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स्मार्ट पार्किग के नाम पर कटी जेब, चुनाव में पार्किग अहम मुद्दा

पार्किग चंडीगढ़ के लिए गंभीर समस्या बनकर उभरी है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Apr 2019 02:38 PM (IST)Updated: Sat, 13 Apr 2019 02:38 PM (IST)
स्मार्ट पार्किग के नाम पर कटी जेब, चुनाव में पार्किग अहम मुद्दा
स्मार्ट पार्किग के नाम पर कटी जेब, चुनाव में पार्किग अहम मुद्दा

बलवान करिवाल, चंडीगढ़ : पार्किग चंडीगढ़ के लिए गंभीर समस्या बनकर उभरी है। पिछले कई सालों से पार्किग का मुद्दा लगातार गर्माया रहा है। खासकर तब से जब नगर निगम ने 25 प्रमुख पार्किग स्मार्ट बनाने के लिए आर्य टोल इंफ्रा कंपनी को एमओयू कर सौंप दी थी। पार्किग तो स्मार्ट नहीं हुई, लेकिन लोगों से ली जाने वाली पार्किग फीस जरूरी कई गुणा हो गई। घंटों के हिसाब से फीस वसूली जाने लगी। एक दिन कार पार्क करने के डेढ़ सौ रुपये तक चुकाने पड़ने लगे। लोगों का गुस्सा इस मुद्दे पर नगर निगम और भाजपा के प्रति जमकर फूटा। पार्किग में स्मार्ट नाम का कुछ नहीं था, लेकिन चार्ज जरूर कई गुणा बढ़ गए थे। सांसद किरण खेर के साथ प्रशासक वीपी सिंह बदनौर तक से जवाब मांगा जाने लगा। कांग्रेस भी इस मुद्दे पर भाजपा की लगातार घेरेबंदी करती रही। अभी भी कांग्रेस प्रत्याशी पवन बंसल और प्रदीप छाबड़ा भाजपा से जवाब मांग रहे हैं। 2019 के इन लोकसभा चुनाव में पार्किग दूसरा सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है। हालांकि चुनाव से कुछ महीने पहले भाजपा की सांस में सांस तब आई, जब आर्य टोल इंफ्रा कंपनी के साथ एमसी का एमओयू पैस जमा नहीं कराने के कारण टूट गया। तब से एमसी ही पहले फ्लैट रेट पर सभी पार्किग चला रही है। इसका क्रेडिट लेने में भी भाजपा नेताओं ने कसर नहीं छोड़ी। घरों के सामने से भी उठने लगी कार

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पहली बार ऐसी नौबत आई है, जब अपने ही घर के बाहर पार्क की गई कार के टायर में भी क्लैंप लगे मिल रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस इन कारों को टो कर ले जा रही है। सेक्टर-8 सहित कई सेक्टरों में कोठियों के बाहर फ्रंट वॉल के साथ पार्क कार के चालान कट रहे हैं। लोगों में इस बात का गुस्सा है कि बिना पार्किग की उचित व्यवस्था किए प्रशासन घर के बाहर खड़ी कारों के भी चालान करवा रहा है। ऐसे मामलों में कई बार ट्रैफिक पुलिस और लोग आमने-सामने हो चुके हैं। सेक्टर-19 में घरों के बाहर से हटे लॉन

हाईकोर्ट के आदेशों पर सेक्टर-19 में सरकारी कोठियों के बाहर बनाए गए अवैध लॉन को नगर निगम ने उखाड़ दिया था। कुछ लोगों ने खुद भी इन्हें हटा लिया। फुटपाथ की जगह पर लॉन बनाने के कारण यह कार्रवाई की गई। हालांकि बाद में कोर्ट के आदेश होने पर यह कार्रवाई रुक भी गई। मध्य मार्ग के साथ लगते सभी सेक्टरों में कोठियों के बाहर कई फीट जगह घेर कर ऐसे लॉन बनाए गए हैं। पार्किग शहर का सबसे बड़ा मुद्दा है। वाहन बढ़ने के साथ शहर में पार्किग की समस्या विकराल रूप ले रही है। जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह समस्या बस से बाहर हो जाएगी। प्रशासन को शहर में पार्किग इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने की जरूरत है। स्मार्ट पार्किग के नाम पर लोगों को लूटा गया यह परेशानी लोग भूलने वाले नहीं हैं। जो भी राजनीतिक दल शहर के लिए ठोस प्लानिग कर उसे इंप्लीमेंट करेंगे, उन्हें जनता वोट देगी।

आरके गर्ग, प्रेसिडेंट, सीनियर सिटीजन एसोसिएशन वाहनों की गति जिस तेजी से बढ़ी है, उतनी तेजी से इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप नहीं हुआ। वाहनों की इस गति पर रोक लगाना बेहद जरूरी है। सेक्टरों में मल्टीलेवल पार्किग बनानी होंगी। कम्युनिटी पार्किग के साथ पॉलिसी को भी जल्द बनाकर लागू करना होगा। यह सिर्फ कागजी न होकर ग्राउंड लेवल पर लागू होनी चाहिए। साइकिल को प्रमोट करना होगा।

-हरमन सिंह सिद्धू, फाउंडर, अराइव सेफ एनजीओ भाजपा ने स्मार्ट पार्किग के सपने दिखा लोगों को लूट लिया। टोल प्लाजा से महंगी पार्किग फीस लोगों से वसूली गई। जिसमें स्मार्ट कुछ नहीं था। अब लोग चुनाव में अपनी काटी गई जेब का हिसाब लेंगे। कांग्रेस महंगी पार्किग के पक्ष में नहीं है।

-प्रदीप छाबड़ा, अध्यक्ष, चंडीगढ़ कांग्रेस


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