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तीन लाख स्टूडेंट्स को बड़ी राहत, नहीं बढ़ेगी Punjab University की एग्जाम फीस

मंगलवार को सिंडीकेट की बैठक में स्टूडेंट्स की एग्जाम फीस के अलावा विभिन्न पदों पर कार्यरत अधिकारियों को एक्सटेंशन भी दिए गए।

By Edited By: Published: Tue, 28 May 2019 08:41 PM (IST)Updated: Wed, 29 May 2019 05:14 PM (IST)
तीन लाख स्टूडेंट्स को बड़ी राहत, नहीं बढ़ेगी Punjab University की एग्जाम फीस

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पंजाब यूनिवर्सिटी और इससे संबद्ध कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे तीन लाख स्टूडेंट्स को पीयू सिंडीकेट ने बड़ी राहत दी है। सिंडीकेट में एग्जामिनेशन फीस बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन सदस्यों ने मांग का विरोध किया, जिसके बाद फैसले पर रोक लगा दी गई।

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सिंडीकेट सदस्य डॉ. गुरमीत शर्मा ने कहा कि एक समय में वार्षिक एग्जाम हुआ करते थे और फीस मात्र 12 सौ रुपये होती थी, लेकिन आज एक साल को दो सेमेस्टर में कर दिया है और फीस तीन गुणा तक कर दी है। छह गुणा फीस भरनी पड़ रही है। सिंडीकेट सदस्य रजत संधीर ने कहा कि पीयू में इकनोमिकल वीकर सेक्शन के भी स्टूडेंट्स हैं, जिनकी फीस कम करने पर विचार होना चाहिए। मामले की गंभीरता को देखते हुए सब कमेटी का गठन किया गया, जोकि स्टूडेंट्स से फीडबैक लेते हुए आने वाले समय में एग्जामिनेशन फीस को बढ़ाने पर विचार करेगी।

गौरतलब है कि मंगलवार को सिंडीकेट की बैठक हुई। जिसमें स्टूडेंट्स की एग्जामिनेशन फीस के अलावा विभिन्न पदों पर कार्यरत अधिकारियों को एक्सटेंशन देने का मामला भी शामिल किया गया था। इसके अलावा सिंडीकेट में पहल के आधार पर यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले ट्रांसजेंडर स्टूडेंट्स को सामान्य स्टूडेंट्स जैसे अधिकार देने का भी समर्थन किया है।

डीएसडब्ल्यू को एक्सटेंशन देने पर बिफरे वीसी, वॉकआउट

बैठक में डीएसडब्ल्यू प्रो. इम्मैनुअल नाहर, प्रो. नीना कपिलाश और एनएसएस कोऑर्डिनेटर डॉ. नवदीप शर्मा को भी एक्सटेंशन देने पर मंजूरी दी गई। हालांकि एक्सटेंशन देने के मामले पर वाइस चांसलर प्रो. राजकुमार सिंडीकेट सदस्यों से नाखुश थे, जिसके कारण उन्होंने बैठक से चार बजे वॉकआउट कर दिया और सवा छह बजे वापस बैठक में आए। इस बैठक में वीसी को बुलाने के लिए सिंडीकेट सदस्यों ने खूब प्रयास तो किए, लेकिन वह अपने निर्णय पर अड़े रहे। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि प्रो. नाहर गोयल ग्रुप से संबंध रखते हैं, जोकि वाइस चांसलर का विरोधी माना जाता है। सदस्यों की जिद के आगे वीसी को झुकना पड़ा और एक्सटेंशन दे दी, लेकिन इस मुद्दे पर अपनी असहमति भी दर्ज करा दी।

ट्रांसजेंडर्स को सामान्य स्टूडेंट्स के समान दिए अधिकार

पंजाब यूनिवर्सिटी में ट्रांसजेंडर्स की फीस को माफ कर दिया गया है, लेकिन इसके साथ ही एक प्रतिबंध था कि वह किसी प्रकार के धरने प्रदर्शन में भाग नहीं ले सकते। बैठक में सिंडीकेट सदस्य कमल शर्मा ने कहा कि ट्रांसजेंडर्स को जब सामान्य स्टूडेंट्स के समान पढ़ने का अधिकार है, तो फिर कैंपस के अंदर उन्हें अधिकार मिलने चाहिए। जिसके बाद अब ट्रांसजेंडर्स पीयू में होने वाले धरना-प्रदर्शनों का हिस्सा बन सकेंगे। इस प्रकार का निर्णय देने वाली पंजाब यूनिवर्सिटी देश की पहली यूनिवर्सिटी बन गई है।

दस साल से काम कर रहे कर्मियों के लिए खुशखबरी

पंजाब यूनिवर्सिटी में डीसी रेट पर 350 के करीब कर्मचारी लंबे समय से काम कर रहे थे। जिनका वेतन पीयू की तरफ से नहीं बढ़ाया गया था। मंगलवार कर बैठक में निर्णय लिया कि जिस कर्मचारी के दस साल पूरे हो जाएंगे, उसे डीए और डीपी के साथ अधिकार दिए जाएंगे। यह अधिकार पाने के बाद डीसी रेट पर काम करने वाले कर्मचारियों का वेतन रेगुलर कर्मचारी के समान हो जाएगा। इस मुद्दे को नॉन टीचिंग स्टाफ यूनियन के अध्यक्ष दीपक कौशिक भी उठा चुके हैं।

एक्स फेलो को मिलेगी वर्तमान के समान सुविधाएं

पंजाब यूनिवर्सिटी के गेस्ट हाउस में पूर्व फेलो को रहने के लिए फीस का भुगतान करना पड़ता था, लेकिन सिंडीकेट बैठक में निर्णय लिया गया कि पूर्व फेलो को वर्तमान के समान सुविधाएं दी जाएंगी। जिसमें पेमेंट से लेकर खाने तक की सुविधा शामिल होगी।

डीआर कॉलेज में काम करने वाले अशोक के रुके तीन इंक्रीमेंट

पीयू के डीआर ऑफिस में काम करने वाले अशोक कुमार पर शराब पीकर बदतमीजी करने के आरोप थे, जिसके कारण उन्हें नौकरी से सस्पेंड भी कर दिया गया था। बैठक में निर्णय लिया गया कि उन्हें नौकरी से निकालने का प्रावधान इस प्रकार के आरोपों में नहीं है, लेकिन उन्हें मिलने वाले इंक्रीमेंट पर पीयू रोक लगा सकता है। जिसके बाद उन्हें अब तक मिले तीन इंक्रीमेंट को रोक दिया।

स्पेशल सीनेट को नहीं मिली मंजूरी, प्रस्ताव लीगल ओपिनियन के लिए भेजा

एसडी कॉलेज सेक्टर-32 के प्रिंसिपल डॉ. भूषण कुमार शर्मा को एक्सटेंशन देने के विरोध में सीनेट सदस्य स्पेशल सीनेट बुलाने की मांग कर रहे थे। इसका निर्णय सिंडीकेट बैठक में होना था, लेकिन मामले को लीगल ओपिनियन के लिए भेजा गया है। वहां से निर्णय आने के बाद ही एक्सटेंशन पर फैसला होगा।

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