Move to Jagran APP

पानी के रेट कम करने का प्रस्ताव पास

नगर निगम की वीरवार को हुई फिजिकल सदन की बैठक में बढ़े हुए पानी के रेट कम करने का प्रस्ताव पास किया गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 10:14 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 10:14 PM (IST)
पानी के रेट कम करने का प्रस्ताव पास
पानी के रेट कम करने का प्रस्ताव पास

राजेश ढल्ल, चंडीगढ़

loksabha election banner

नगर निगम की वीरवार को हुई फिजिकल सदन की बैठक में बढ़े हुए पानी के रेट कम करने का प्रस्ताव पास किया गया। जबकि कांग्रेस पार्षदों ने इस प्रस्ताव का यह कहते हुए सदन का बहिष्कार किया कि जारी अधिसूचना ही खारिज होनी चाहिए। सदन की बैठक देर रात तक चली। रेट कम करने का प्रस्ताव भाजपा लेकर आई थी। जबकि प्रशासन 12 सितंबर को रेट बढ़ाने की अधिसूचना जारी कर चुका है, लेकिन सदन ने पहली दो और चौथी स्लैब को छोड़कर बाकी में बदलाव करने का प्रस्ताव पास किया। सदन ने 31 से 60 किलोलीटर पानी का प्रयोग करने वालों का रेट 12 रुपये किलोलीटर से कम करके 9 रुपये की है। भाजपा पार्षदों का मानना है कि अधिकतर मध्यवर्गीय शहरवासी इसी स्लैब में आते हैं। अब यह रिवाइज प्रस्ताव मंजूरी के लिए प्रशासक के पास जाएगा। प्रशासक की मंजूरी के बाद रेट कम करने का फैसला लागू होगा।

मालूम हो कि अधिसूचना जारी होने के बाद से पानी पर कांग्रस, भाजपा और आप की राजनीति के अलावा शहरवासी भी विरोध कर रहे थे। इसके साथ ही यह भी निर्णय लिया गया है कि जो हर साल तीन फीसद का रेट बढ़ाने की अधिसूचना जारी की गई है। उसकी जगह हर तीसरे साल दस फीसद रेट बढ़ाने का प्रस्ताव लागू किया जाए। सदन ने इमारत की निर्माण के समय लिए जाने वाले कनेक्शन में प्रयोग होने वाले पानी का रेट भी 30 किलोलीटर से कम करके 20 रुपये किया है। जबकि अधिकारियों ने कहा कि प्रशासन की जारी अधिसूचना के अनुसार भी अगर पानी के रेट बढ़ा दिए जाएं तो भी 50 करोड़ रुपये का घाटा हर साल है। जबकि कमिश्नर केके यादव ने कहा कि पानी की सप्लाई से काफी ज्यादा घाटा है। उन्होंने बताया कि 215 करोड़ का खर्चा है लेकिन 75 करोड़ ही इकट्ठे हो रहे हैं। गांव और कॉलोनियों को दी गई राहत

गांव और कॉलोनियों में जहां पर मीटर कनेक्शन नहीं है वहां पर भी राहत देने का प्रस्ताव पास किया गया। इसके अनुसार 500 रुपये फ्लैट रेट को कम करके 300 किया गया है। जबकि इस समय प्रति घर से फ्लैट रेट 125 रुपये चार्ज किए जाते हैं। यहां के लोगों को मीटर लगाने के लिए छह माह का समय दिया जाएगा। इसके साथ ही पहली पानी का मिसयूज करने पर तीन हजार रुपये का जुर्मानें का रेट रखा गया है जबकि अधिसूचना के अनुसार हर बार पांच हजार रुपये का जुर्माना रखा गया है। जबकि सदन में नए प्रस्ताव में दूसरे चालान का रेट पांच हजार रखा गया है। सिचाई के लिए पीने का प्रयोग होने वाले पानी का रेट भी 30 रुपये से कम करके 25 रुपये प्रति किलोलीटर किया गया है।

यह प्रस्ताव पास किया सदन ने स्लैब रेट (प्रति किलोलीटर) वर्तमान डोमेस्टिक टैरिफ इस रेट की हुई है अधिसूचना जारी अब यह रेट किए गए है रिवाइज शून्य से 15 2 रुपये 3 रुपये कोई बदलाव नहीं 16 से 30 4 रुपये 6 रुपये कोई बदलाव नहीं 31 से 60 6 रुपये 12 रुपये 9 रुपये 60 से ऊपर 8 रुपये 24 रुपये कोई बदलाव नहीं

व्यापारियों को दी सबसे ज्यादा राहत

सबसे बड़ी राहत दुकानदारों को दी गई है। सदन ने दुकानदारों के अलावा फास्ट फूड का काम करने वालों के लिए जितना पानी का प्रयोग होता है उसके अनुसार ही बिल भेजने का निर्णय लिया है जबकि पहले सभी दुकानों का कैटगरी वाइज एक मुश्त फ्लैट रेट तय था। इसमें होटल और सिनेमा हाल भी शामिल है। कामर्शियल इमारतों पर इस रेट पर हुई थी अधिसूचना जारी कैटेगरी वर्तमान रेट अधिसूचना में इतने बढ़ाए गए थे

बूथ 770 1500 शोरूम(जनरल ट्रेड) 550 1000 शोरूम(जिस ट्रेड में पानी का होता है प्रयोग)

880 2000 होटल, सिनेमा, शापिग माल 2200 5000

कांग्रेस का एजेंडा भाजपा ने किया खारिज

पानी के रेट्स कम करने का टेंबल एजेंडा भाजपा के साथ साथ कांग्रेस भी लेकर आई थी, लेकिन भाजपा ने कांग्रेस का प्रस्ताव खारिज कर दिया। असल में कांग्रेस बढ़े हुए पानी के रेट्स पर जारी प्रशासन की अधिसूचना को खारिज करने का प्रस्ताव लेकर आए थे जिस पर भाजपा अध्यक्ष एवं पूर्व मेयर अरुण सूद ने आपत्ति जताई कि गवर्नर की ओर से जारी अधिसूचना को खारिज करने का अधिकार सदन के पास नहीं है।ऐसे में यह प्रस्ताव ही अवैध है। इसी तरह से कांग्रेस की ओर से सफाई कर्मचारियों पर भी भाजपा पार्षदों ने कहा कि उनका एजेंडा ठीक नहीं है।वह बता ही नहीं पा रहे कि कांग्रेस के पार्षद क्या चाहते हैं। कांग्रेस पार्षद दल के नेता देवेंद्र सिंह बबला और सतीश कैंथ का कहना है कि वह तो यह चाहते थे कि पुराने रेट ही लागू हो लेकिन भाजपा ऐसा नहीं चाहती थी जिस कारण उन्होंने सदन का बहिष्कार किया। भाजपा चाहती ही नहीं है कि पुराने रेट पर ही पानी मिले।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.