कवियों ने अपनी रचनाओं से किया ऋतिराज का स्वागत
वसंतपंचमी के उपलक्ष्य में शनिवार को साहित्यक संस्था आधारशिला की ओर से पोएट्री जंक्शन और सांझ अंबाला के सहयोग से त्रिभाषी कवि सम्मेलन व मुशायरे का आयोजन किया।
जासं, चंडीगढ़ : वसंतपंचमी के उपलक्ष्य में शनिवार को साहित्यक संस्था आधारशिला की ओर से पोएट्री जंक्शन और सांझ अंबाला के सहयोग से त्रिभाषी कवि सम्मेलन व मुशायरे का आयोजन किया। टैगोर थिएटर सेक्टर-18 में आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न कवियों और साहित्यकारों ने मौसम के तमाम रंगों को अपनी रचनाओं के माध्यम से व्यक्त किया। तीन घंटे चले कार्यक्रम में हिन्दी, पंजाबी और उर्दू के रचनाकारों ने अपनी शानदार प्रस्तुति दी। कवियों और शायरों ने इस मौके पर श्रृंगार, छायावाद, प्रगतिशील, वीर रस की रचनाएं पेश कीं। कवियों ने सामाजिक सरोकार से जुड़ी कृतियों से न केवल श्रोताओं का मनोरंजन किया, बल्कि समाज से सकारात्मक राह पर चलने की अपील भी की।
कार्यक्रम की शुरुआत अनिता सुरभि ने किया। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के आयोजन का उद्देश्य ऋतुराज के आगमन पर साहित्य प्रेमियों को देश के तमाम हिस्सों से आमंत्रित कवियों की काव्य कृतियों और नज्मों से अवगत करवाना था। इसके लिए चंडीगढ़ के अलावा पंजाब और हरियाणा के कवियों और साहित्यकारों को बुलाया गया। इसमें मुज्जफरनगर से खुर्शीद हैदर, चंडीगढ़ की डा. अनीता सुरभि, शबादीश तथा नवीन नीर, यमुनानगर से डॉ. आशोक अग्रवाल और चरनजीत चंदन, सहारनपुर से बिलाल सहारनपुरी, नई दिल्ली से सपना एहसास, मोहाली से रमन संधू, पानीपत से सोनिया अक्स, बरनाला से हजमा बिलाल निजामत और पटियाला से पारस काफिर ने अपनी कविताएं और नज्म श्रोताओं के समक्ष रखीं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण करीब दस महीने बाद इस प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिससे आम लोगों को भी साहित्य से रू-ब-रू होने का मौका मिल रहा है। कार्यक्रम को आफलाइन करने के साथ-साथ विभिन्न प्लेटफार्म पर आनलाइन भी प्रसारित किया गया।