नगर निगम की बैठक में प्रस्ताव पारित, Property Tax पर नहीं चार्ज होगा 118 रुपये का GST
कमर्शियल इमारत का प्रॉपर्टी टैक्स जमा करवाने वालों को राहत मिलने वाली है जो इस समय प्रॉपर्टी टैक्स के अलावा 118 रुपये का gst अतिरिक्त चार्ज किया जा रहा है उससे छूट मिल जाएगी।
जेएनएन, चंडीगढ़ । कमर्शियल इमारत का प्रॉपर्टी टैक्स जमा करवाने वालों को जल्द राहत मिलने वाली है, जो इस समय प्रॉपर्टी टैक्स के अलावा 118 रुपये का जीएसटी अतिरिक्त चार्ज किया जा रहा है, उससे छूट मिल जाएगी। नगर निगम कमिश्नर केके यादव इस माह होने वाली सदन की बैठक में यह प्रस्ताव लेकर आ रहे हैं। मालूम हो कि 31 मई तक सेल्फ असेसमेंट स्कीम के तहत प्रॉपर्टी टैक्स जमा करवाने वालों को 10 प्रतिशत छूट मिल रही है।
नगर निगम के अनुसार हाउस टैक्स जमा करवाने वालों का जो जीएसटी है, वह नगर निगम खुद प्रशासन को अदा कर रहा है। हर हाउस टैक्स की वेल्यू पर 59 रुपये अतिरिक्त जीएसटी अदा कर रहा है। नगर निगम कमिश्नर केके यादव का कहना है कि जब नगर निगम हाउस टैक्स पर जीएसटी दे सकता है तो प्रॉपर्टी टैक्स पर भी जो 118 रुपये जीएसटी चार्ज किया जा रहा है, वह नगर निगम अदा कर सकता है।
उनका कहना है कि नियम बराबर होने चाहिए। इस समय ई-संपर्क सेंटर पर ही प्रॉपर्टी और हाउस टैक्स जमा हो रहा है, जबकि पिछले साल तक ओबीसी बैंक में भी टैक्स जमा करवाने की सुविधा थी, लेकिन नए वित्तीय सत्र से लोग सिर्फ इन संपर्क सेंटर पर ही टैक्स जमा करवा सकते हैं। मालूम हो कि ई-संपर्क की वेबसाइट पर ऑनलाइन टैक्स जमा करवाने पर जीएसटी चार्ज नहीं होता है।
लोगों को हो रही थी परेशानी
इस समय 118 रुपये अतिरिक्त चार्ज होने का नुकसान यह था कि एक तो इसकी जानकारी ईमारत के मालिक को ई-संपर्क में आकर ही मिलती थी, क्योंकि नगर निगम की ओर से जो टैक्स का बिल भेजा जाता है, उसमें यह राशि नहीं जुड़ी हुई है। ऐसे में लोग बिल नोटिस में दी गई वेल्यू का चेक बनाकर ई संपर्क में जाते हैं। वहां जाकर पता चलता है कि 118 रुपये अतिरिक्त चार्ज होंगे। जबकि ई-संपर्क सेंटर में निवासी को फिर से चेक बनाकर आना पड़ता है। 118 रुपये जीएसटी कैश में नहीं लिए जाते हैं। इस मामले को लेकर कई शहरवासी नगर निगम में आकर अधिकारियों के साथ बवाल भी कर चुके हैं। शहर में 25 हजार कमर्शियल इमारतें हैं, जिनसे प्रॉपर्टी टैक्स चार्ज किया जाता है। जबकि 80 हजार घर हैं, जिनसे हाउस टैक्स चार्ज किया जाता है।
एमसी की गलती का खामियाजा भुगत रहे हैं शहरवासी
इस समय नगर निगम की गलती का खामियाजा इस समय शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है, क्योंकि नगर निगम की ओर से ऐसे लोगों को भी नोटिस भेजे जा रहे हैं, जिन्होंने अपनी कमर्शियल ईमारत का प्रॉपर्टी टैक्स जमा करवा दिया है। लेकिन अब लोगों को खुद यह नगर निगम आकर साबित करना पड़ रहा है कि उन्होंने पिछले सालों का टैक्स जमा करवा दिया है, लेकिन सैकड़ाें लोग ऐसे हैं, जिन्होंने पिछले सालों में टैक्स तो जमा करवा दिया है, लेकिन उन्होंने पुरानी रसीदें संभाल कर नहीं रखी हैं। ऐसे में जो जो लोग रसीद नहीं दिखा पा रह है उन्हें फिर से टैक्स जमा करवाना पड़ रहा है। लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि नगर निगम को भी अपना रिकॉर्ड संभालना चाहिए था ऐसे में रेजिडेंट्स कब तक अपनी पुरानी रसीदें संभाल कर रखें।
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