High Court ने जीएमसीएच में एमडी-एमएस में यूटी का कोटा घटाने के आदेशों पर लगाई रोक
गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सों में दाखिले के लिए बनाए चंडीगढ़ पूल को रद करने के पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : चंडीगढ़ के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसीएच-32) में पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सों में दाखिले के लिए बनाए चंडीगढ़ पूल को रद करने के पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने 24 अप्रैल के आदेशों में जीएससीएच में चंडीगढ़ पूल की 32 सीटों को नीट की मेरिट सूची के आधार पर भरे जाने के आदेश दिए थे और इन आदेशों से जीएससीएच में चंडीगढ़ पूल से किए गए 32 दाखिले भी रद हो गए थे। गौरतलब है कि जीएमसीएच में एमडी और एमएस कोर्सो में कुल 128 सीटें उपलब्ध हैं। इनमें से पिछले वर्ष तक 64 सीटें ऑल इंडिया और 64 सीटें यूटी कोटा से भरी जाती थी, जो जीएमसीएच से एमबीबीएस करने वाले छात्रों को ही मिलती थी।
पिछले वर्ष हाईकोर्ट ने जारी किए थे आदेश
पिछले वर्ष हाईकोर्ट के आदेशों के बाद इस वर्ष चंडीगढ़ प्रशासन ने यूटी कोटा की 64 सीटों को विभाजित करते हुए 32 सीटें जीएमसीएच के छात्रों और 32 सीटें चंडीगढ़ निवासी परंतु अन्य मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस करने वाले छात्रों के लिए आरक्षित कर दी। इस व्यवस्था के खिलाफ दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में कहा था कि चंडीगढ़ प्रशासन, इंस्टीट्यूशनल प्रेफरेंस के तहत 32 सीटों को आरक्षित करने के बाद चंडीगढ़ पूल के लिए भी सीटें आरक्षित नहीं कर सकता।
सुनवाई दो जुलाई तक स्थगित
हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे चंडीगढ़ प्रशासन ने अपनी याचिका में कहा कि हाईकोर्ट के आदेशों से चंडीगढ़ में ऑल इंडिया कोटे की सीटें 50 प्रतिशत से बढ़कर 75 प्रतिशत हो गई हैं, जोकि चंडीगढ़ के छात्रों से अन्याय है। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल हाईकोर्ट के आदेशों पर रोक लगाते हुए सुनवाई को 2 जुलाई तक स्थगित कर दिया है।
भविष्य में 150 सीटें होने की उम्मीद
बीते काफी समय से जीएमसीएच में एमबीबीएस कोर्स की सीटों को 100 से बढ़ाकर 150 किए जाने की मांग की जा रही है। सीटें बढ़ाने को लेकर इंडियन मेडिकल काउंसिल की ओर से कोर्स शुरू करने से पहले इंस्पेक्शन की जा चुकी है, लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर और जरूरी प्रोफेसरो की कमी के कारण अभी सीटें बढ़ाने को हरी झंडी नहीं मिल पाई है। ट्राईसिटी से हर साल करीब 15 हजार स्टूडेंट्स नीट परीक्षा में अपीयर होते हैं। लेकिन स्थानीय स्तर पर एमबीबीएस की सीटें कम होने के कारण काफी कम स्टूडेंट्स को ही दाखिला मिल पाता है। हाईकोर्ट द्वारा कोटा घटाने से लोकल स्टूडेंट्स के लिए सीटें और भी कम हो जाती।
जीएमएसएच-16 में भी एमबीबीएस शुरू करने का प्रपोजल
चंडीगढ़ में अभिभावकों और स्टूडेंट्स के बढ़ते दबाव के कारण सीटों को 200 करने की मांग की जा रही है। सीटें बढ़ाने को लेकर स्थानीय सांसद किरण खेर और बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष संजय टंडन भी कई बार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मांग कर चुके हैं। टंडन का कहना है कि जीएमएसएच-16 में भी एमबीबीएस की 50 सीटें शुरू करने को लेकर काफी समय से प्रयास किया जा रहा है। उम्मीद है इस ओर स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से आने वाले समय में मंजूरी मिल जाए। टंडन के अनुसार चंडीगढ़ के काफी स्टूडेंट मेडिकल फील्ड में जाने के लिए हर साल तैयारी करते हैं।
मेडिकल कॉलेज की बेहतर रैंकिंग, दाखिले को मारामारी
जीएमसीएच-32 की गिनती अब देश के टॉप मेडिकल कॉलेजों में होने लगी है। देशभर के स्टूडेंट्स हर साल यहां दाखिल के लिए आवेदन करते हैं। यहां पर मेडिकल सीटों पर दाखिले के लिए काफी हाई मेरिट जाती है। हाल ही में करियर 360 द्वारा जारी मेडिकल कॉलेजों की रैंकिंग में जीएमसीएच को देश भर में 9वां स्थान मिला है। कॉलेज की रैंकिंग में लगातार इजाफे के कारण भी दाखिले को लेकर अधिक डिमांड रहती है।
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