मुख्तार अंसारी मामले में बड़े एक्शन की तैयारी, मंत्री बैंस ने CM को रिपोर्ट सौंपी, जेल में VIP ट्रीटमेंट देने के सबूत मिले
यूपी के बाहुबली मुख्तार अंसारी को पंजाब की जेल में वीआइपी ट्रीटमेंट के मामले में जल्द बड़ी कार्रवाई की तैयारी है। इस संबंध में जेल मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने सीएम भगवंत मान को रिपोर्ट सौंप दी है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब के जेल मंत्री हरजोत बैंस ने कहा है कि राज्य की पिछली सरकार के दौरान उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को पंजाब की जेल में रखने और उनके साथ उनकी पत्नी के रहने के मामले में कई बड़े लोगों का हाथ था।
बैंस मंगलवार को यहां मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस संबंधी हुई जांच की फाइल मुख्यमंत्री भगवंत मान को भेज दी गई है और जल्द ही इस मामले में बड़ी कार्रवाई होगी। जेल मंत्री बैंस ने यह जानकारी मुख्तार अंसारी को रूपनगर की जेल में रखकर वीआइपी ट्रीटमेंट दिए जाने के सवाल के जवाब में दी।
दरअसल, बैंस ने खुद विधानसभा सत्र में यह जानकारी देते हुए कहा था कि उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के मामले में केस दर्ज करके जांच के आदेश दे दिए हैं।
मंगलवार को इस बारे में हुई जांच को लेकर जब जेल मंत्री बैंस से सवाल किया गया तो उन्होंने दावा किया कि मामले की जांच पूरी हो चुकी है। इसके बाद बैंस से बार-बार सवाल किए गए, लेकिन उन्होंने इससे ज्यादा जानकारी देने से इन्कार कर दिया। हालांकि उन्होंने इतना जरूर कहा कि मामले के तार दिल्ली से जुड़े हैं और आने वाले दिनों में बड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जेल मंत्री बैंस ने जेल विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि भगवंत मान सरकार द्वारा सत्ता संभालने के बाद आज तक पंजाब राज्य की अलग-अलग जेलों से 2829 मोबाइल फोन और 1544 सिम जब्त किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा जेलों में मोबाइल फोन के प्रयोग संबंधी जीरो टालरेंस नीति अपनाई गई है और इन मामलों में कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी अमल में लाई गई है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा लिए गए फैसले के अनुसार अब जिस कैदी के पास से मोबाइल फोन मिलेगा, उसका जि़ला पुलिस द्वारा रिमांड लिया जाएगा।
बैंस ने कहा कि जेलों में मोबाइल सिगनल को जाम करने के लिए जैमर लगाए जाने के लिए देश की नामी सरकारी कंपनियां जिनमें बीएसएनएल, बीईसीआइएल, ईसीआइएल और बीईएल के साथ बातचीत चल रही है। उन्होंने बताया कि अब तक 26000 कैदियों का ड्रग सर्वे करवाया जा चुका है, जिनमें से 2600 के करीब नशा-पीड़ित कैदियों ने नशा छोड़ने की इच्छा जताई है।