बाजवा के कैप्टन अमरिंदर पर स्टैंड में बदलाव, कहा - वह हमारी पार्टी के सीएम और टीम का एक ही होता है कैप्टन
कभी कैप्टन अमरिंदर सिंह पर ताबड़तोड़ जुबानी हमले करने वाले पंजाब से कांग्रेस के सांसद प्रताप सिंह बाजवा का उनके प्रति स्टैंड बदल गया लगता है। उन्होंने कहा है कि कैप्टन अमरिंदर पार्टी के सीएम हैं और टीम का कप्तान एक ही होता है और बाकी 10 खिलाड़ी होते हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन/एएनआइ। क्या पंजाब से कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा का सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंि के प्रति स्टैंड बदल गया है। कभी कैप्टन पर खुलकर सवाल उठाने वाले बाजवा ने अब उनको एक तरह से पंजाब कांग्रेस टीम का कप्तान मान लिया है। पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा ने कहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह हमारी पार्टी के मुख्यमंत्री हैं और टीम का एक ही कप्तान होता है। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से गुप्त मुलाकात की चर्चाओं गर्माने के बाद पूरे मामले में सफाई दी । उन्होंने कहा कि उनकी और कैप्टन अमरिंदर सिंह की इस तरह की कोई मुलाकात नहीं हुई है। बाजवा ने नवजोत सिंह सिद्धू से किसी तरह की समस्या से भी इन्कार किया।
गुप्त मुलाकात पर सियासत गर्माई तो दी सफाई, कहा- कैप्टन से नहीं हुई मुलाकात
बता दें कि पंजाब कांग्रेस में वर्षों से एक-दूसरे के विरोधी माने जाने वाले बाजवा की कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ मुलाकात की चर्चाओं से राज्य की सियासत गमाई हुई है। इसके बाद बाजवा ने आज मीडिया से बात कर पूरे मामले में अपनी सफाई दी। बाजवा शुक्रवार को पत्रकारों के साथ बातचीत कर रहे थे। उन्होंने पुनः दोहराया कि उनकी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ कोई बैठक नहीं हुई है। हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह हमारी पार्टी के मुख्यमंत्री हैं और टीम में एक ही कप्तान होता है व 10 खिलाड़ी होते हैं।
बाजवा ने पुनः दोहराया कि सरकार को चुनाव के दौरान जो वायदे किए थे उसे पूरा करना चाहिए। खास तौर से गुरु से जुड़े हुए जो वायदे किए है, उसे पूरा ही करना चाहिए। सरकार ने बेअदबी और गोलीकांड के मामले में इंसाफ दिलवाने का वायदा किया था। बाजवा ने इस बात से तो इंकार किया कि उनकी मुख्यमंत्री के साथ कोई बैठक हुई।
अलबत्ता उन्होंने यह जरूर कहा कि अगर मुख्यमंत्री उनके पास आना चाहते है तो वह आ सकते है। अगर वह आएंगे तो समूह मीडिया को बुलाया जाएगा। क्योंकि मुख्यमंत्री के साथ हमारी कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है। यह विचारों का मतभेद है। बाजवा ने कहा, मुझे जो लगाता है कि सरकार सही दिशा में नहीं जा रही है तो मैं इस पर विरोध दर्ज करवाता हूं और करवाता रहूंगा।
बाजवा ने कहा, मैं इस बात से इन्कार करता हूं कि वह (सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह) मेरे घर पर आए। ऐसी कोई मुलाकात या मीटिंग नहीं हुई है। अगर कैप्टन अमरिंदर सिंह मेरे घर आना चाहें तो उनका स्वागत है। मेरा कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ कोई भी व्यक्तिगत मसला नहीं है, बस विचाराें का अंतर है। सांसद, मंत्री, विधायक और पार्टी के कार्यकर्ता चाहते हैं कि उनको (कैप्टन अमरिंदर सिंह) को अपने चुनावी वादे पूरे करने चाहिए।
सिद्धू को मिले अहम पद, टाप पोजीशन में आने कि लिए पार्टी में बिताएं समयः बाजवा
कांग्रेस के राज्य सभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा ने कहा है कि पार्टी को नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब में अहम भूमिका देनी चाहिए। इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि अभी आप (सिद्धू) पार्टी में आए हो। टाप पोस्ट पर पहुंचने के लिए कुछ समय भी तो बिताना चाहिए। वहीं, सिद्धू को लेकर उन्होंने कहा कि जब 2017 में सिद्धू कांग्रेस पार्टी में आ रहे थे तो पंजाब के कई सीनियर नेता इसका विरोध कर रहे थे। जबकि मैंने पार्टी हाईकमान को भी यह कहा था कि सिद्धू हमारी पार्टी के लिए संपत्ति हो सकते हैं। इस बात के गवाह खुद विधायक परगट सिंह भी है।
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बाजवा कहा कि किसी बड़े पोस्ट के लिए यह जरूरी है कि नेता पार्टी का वफादार हो और अनुभवी हो। वह इस बात के हक में है कि सिद्धू को कोई अहम भूमिका दी जाए लेकिन टकसाली कांग्रेसियों का भी सम्मान किया जाना चाहिए। कमोवेश तीन सदस्यीय कमेटी के सामने सबकुछ दूध का दूध और पानी का पानी हो चुका है। सिद्धू को पार्टी में थोड़ा समय बिताना चाहिए और बाकी का पार्टी के फैसले पर छोड़ देना चाहिए।
कहा- नवजोत सिंह सिद्धू से कोई समस्या नहीं, वह भाई के तरह
प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू उनके भाई की तरह हैं। सिद्धू जब कांग्रेस में आ रहे थे तो उनको पार्टी में आने से रोकने के लिए उस समय पंजाब कांग्रेस की सीनियर लीडरशिप में मुश्लिलें खड़ी कीं। कई सीनियर नेता सिद्धू काे पार्टी में आने नहीं देना चाहते थे। इस पर मैंने हस्तक्षेप किया और उनको (नवजोत सिंह सिद्धू) कांग्रेस में शामिल करने की सिफारिश की। ऐसे में सिद्धू से किसी तरह की समस्या का सवाल ही नहीं उठता है।
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