पानी के रेट कम करने के प्रस्ताव पर राजनीति शुरू, प्रशासक वीपी सिंह बदनौर की मंजूरी का इंतजार
नोटिफिकेशन के अनुसार अगले माह से शहरवासियों को पानी के बिल बढ़कर आने चाहिए। लेकिन भाजपा पार्षदों द्वारा सदन में पानी की रेट कम करने का प्रस्ताव पास करने से अब एक नया मोड़ सामने आ गया है।
चंडीगढ़, जेएनएन। भाजपा पार्षदों ने बढ़े हुए पानी के रेट को रिवाइज करने का बेशक प्रस्ताव पास कर दिया है। लेकिन यह फैसला तब ही लागू होगा जब प्रशासक वीपी सिंह बदनौर इसकी मंजूरी देंगे, क्योंकि इससे पहले बढ़े हुए दाम पर सितंबर में प्रशासन नोटिफिकेशन जारी कर चुका है। नोटिफिकेशन के अनुसार अगले माह से शहरवासियों को पानी के बिल बढ़कर आने चाहिए। लेकिन भाजपा पार्षदों द्वारा सदन में पानी की रेट कम करने का प्रस्ताव पास करने से अब एक नया मोड़ सामने आ गया है। भाजपा पार्षदों का यह भी मानना है कि रिवाइज करने के बाद जो बढ़े हुए रेट होंगे वह भी कोरोना काल खत्म होने के बाद लागू होने चाहिए।
वहीं, कांग्रेस के पार्षद यह मांग कर रहे हैं कि जो बढ़े हुए रेटों की प्रशासन ने अधिसूचना जारी की है, उसे ही पूरी तरह से रद कर दी जाए। प्रस्ताव पास करने के बाद भाजपा अब पानी के रेट कम करने के मुद्दे पर क्रेडिट ले रही है। अब भाजपा यह भी प्रयास कर रही है कि प्रशासन से पास हुए प्रस्ताव के अनुसार ही रेट कम कर दिए जाएं। इसके लिए भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद जल्द ही प्रशासक वीपी सिंह बदनौर से भी मिलने जा रहे हैं। जबकि फासवेक ने भी इसका विरोध किया है। फासवेक के चेयरमैन बलजिंदर सिंह बिट्टू का कहना है कि सदन ने पानी के रेट बढ़ाने का प्रस्ताव पहले पास किया था, ऐसे में कम करने का प्रस्ताव भी सदन को ही लेना चाहिए। इसकी मंजूरी के लिए प्रशासन के पास प्रस्ताव छोड़ दिया गया है।
मालूम हो कि नगर निगम कमिश्नर केके यादव पहले ही कह चुके हैं कि पानी की सप्लाई से भारी घाटा हो रहा है और इस समय नगर निगम की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है। कमिश्नर के अनुसार हर साल पानी की सप्लाई पर 215 करोड रुपए का खर्चा हो रहा है लेकिन लोगों द्वारा जो बिल आ रहा है, उसकी रसीद 75 करोड़ रुपये की है। ऐसे में अगर प्रशासन द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार भी पानी के रेट बढ़ा दिया जाए तो भी यह घाटा हर साल 60 से 70 करोड़ रुपये का रहेगा। वह स्मार्ट सिटी की ओर से अभी 2026 से शहरवासियों को 24 घंटे पानी की सप्लाई देने का सपना दिखाया गया है। अगर पानी की सप्लाई 24 घंटे होती है तो पानी के बिल वर्तमान के मुकाबले में 4 गुना हो जाएंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि जितने टैक्स इन पिछले चार सालों में लगे हैं, उतने टैक्स कांग्रेस के 15 साल के कार्यकाल में भी नहीं लगे हैं। इन चार साल के कार्यकाल में पार्किंग के रेट जहां तीन गुना हुए हैं। वहीं पानी के रेट भी तीन गुना बढ़ाए गए हैं। उनका कहना है कि इससे पहले भाजपा कार्यकाल में पानी के बिल पर 30 फीसद सीवरेज सेस भी लगाया गया है छाबड़ा का कहना है कि अगले साल नगर निगम के चुनाव हैं और पानी के मुद्दे पर ही शहरवासी भाजपा के खिलाफ जमकर वोट करेंगे। उनका कहना है कि नगर निगम में कांग्रेस का मेयर बनने के बाद फिर से पुराने वाले पानी के रेट लागू कर दिए जाएंगे।