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लॉकडाउन के बाद बढ़े प्रॉपर्टी डिस्प्यूट के केस

डिस्प्यूट के केस बढ़े हैं। प्रॉपर्टी डिस्प्यूट के मामलों में 40 फीसद बढ़ोतरी हुई है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 05:38 AM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 05:38 AM (IST)
लॉकडाउन के बाद बढ़े प्रॉपर्टी डिस्प्यूट के केस

विशाल पाठक, चंडीगढ़ : लॉकडाउन के बाद से शहर में प्रॉपर्टी डिस्प्यूट के केस बढ़े हैं। प्रॉपर्टी डिस्प्यूट के मामलों में 40 फीसद बढ़ोतरी हुई है। सब रजिस्ट्रार ऑफिस में इन दिनों प्रॉपर्टी डिस्प्यूट से जुड़े ज्यादातर केस दर्ज किए जा रहे हैं। ये केस सब रजिस्ट्रार ऑफिस और एस्टेट ऑफिस में आ रहे हैं। लॉकडाउन में बंद होने के कारण रेंट पर जो शोरूम, दुकानों और बूथ दिए गए थे। उनका पांच से छह महीने तक रेंट जमा नहीं हुआ है। ऐसे में प्रॉपर्टी डिस्प्यूट के केस बढ़े हैं। ऐसे 150 से ज्यादा प्रॉपर्टी डिस्प्यूट के केस पेंडिग पड़े हैं। आंकड़ों की मानें तो सबसे ज्यादा प्रॉपर्टी डिस्प्यूट के केस ईस्ट और सेंट्रल डिविजन में सामने आए हैं। यह दोनों ही डिविजन शहर के बिजनेस प्वाइंट माने जाते हैं। ईस्ट डिविजन यानी सेक्टर-26, 7, 8 और 9 में शहर की नाइट लाइफ से जुड़े बिजनेस खुले हैं। मध्यमार्ग पर शहर की नाइट लाइफ का चकाचौंध करने के लिए नाइट क्लब, डिस्कोथेक, बार, होटल और रेस्टोरेंट्स खुले हैं। जिनसे हर महीने प्रशासन को टैक्स के रूप में 150 करोड़ से ऊपर का रेवेन्यू आता है। सेंट्रल डिविजन शहर की सबसे बड़ी सर्विस मार्केट

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सेंट्रल डिविजन में शहर के सबसे महंगे शोरूम, होटल, इंडस्ट्री और बिजनेस प्लेस हैं। सेंट्रल डिविजन में सेक्टर-22, 21, 34 और 33 सेक्टर में सबसे ज्यादा सर्विस सेक्टर से जुड़ा बिजनेस हैं। जैसे मोबाइल मार्केट, कंप्यूटर मार्केट, टेक्सटाइल और दूसरे सर्विस सेक्टर से जुड़े बिजनेस हैं। ऐसे में यहां लॉकडाउन के बाद से रेंट जमा न करने के कारण प्रॉपर्टी डिस्प्यूट के केस बढ़े हैं। प्रशासन को 100 करोड़ से ऊपर का नुकसान

प्रॉपर्टी डिस्प्यूट के केस बढ़ने से प्रशासन को करीब हर महीने 100 करोड़ रुपये के रेवेन्यू का नुकसान हो रहा है। प्रॉपर्टी डिस्प्यूट के चलते पहले बिल्डिंग मालिकों को जो रेंट और लीज के रूप में रेवेन्यू आता था। प्रशासन को उससे भी कमाई होती थी। लेकिन अब प्रॉपर्टी डिस्प्यूट के चलते ये सभी केस पेंडिग पड़े हैं।


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