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पंजाब में बिजली संकट, कट लगने शुरू, किसान आंदोलन से थर्मल प्लांट्स में कोयले की कमी

पंजाब में कृषि कानून के विरोध में किसान रेलवे ट्रेकों पर जमे हैं। इसके कारण राज्य में कोयला नहीं आ पा रहा। कोयले की कमी के कारण थर्मल प्लांट्स में बिजली उत्पादन लगभग बंद हो गया है। राज्य में बिजली संकट गहरा गया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 12 Oct 2020 10:13 AM (IST)Updated: Mon, 12 Oct 2020 04:51 PM (IST)
पंजाब में बिजली संकट, कट लगने शुरू, किसान आंदोलन से थर्मल प्लांट्स में कोयले की कमी
पंजाब में किसान आंदोलन से बिजली संकट। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, पटियाला/चंडीगढ़। नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के रेल रोको अभियान का पंजाब में बिजली उत्पादन पर प्रभाव पड़ना शुरू हो गया है। पंजाब में कोयला न पहुंचने के कारण सरकार की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि निजी और सरकारी थर्मल प्लांट में कोयला खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है। नियमों के अनुसार प्रत्येक थर्मल प्लांट में कम से कम 15 दिन का कोयला स्टाक होना चाहिए, परंतु थर्मल प्लांटों में इस समय कोयले की भारी कमी है।

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कोयले की कमी से बिजली उत्पादन घटा है और इसका असर प्रदेश के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में दिखने लगा है। लुधियाना, जालंधर, अमृतसर, पटियाला और मोहाली के विभिन्न हिस्सों में घोषित के साथ साथ अघोषित कट लगाए जा रहे हैैं। हालांंकि पावरकाम के अधिकारियों का कहना है कि कट बिजली सप्लाई लाइनों की मरम्मत के कारण लगाए जा रहे हैैं। प्रदेश में बिजली की आपूर्ति सुचारू बनाए रखने के लिए पावरकाम 6000 मेगावट बिजली नेशनल ग्रिड से ले रहा है। अगर प्रदेश में बिजली का उत्पादन बंद हुआ तो पावरकाम को पूरी तरह से नेशनल ग्रिड पर निर्भर होना पड़ेगा।

पावरकाम के चेयरमैन कम मैनेजिंग डायरेक्टर ए वेणु प्रसाद का कहना है कि जो पावरकट लग रहे हैं, वह बिजली सप्लाई लाइनों की मरम्मत के कार्य के कारण लग रहे हैैं। वर्तमान में राज्य में 8000 मेगावाट बिजली की मांग है। थर्मल प्लांट और हाइड्रो पावर जनरेशन से 2000 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। बाकी की व्यवस्था नेशनल ग्रिड से की जा रही है।

सरकारी थर्मल प्लांटों की सभी यूनिटें बंद

रोपड़ थर्मल प्लांट और लहरा मोहब्बत थर्मल प्लांट की सभी यूनिटें इस समय बंद हैैं। रोपड़ में केवल छह दिन तक बिजली उत्पादन के लिए 85 हजार 618 मीट्रिक टन और लहरा मोहब्बत में केवल सवा चार दिन तक के लिए 59 हजार 143 मीट्रिक टन कोयला स्टाक में है।

निजी थर्मल प्लांट के हालात

निजी क्षेत्र में राजपुरा थर्मल प्लांट में केवल पांच दिन तक बिजली उत्पादन के लिए 87 हजार 834 मीट्रिक टन और तलवंडी साबो में दो दिन के लिए 66 हजार 683 मीट्रिक टन कोयला ही मौजूद है। यहां एक यूनिट बंद की जा चुकी है।

श्री गोइंदवाल साहिब प्लांट में आज बंद हो जाएगा बिजली उत्पादन

कोयले की कमी के कारण श्री गोइंदवाल साहिब में जीवीके कंपनी का थर्मल प्लांट में सोमवार से बिजली उत्पादन बंद होने की संभावना है। 540 मेगावाट क्षमता वाले इस प्लांट की एक यूनिट (270 मेगावाट) पहले ही बंद की जा चुकी है। जबकि 270 मेगावाट की दूसरी यूनिट में केवल 148 मेगावाट बिजली ही तैयार हो पा रही है। सूत्रों के अनुसार कोयले की कमी के कारण दूसरी यूनिट भी सोमवार को काम करना बंद कर देगी। कंपनी के एचआर मैनेजर कमल महता ने कहा कि वह इस बारे में कोई जानकारी नहीं दे सकता। 


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