उर्दू को विदेशी भाषा घोषित करने का मामला: कैप्टन अमरिंदर के हस्तक्षेप के बाद पीयू की मीटिंग टली
पीयू द्वारा निर्णय लिया गया था कि सभी छोटे विभागों को एक ही बिल्डिंग में मर्ज कर दिया जाएगा। जिसमें उर्दू का भी नाम शामिल था।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब यूनिवर्सिटी द्वारा उर्दू को विदेशी भाषा घोषित करने पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा हस्तक्षेप करने पर सोमवार को होने वाली बैठक स्थगित कर दी गई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मीटिंग को स्थगित कर दिया गया है जबकि मीटिंग टालने के कारणों का कोई खुलासा नहीं हुआ है।
उल्लेखनीय है कि पंजाब यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ फॉरेन लैंग्वेज डिपार्टमेंट से कुछ विभागों का विलय करने जा रही है। विदेशी भाषाएं जिसमें जापानी, चाइनीज, फ्रेंच सहित को शामिल किया गया है। पीयू द्वारा निर्णय लिया गया था कि सभी छोटे विभागों को एक ही बिल्डिंग में मर्ज कर दिया जाएगा। जिसमें उर्दू का भी नाम शामिल था। उर्दू भारतीय भाषा होने के कारण टीचिंग फैकल्टी ने इस पर आपत्ति दर्ज करवाई थी। इसके अलावा मीडिया में भी इसकी रिपोर्ट पब्लिश हुई थी। इसके बाद रविवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा ट्वीट करके पंजाब यूनिवर्सिटी वाइस चांसलर और सेंटर को मामले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा गया था।
मामले को लेकर मीटिंग सोमवार को तीन बजे होनी थी लेकिन बिना कारण बताए मीटिंग को स्थगित कर दिया गया। पहले हुई मीटिंग में डीयूआइ प्रोफेसर शंकर झा, रिसर्च डीन आरके सिंगला, फिजिक्स डिपार्टमेंट से प्रो. प्रदीप गोयल सहित पांच लोगों की कमेटी का गठन किया गया था।
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