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सेक्टर-17 की पुलिस कॉलोनी हटेगी, यहां बनेगा जन सुविधा केंद्र

सेक्टर-17 की पुलिस रिहायशी कॉलोनी हटेगी। यहां पर बने 38 मकानों को खाली करवा कर जन सुविधा केंद्र का निर्माण किया जाएगा। इसमे इंटेग्रेटिड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर पुलिस कमांड एंड कंट्रोल रूम और स्काडा का सेंटर बनाया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Jul 2019 10:54 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jul 2019 06:27 AM (IST)
सेक्टर-17 की पुलिस कॉलोनी हटेगी, यहां बनेगा जन सुविधा केंद्र

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : सेक्टर-17 की पुलिस रिहायशी कॉलोनी हटेगी। यहां पर बने 38 मकानों को खाली करवा कर जन सुविधा केंद्र का निर्माण किया जाएगा। इसमे इंटेग्रेटिड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, पुलिस कमांड एंड कंट्रोल रूम और स्काडा का सेंटर बनाया जाएगा। इन प्रोजेक्ट्स के लिए बनने वाली इमारत के लिए 46 करोड़ रुपये की राशि पास की गई है। बुधवार को हुई स्मार्ट सिटी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में इस इमारत के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। अब जल्द ही इन प्रोजेक्ट्स और इमारत के लिए डीपीआर को टेक्निकल कमेटी में मंजूरी के लिए पास किया जाएगा। इसके बाद टेंडर अलॉट किया जाए। ऐसे में नगर निगम इमारत के सामने बनी पुलिस कॉलोनी के मकानों जल्द ही खाली करवा लिया जाएगा। यहां पर रहने वाले पुलिस कर्मचारी परिवारों को दूसरे सेक्टर के सरकारी मकानों में शिफ्ट किया जाएगा। मालूम हो कि सेक्टर-17 में सिर्फ यहीं 38 मकान हैं जो कि हट जाएंगे। शहर की सभी सर्विस इंटेग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर से जोड़ेगी इंटेग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर को बीईएल (बेल) द्वारा एक साल में तैयार किया जाएगा। इसके लिए बेल के साथ स्मार्ट सिटी का एमओयू हुआ है। इंटेग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर में इंस्ट्रूमेंट लगाने और वीडियो वॉल बनाने के साथ ही 210 किलोमीटर शहर में ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने के प्रोजेक्ट के 184 करोड़ पहले से पास हैं। इस इमारत में स्काडा के जरिए इंटेग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर से बिजली-पानी, एनवायर्नमेंट, टर्शरी वाटर सप्लाई, स्ट्रीट लाइट जुड़ेंगी। इंटेग्रेटिड कंट्रोल कमांड सेंटर से पुलिस कंट्रोल रूम जुड़ेगा। वहां भी पुलिस कर्मचारी बैठकर वीडियो वॉल पर पल-पल की जानकारी ले सकेंगे। इस सेंटर से शहर के इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, सेफ्टी सिटी यानी सेफ सिटी सर्विस जुड़ेगी। प्रोजेक्ट पर 32.27 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव सचिवालय में यह बैठक सलाहकार मनोज परिदा की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में स्वच्छ भारत अभियान के तहत शहर में तीन मैटिरियल रिकवरी फेसिलिटी और ट्रांसफर स्टेशन का निर्माण करने का फैसला लिया गया है। यह तीन सेंटर औद्योगिक क्षेत्र के फेज-1, 3बीआरडी के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और सेक्टर-25 वेस्ट के सालिड वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट में बनाया जाएगा। जहां पर शहर में कचरे को सेग्रीगेशन करके लाया जाएगा। यहां पर ही सूखा कचरे से प्लास्टिक में से जरूरी वस्तुएं जैसे प्लास्टिक, लोहा और अन्य चीजें निकाली जाएगी जिन्हें एमसी बेच देगा जबकि जो कचरा प्रोसेस नहीं हो पाएगा उसे डड्डूमाजरा में गारबेज प्लांट में प्रोसेस के लिए भेजा देगा। जबकि गीला कचरे को खाद बनाने के लिए भेज दिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर 32.27 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव पास किया गया है। कमिश्नर ने बताया कि इन सेंटर के बनने से शहर पूरी तरह से बिन फ्री हो जाएगा। मौजूदा रैक पिकर्स को भी इस सेंटर के कामों में शामिल किया जाएगा। शहर में जो जगह जगह सहज सफाई केंद्र बनाए गए हैं उन्हें हटा दिया जाएगा। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट अपग्रेड करने का नया प्रस्ताव पास बैठक में एक बार फिर से शहर के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट अपग्रेड करने का नया प्रस्ताव पास किया गया। सीईओ यादव ने बताया कि एनजीटी के आदेश के बाद प्लांट लगाने का खर्चा बढ़ गया है। ऐसे में जो पहले 810 करोड़ रुपये का प्रस्ताव था अब 854 करोड़ रुपये का प्रस्ताव पास किया गया है। नई तकनीक से टर्शरी वाटर ट्रीट करने से बीओडी की मात्रा एक एमजी से भी कम हो जाएगी। पांच हजार साइकिलें चलेगी शेयरिग सिस्टम पर, विज्ञापन की भी दी मंजूरी

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बोर्ड ने पब्लिक बाइक शेयरिग प्रोजेक्ट के लिए डिजिटल विज्ञापन करने की मंजूरी दे दी है। इस प्रोजेक्ट के तहत पांच हजार साइकिलें शहर में चलेंगी। 617 डॉकिग स्टेशन बनाए जाएंगे। जहां पर लोगों को साइकिल चलाने को मिलेगी। साइकिल शेयरिग सिस्टम पब्लिक प्राइवेट पार्टनशीप पर चलाई जाएगी। इसमें नोमिनल चार्ज पर लोगों को साइकिलें चलाने को मिलेगी। हर डॉकिग स्टेशन पर 8 से 9 साइकिल रखी जाएंगी। यह प्रोजेटक्ट पीपीपी माड पर चलाया जाएगा। बोर्ड की बैठक में सीईओ केके यादव ने बताया कि 256 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स के लिए पहले से टेंडर निकाल दिए गए हैं जिसके तहत 15 जुलाई तक आवेदन मांगे गए हैं। बैठक में गृह सचिव अरुण कुमार गुप्ता, वित्त सचिव अजोया सिन्हा, डीसी जितेंद्र यादव, स्मार्ट सिटी के सीईओ केके यादव, चीफ इंजीनियर मनोज बंसल, वास्तुकार कपिल सेतिया और जीएम एनपी शर्मा ने भी भाग लिया।


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