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पंजाब में प्रिंसिपल चीफ सेक्रेटरी सुरेश कुमार पर फिर संशय, कैबिनेट मीटिंग में नहीं हुए शामिल, मनाने में जुटे कैप्टन

पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रिंसिपल चीफ सेक्रेटरी सुरेश कुमार कैबिनेट मीटिंग में शामिल नहीं हुए। कैप्टन ने उन्हें मनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 23 Jul 2020 09:15 AM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 09:26 AM (IST)
पंजाब में प्रिंसिपल चीफ सेक्रेटरी सुरेश कुमार पर फिर संशय, कैबिनेट मीटिंग में नहीं हुए शामिल, मनाने में जुटे कैप्टन
पंजाब में प्रिंसिपल चीफ सेक्रेटरी सुरेश कुमार पर फिर संशय, कैबिनेट मीटिंग में नहीं हुए शामिल, मनाने में जुटे कैप्टन

चंडीगढ़ [इन्द्रप्रीत सिंह]। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक बार फिर अपने चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार को मनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। उनके इस्तीफे की चर्चा जोरों पर हैं। बताया जाता है कि बुधवार को मुख्यमंत्री ने अपने ओएसडी एमपी सिंह को सुरेश कुमार के पास भेजा और मैसेज दिया कि वह फार्म हाउस वाले आवास पर आकर मिलें। सुरेश कुमार को मनाने के लिए एक-दो और सीनियर अफसरों ने भी उनके साथ मीटिंंग की और अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए कहा।

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सूत्रों का कहना है कि सुरेश कुमार बुधवार शाम को मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे और दोनों के बीच लंबी बैठक हुई। सुरेश कुमार ने इस मामले में पूरी तरह चुप्पी साधी हुई है। वह किसी से कोई बात नहीं कर रहे। यहां तक कि वह बुधवार को कैबिनेट की मीटिंग में भी शामिल नहीं हुए। इसमें सीएम ऑफिस की ओर से सीएम के प्रिंसिपल सेक्रेटरी तेजवीर सिंह शामिल हुए।

गौरतलब है कि सुरेश कुमार ने मंगलवार को अपना सारा स्टाफ लौटाने के लिए अपने अधीनस्थ अधिकारियों को बोल दिया था। हालांकि, सीएमओ ने अभी स्टाफ जनरल एडमिनिस्ट्रेशन को नहीं लौटाया है। उनके स्टाफ को लौटाने से साफ जाहिर था कि उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने मुख्यमंत्री को कोई इस्तीफा न मिलने की बात जरूर कही थी, लेकिन पता चला है कि उन्होंने मुख्यमंत्री से कह दिया था कि उन्होंने सितंबर में जो इस्तीफा दिया था, वह सीएम के पास ही लंबित है। उसे ही स्वीकार कर लिया जाए।

गौरतलब है कि 1983 बैच के रिटायर्ड अधिकारी सुरेश कुमार को 2017 में सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपना चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी नियुक्त किया था। उन्हें कैबिनेट सेक्रेटरी रैंक की सभी सुविधाएं प्राप्त हैं, लेकिन उनकी नियुक्ति को रमनदीप सिंह नाम के व्यक्ति ने चुनौती दी हुई है। इस पर कोई फैसला न होने से सुरेश कुमार निराश हैं। इसी निराशा के चलते उन्होंने अपने पद से तीन बार इस्तीफा दे दिया, लेकिन मुख्यमंत्री ने उन्हें मना लिया। अब जबकि चौथी बार उन्होंने अपना पद त्यागने का मन बना लिया है तो मुख्यमंत्री ने फिर से उन्हें मनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं।

थोड़ी नाराजगी भी

पिछले दिनों चीफ सेक्रेटरी की नियुक्ति को लेकर भी उनकी न चलने से वह नाराज दिखाई दिए। सुरेश कुमार विश्वजीत खन्ना को चीफ सेक्रेटरी बनाना चाहते थे। ईमानदार और सुलझे हुए अफसर माने जाने वाले सुरेश कुमार और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच काफी अच्छी केमिस्ट्री है। कैप्टन तो यहां तक कह चुके हैं कि जब तक वह चीफ मिनिस्टर हैं तब तक सुरेश कुमार ही उनके चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी रहेंगे।


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