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कई बार गरमाई राजनीति पर पानी की बर्बादी रोकने पर कभी प्लान नहीं बनाया

पानी के रेट को लेकर कई बार राजनीति गरमाई है। कांग्रेस और भाजपा के पार्षद आपस में कई सालों से उलझे हैं। कांग्रेस की ओर से दो माह पहले भी पानी के बढ़े हुए रेट पर प्रदर्शन किए गए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 06:54 PM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 06:54 PM (IST)
कई बार गरमाई राजनीति पर पानी की बर्बादी रोकने पर कभी प्लान नहीं बनाया
कई बार गरमाई राजनीति पर पानी की बर्बादी रोकने पर कभी प्लान नहीं बनाया

राजेश ढल्ल, चंडीगढ़

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पानी के रेट को लेकर कई बार राजनीति गरमाई है। कांग्रेस और भाजपा के पार्षद आपस में कई सालों से उलझे हैं। कांग्रेस की ओर से दो माह पहले भी पानी के बढ़े हुए रेट पर प्रदर्शन किए गए। लेकिन कभी भी किसी राजनीतिक दल ने शहर में भविष्य के लिए पानी को बचाने और बर्बादी को रोकने के लिए कभी भी मंथन नहीं किया और न ही कभी अधिकारियों पर पानी की बर्बादी कम करने के लिए दबाव बनाया गया है। इसलिए ही मिस मैनेजमेंट के कारण लीकेज के कारण पानी की बर्बादी बढ़ती गई है। इस समय पानी की 30 फीसद बर्बादी हो रही है। जबकि अगर पानी की बर्बादी कम हो जाए तो खर्चा कम हो जाएगा और रेट बढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

मई माह में भी प्रशासक की ओर से बढ़े हुए पानी के रेट पर अगले साल मार्च माह तक रोक लगाई गई। ऐसा भाजपा के दबाव में हुआ, क्योंकि इस साल दिसंबर माह में नगर निगम चुनाव है और भाजपा इसका राजनीतिक फायदा लेना चाहती है। सदन में पानी के रेट पर दर्जनों बार चर्चा हुई लेकिन किस तरह से पानी की बर्बादी को कम किया जाए। टरशरी वाटर की खपत को बढाया जाए। शहर का भूजल स्तर बढ़ाने के लिए कभी भी कोई चर्चा नहीं हुई। जबकि प्रशासन की ओर से पांच माह पहले ग्राउंड लेवल बढ़ाने के लिए कमेटी का भी गठन हुआ, लेकिन कमेटी भी अभी तक कोई सुझाव नहीं निकाल पाई है। जबकि पानी की बर्बादी को अगर कम किया जाए तो खर्चा भी कम हो जाएगा। अब नगर निगम को पानी की बर्बादी कम करने के लिए सिर्फ 24 घंटे पानी की सप्लाई शुरू करने के प्रोजेक्ट पर ही आस है। इस प्रोजेक्ट से पानी की बर्बादी 15 फीसद कम हो जाएगी। लेकिन पूरी तरह से खत्म नहीं हो पाएगी। पांच हजार कनेक्शन बिना मीटर के

इस समय शहर की कॉलोनियों और गांव में पांच हजार कनेक्शन ऐसे हैं जहां पर बिना मीटर के ही पानी की सप्लाई हो रही है। यह पांच हजार घर कितना पानी का प्रयोग कर रहे हैं इसकी कोई जानकारी नहीं है।यहां से नगर निगम की ओर से फ्लैट रेट ही चार्ज किया जा रहा है। नगर निगम को भी नहीं पता है कि इन घरों में हर माह कितनी पानी की खपत हो रही है। 109 एमजीडी हो रही है पानी की सप्लाई

इस समय शहर में प्रतिदिन 109 एमजीडी पानी की सप्लाई हो रही है। इसमें से 87 एमजीडी पानी की सप्लाई कजौली वाटर व‌र्क्स के छह फेजों से हो रही है। जबकि 22 एमजीडी पानी की सप्लाई 220 ट्यूबवेल से हो रही है। कांग्रेस और भाजपा ने हमेशा पानी पर राजनीति की है। इस समय जो पानी के रेट और बर्बादी बढ़ रहे हैं, इसके लिए कांग्रेस और भाजपा दोनो ही जिम्मेदार है। पानी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए भी कभी कोई अभियान नहीं चलाया गया।सभी को अपनी जिम्मेदारी समझकर सामूहिक अभियान चलाना चाहिए। अब वह जहां भी कार्यक्रम के लिए जाएंगे लोगों को पानी के प्रति अवेयर करेंगे।

- प्रेम गर्ग, संयोजक, आम आदमी पार्टी इस समय शहरवासियों को पानी के दुरुप्रयोग को रोकने के लिए खुद ही जागरूक होना होगा। रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशनों को खुद आगे आकर अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। लोगों को खुद ही अभियान चलाकर नगर निगम पर पानी की बर्बादी कम करने का दबाव बनाना होगा।नगर निगम को पानी बर्बाद करने वालों के चालान काटने की बजाए लोगों को अवेयर करना चाहिए।

- पंकज गुप्ता, मुख्य प्रवक्ता, फासवेक।


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