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Private school नहीं बढ़ा सकेंगे शुल्क, लॉकडाउन के दौरान सिर्फ ले सकते हैं Tuition fee

School Fee स्कूल लॉकडाउन की अवधि के लिए छात्रों से ट्रांसपोर्ट फीस यूनिफार्म शुल्क भवन शुल्क मैस चार्ज एडमिशन फीस या अन्य किसी प्रकार का शुल्क नहीं लेंगे।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 14 May 2020 09:10 PM (IST)Updated: Fri, 15 May 2020 10:36 AM (IST)
Private school नहीं बढ़ा सकेंगे शुल्क, लॉकडाउन के दौरान सिर्फ ले सकते हैं Tuition fee
Private school नहीं बढ़ा सकेंगे शुल्क, लॉकडाउन के दौरान सिर्फ ले सकते हैं Tuition fee

जेएनएन, चंडीगढ़। निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों को बड़ी राहत देते हुए पंजाब सरकार ने कहा है कि पंजाब में कोई भी निजी स्कूल इस साल फीस नहीं बढ़ाएगा। हालांकि पंजाब के शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला द्वारा वीरवार को जारी आदेशों के अनुसार, लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन शिक्षा देने वाले स्कूल छात्रों से सिर्फ ट्यू्शन फीस वसूल सकेंगे। स्कूल इस अवधि के लिए छात्रों से ट्रांसपोर्ट फीस, यूनिफार्म शुल्क, भवन शुल्क, मैस चार्ज, एडमिशन फीस या अन्य किसी प्रकार का शुल्क नहीं लेंगे।

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शिक्षा मंत्री सिंगला ने बताया कि निजी स्कूलों को इस वर्ष फीस या कोई अन्य शुल्क को न बढ़ाने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना वायरस से बचाव के लिए लगे लॉकडाउन से लोगों को पेश आ रही वित्तीय दिक्कतों के प्रति संजीदा है, इसलिए छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा दे रहे स्कूल सिर्फ ट्यू्शन फीस लेंगे और जो स्कूल ऑनलाइन कक्षाएं नहीं ले रहे वे छात्रों से कोई फीस नहीं लेंगे।

उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस लेने की इजाजत इसलिए दी गई है, ताकि वे अपने शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन तथा अन्य खर्चों की भरपाई कर पाएं। सिंगला ने कहा कि पंजाब सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेशों के अनुसार यह आदेश जारी किए हैं। सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को यह आदेश दिए गए हैं कि वे इस बात को सुनिश्चित बनाएं कि कोई स्कूल छात्रों से ट्यू्शन फीस के अलावा कोई अन्य शुल्क न वसूले।

उन्होंने कहा कि फीस देने में देरी होने पर कोई भी स्कूल किसी छात्र को निकाल नहीं सकता। आदेशों में सभी स्कूलों को छात्रों से मासिक फीस लेने को कहा है, ताकि अभिभावकों को तिमाही की फीस एक साथ देने की दिक्कत न झेलनी पड़े। सिंगला के अनुसार, सरकार ने अपने आदेशों में स्पष्ट किया है कि कोई भी स्कूल न तो अपने किसी शिक्षक या कर्मचारी का वेतन रोक या कम नहीं कर सकता।

इसके अलावा, स्कूल प्रबंधनों को आदेश दिए गए हैंं कि वे लॉकडाउन या वित्तीय दिक्कतों का हवाला देकर किसी कर्मचारी को न निकालें। ऐसा करने वाले स्कूलों के खिलाफ सरकार सख्त कदम उठाएगी। निजी स्कूलों पर नजर रखने के लिए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी करने के साथ सरकार ने एक एक्शन कमेटी का भी गठन कर दिया है जो सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों की अनदेखी करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई करेगी।


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