Move to Jagran APP

'नानक शाह फकीर' के निर्माता का दावा- मेरी लिखी कहानी पर बनी 'राजी', नहीं मिला क्रेडिट

लेखक हरिंदर सिंह सिक्का ने फिल्‍म निर्देशक मेघना गुलजार पर गंभीर आरोप लगाए हैं सिक्‍का का कहना है कि उनकी कहानी पर बनी फिल्‍म सिक्‍का में उनको क्रेडिट नहीं दिया गया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 21 Jul 2020 08:12 AM (IST)Updated: Tue, 21 Jul 2020 08:12 AM (IST)
'नानक शाह फकीर' के निर्माता का दावा- मेरी लिखी कहानी पर बनी 'राजी', नहीं मिला क्रेडिट
'नानक शाह फकीर' के निर्माता का दावा- मेरी लिखी कहानी पर बनी 'राजी', नहीं मिला क्रेडिट

चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। एक कश्मीरी महिला ने 1971 के युद्ध के दौरान पाकिस्तान में जासूसी कर कई महत्वपूर्ण जानकारियां बटोरी थीं। उसकी जिंदगी पर आधारित फिल्म 'राजी' को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। इस कहानी के मूल लेखक और भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी हरिंदर सिंह सिक्का ने आरोप लगाया है कि फिल्म की डायरेक्टर मेघना गुलजार ने पूरी फिल्म से उन्हें आउट कर दिया। उन्हें कहीं भी क्रेडिट नहीं दिया।

loksabha election banner

मेघना गुलजार ने एसजीपीसी से विवाद का फायदा उठाया

सिक्‍का का कहना है कि यहां तक की उनकी कहानी की सत्यता के साथ छेड़छाड़ की है। फोन पर खास बातचीत में सिक्‍का ने पूरे मामले पर अपना पक्ष रखा और मेघना गुलजार पर गंभीर आरोप लगाए। यह पूछे जाने पर कि 2019 में बनी इस फिल्म के रिलीज होने के बाद अब हरिंदर सिंह सिक्का मीडिया के सामने क्यों आए हैं, उन्होंने फोन पर बताया कि फिल्म एक्टर सुशांत सिंह के आत्महत्या की घटना ने उन्हें झकझोर कर रख दिया है। इसलिए मैं सामने आया हूं, ताकि कोई और सुशांत इस दुनिया न चला जाए।

यूं ही परिवारवाद चलता रहा तो कई सुशांत सिंह आत्महत्या कर लेंगे

हरिंदर सिंह सिक्का ने 'नानक शाह फकीर' जैसी फिल्म बनाकर गुरु नानक साहिब के दर्शन को पूरी दुनिया के सामने रखा था। वह दिल्ली में रहते हैं। उन्होंने एक चैनल में यह मुद्दा उठाया था। जागरण से फोन पर विशेष बातचीत में उन्होंने कहा, 'गुलजार ने अपनी बेटी मेघना गुलजार को 'राजी' का सारा क्रेडिट देने के लिए न केवल उनका नाम फिल्म के लेखक से हटवा दिया, बल्कि इस फिल्म को लेकर जयपुर फेस्टिवल में रखी चर्चा के लिए भी मुझे आने नहीं दिया।'

सिक्का बताते हैं कि मुझे तो फिल्म के निर्माण के दौरान ही पता चल गया था कि इसमें कई बदलाव किए जा रहे हैं, चूंकि मैं उन दिनों अपनी फिल्म नानक शाह फकीर के रिलीज को लेकर खड़े हुए विवाद और एसजीपीसी से रिलीज करवाने को लेकर चल रही प्रक्रिया में व्यस्त था। इसका फायदा उठाते हुए मेघना गुलजार ने मेरी कहानी में कई अहम बदलाव कर दिए। हमारे बीच अनुबंध था कि अगर मुझे फिल्म में किए गए बदलाव पसंद नहीं आए तो मैं फिल्म को रुकवा सकता हूं। इसीलिए मुझे नानक शाह फकीर में उलझा देखकर मेघना ने न केवल बदलाव कर दिए बल्कि कहानी से मेरा नाम भी निकाल दिया।

सिक्का ने बताया कि उन्होंने उस कश्मीरी महिला सहमत (काल्पनिक नाम) पर कहानी लिखी, जिसने 1971 के युद्ध के दौरान कई महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध करवाईं थीं।  सहमत के दम पर युद्धपोत आइएनएस विराट को तबाह करने की नापाक साजिश को कामयाब नहीं होने दिया गया। पाकिस्तान मेरी इस किताब से भी नाराज था। पाकिस्तान की शरण में बैठे  खालिस्तानी आतंकियों ने ही इस खुन्नस में उनकी फिल्म नानक शाह फकीर पर पाबंदी लगवाई। उन्होंने इस्लामाबाद में भारतीय हाई कमिश्नर के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन भी किया था।

नानक शाह फकीर पास करने के लिए मांगे गए थे दस करोड़

सिक्का ने आरोप लगाया कि श्री अकाल तख्त साहिब के तत्कालीन जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन ङ्क्षसह ने पहले ही उनकी फिल्म कई संगठनों के साथ देखकर फिल्म को मंजूरी दे दी थी, लेकिन वह खालिस्तानियों के दबाव में आ गए। मुझसे कहा गया कि इसमें बदलाव करने होंगे। मैंने पांच करोड़ रुपये खर्च करके बदलाव किए तो एक बड़े अकाली नेता ने उनसे फिर पास करने के लिए दस करोड़ रुपये की मांग की।

सिक्का ने कहा कि मैंने उस अकाली नेता से साफ कह दिया कि मैंने यह फिल्म पैसा कमाने के लिए नहीं बनाई है? मेरे लिए नानक शाह फकीर बहुत अहम थी। मेरी इस उलझन का ही मेघना गुलजार और उसके पिता ने फायदा उठाया। फिल्म में बदलाव करके मेघना ने मेरी पीठ में छुरा घोंपा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.