्रचार पर रोक
ग‌र्ल्स हॉस्टल में रात साढ़े 8 बजे के बाद प्रचार पर रोक

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पीयू में छात्रसंघ चुनाव के बीच ग‌र्ल्स हॉस्टल में रात साढ़े 8 बजे के बाद प्रचार प्रतिबंधित रहेगा। वहीं ब्वॉयज हॉस्टल में यह समय सीमा 10 बजे निर्धारित की गई है। प्रशासन ने कहा है कि स्टूडेंट्स प्रचार के लिए वाहनों का इस्तेमाल नहीं कर सकते। वहीं क्लास में रूम में जाकर प्रचार नहीं किया जा सकता।

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दूसरी ओर छात्र संघ चुनाव को लेकर सभी छात्र संगठनों को प्रशासन ने टेंट लगाने की अनुमति दे दी है, लेकिन ताजा निर्देश में साफ कहा गया है कि चुनाव प्रचार क्लास रूम और वाहनों पर सवार होकर नहीं होगा। छात्र नेताओं को प्रचार के मामले में लिंगदोह कमेटी की गाइडलाइंस पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया है। उम्मीदवारों के टेंट 15 बाई 15 से ज्यादा के नहीं होंगे। हालांकि उम्मीदवार संयुक्त रूप से जगह को बढ़ाकर 30 बाई 30 का कर सकते हैं। टेंट का किराया 400 रुपये प्रतिदिन निर्धारित है। इसके अलावा टेबल और कुर्सियों का किराया भी निर्धारित है। एक कुर्सी का किराया 10 रुपये है और टेबल का किराया 50 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से तय किया गया है। टेंट निर्धारित जगह पर ही होना चाहिए। टेंट लगाने की अनुमति चार सिंतबर तक ही है।

निर्देश में कहा गया है कि ग‌र्ल्स हॉस्टल में प्रचार के लिए उम्मीदवार के साथ अधिकतम पांच लोग ही जा सकते हैं। इसको लेकर डीएसडब्ल्यू प्रो. एम्युनल नाहर की अध्यक्षता में मीटिंग हुई। इसमें एडीएस डॉ. रंजन कुमार, डॉ. प्रवीण, डॉ. भरत, डॉ. संजीव गौतम, डॉ. अमित चौहान, डॉ. दिनेश, डॉ. नरेश, डॉ. राजीव और डॉ वीरेंद्र नेगी शामिल रहे।

एसएफएस ने नहीं किया टेंट के लिए अप्लाई

सोई को टेंट नंबर एक दिया गया है तो पुसू को 2 नंबर आवंटित किया गया है। एबीवीपी 3 और पुसू को 4 नंबर मिला है। वहीं एसएफएस ने टेंट के लिए अप्लाई नहीं किया है। प्रिंटेड स्टीकर और पोस्टर-बैनर का प्रयोग वर्जित

निर्देश में कहा गया है कि चुनाव में प्रिंटेड मटीरियल का इस्तेमाल नहीं होगा। इसमें स्टीकर, पोस्टर और बैनर शामिल हैं। अगर कोई इस्तेमाल करता है तो सिक्योरिटी इनको नष्ट कर सकती है। इनके इस्तेमाल को लेकर लगातार मामले सामने आ रहे हैं।


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