Positive India : पैरा ओलंपिक-2020 की तैयारियों के लिए जोड़े थे रुपये, Corona मुसीबत आई तो किए Donate
मुकेश बताते हैं कि वह सरकार के निर्णय का सम्मान करते हैं। जिंदगी है तो सब कुछ है। यह हमारे देश के लिए बहुत मुश्किल स्थिति है। जनता से अनुरोध है कि वह धैर्य रखें शांत रहें।
चंडीगढ़, जेएनएन। इंटरनेशनल पैरा टेबल टेनिस खिलाड़ी मुकेश कुमार और उनकी पत्नी पूनम ने कोरोनो वायरस से निपटने के लिए एक लाख रुपये प्रधानमंत्री राहत कोष में दिए हैं। इन दोनों खिलाड़ियों का चयन पैरा ओलंपिक 2020 के लिए हुआ है। यह पैसा उन्होंने इसी इवेंट की तैयारियों के लिए जोड़ा था, लेकिन कोरोना वायरस के चलते जब ओलंपिक स्थगित हो गया तो इन्होंने यह पैसा डोनेट कर दिया।
मुकेश बताते हैं कि वह सरकार के निर्णय का सम्मान करते हैं। जिंदगी है तो सब कुछ है। यह हमारे देश के लिए बहुत मुश्किल स्थिति है। जनता से अनुरोध है कि वह धैर्य रखें, शांत रहें और ऐसी स्थिति में घरों में रहें। जब हमारे चंडीगढ़ के सभी अधिकारी जनता को हर एक पहलू में अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहे हैं, तो अब हमारा कर्तव्य है कि हम उनके प्रयासों का सम्मान करें। हमारे पुलिस विभाग, डॉक्टरों और अस्पतालों के सभी कर्मचारियों को सलाम है, जो अनुशासन और समर्पण के साथ सिपाही की तरह अपनी मातृभूमि तथा लोगों की सुरक्षा के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं। घरों में रहें, कठिन स्थिति को खुश और मजेदार गतिविधियों में बदलें। उनके टेबल टेनिस कोच राजीव कौशल ने बताया कि इन खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीते। वे हमेशा से उच्च स्तर पर सामाजिक गतिविधियों में भाग ले रहे हैं। दिव्यांग होने के नाते यह समाज के लिए उनका महान योगदान है और समाज के लिए प्रेरणा हैं
बेटे यजत ने अपनी गुल्लक तोड़ दिए 5345 रुपये
मुकेश और पूनम के बेटे यजत कुमार ने अपने गुल्लक से पांच हजार तीन सौ पैंतालीस रुपये प्रधान मंत्री राहत कोष में दान किए हैं। यजत ने जिम्नास्ट की स्टेट चैंपियनशिप में ब्रांज मेडल जीता था। इसके अलावा मैथ्स ओलंपियाड में सिल्वर मेडलिस्ट है। भवन विद्यालय सेक्टर-33 में पढ़ने वाले यजत ने बताया कि कोरोना के चलते वह घर में रहकर पढ़ाई कर रहा है। देश मुश्किल में ऐसे में हम सभी को मिलकर इस समस्या से निपटने होंगे। सभी लोग हमारे परिवार का हिस्सा हैं इसलिए लोगों को गरीबों की मदद के लिए आगे आना होगा। जिम्नास्टिक कोच एन शशि ने बताया कि बच्चे पढ़ाई से क्या सीख रहे हैं, यह ऐसे ही मौकों पर पता चलता है। यजत की पहल सराहनीय है।
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