पंजाब में निजी बसों की हड़ताल, यात्री परेशान
चंडीगढ़: पंजाब में प्राइवेट बस संचालक शनिवार को हड़ताल पर चले गए। इससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सबसे अधिक परेशानी स्कूली बच्चों व रोज अपने कार्यालय जाने वाले कर्मचारियों हो रही है। कई जगह तो निजी स्कूलों में अवकाश की घोषणा कर दी गई।
चंडीगढ़: पंजाब में प्राइवेट बस संचालक शनिवार को हड़ताल पर चले गए। इससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सबसे अधिक परेशानी स्कूली बच्चों व रोज अपने कार्यालय जाने वाले कर्मचारियों हो रही है। कई जगह तो निजी स्कूलों में अवकाश की घोषणा कर दी गई।
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शुक्रवार को निजी बस कंपनियों के मालिकों की बैठक हुई थी। इसमें सर्वसम्मति से निजी बसों की हिफाजत व उसमें तैनात कर्मचारियों की सुरक्षा की मांग को लेकर शनिवार को एक दिवसीय हड़ताल करने का फैसला लिया गया था। हड़ताल की वजह से राज्य में करीब पांच हजार बड़ी और 4860 मिनी बसें नहीं चल रही हैं।
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मालवा प्राइवेट बस आपरेटर यूनियन के नेता बलतेज सिंह व मिनी बस ऑपरेटर यूनियन के प्रधान हरविंदर सिंह हैप्पी ने कहा कि दो दिन पहले श्री मुक्तसर साहिब व कोटकपूरा में न्यू दीप की एक बस पर 13 व 15 साल की दो लड़कियों ने बस कंडक्टर व चालक पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है। इस मामले को एक साजिश के तहत उछाला जा रहा है, ताकि फरीदकोट वाली घटना को क्रास केस में बदलकर लाभ लिया जा सके। इसी के विरोध में यह हड़ताल की जा रही है।
लुध्ाियाना, जालंधर, पटियाला, बठिंडा, मुक्तसर साहिब, संगरूर, अमृतसर, पठानकोट सहित पूरे प्रदेश में प्राइवेट बसें नहीं चल रही है। इससे ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों में लोगाें को परेशानी हो रही है। रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ देखी जा रही है।
बस स्टैंडों पर सुबह से ही यात्री बसों के इंतजार में हैं। सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण क्षेत्र की तरफ जाने वाले यात्रियों को करना पड़ रहा है, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन का एकमात्र साधन निजी बसें ही हैं। बरनाला में हड़ताल के कारण कई स्कूलों को बंद करना पड़ा। हड़ताल से सरकारी कार्यालयों में दूरदराज से आने वाले नौकरी पेशा लोग भी अपने कार्यालयों में नहीं पहुंच पाए।
जालंधर, मानसा, होशियारपुर आदि इलाकों में निजी ऑपरेटरों ने सरकारी बसों को रोकने का भी प्रयास किया। आज सरकारी बसें खचाखच भरी नजर आ रही हैं और रेलवे स्टेशनों पर भी यात्रियों की भीड़ उमड़ी हुई है।
राज्य में ऑर्बिट कांड होने से बाद बसों में छेडख़ानी के कई मामले सामने आए। इसके बाद पुलिस ने निजी बस ऑपरेटरों पर शिकंजा कसा है। निजी ऑपरेटर बिना जांच के दर्ज किएमामले रद करने की मांग कर रहे हैं।