PM Security Breach: पीएम सुरक्षा मामले में पूर्व DGP समेत तीन पर गिरी गाज, कड़ी कार्रवाई का नोटिस जारी
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस सिफारिश पर इन सभी अधिकारियों को नोटिस जारी करके इंक्वायरी ऑफिसर के सामने अपना पक्ष रखने को कहा है। काबिले गौर है कि किसी भी अधिकारी के खिलाफ सजा देने से पूर्व उसे जवाब देने का एक मौका देना होता है।
चंडीगढ़, जागरण संवाददाता। 5 जनवरी 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई गई जस्टिस इंदु मल्होत्रा कमेटी की रिपोर्ट पर पंजाब सरकार ने पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय सहित तीन आईपीएस अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई का नोटिस जारी कर दिया है। इसके अलावा पांच अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।
मेजर पेनल्टी की सिफारिश
यह कार्रवाई केंद्रीय गृह मंत्रालय के सचिव अजय भल्ला की ओर से पंजाब सरकार को लिखे गए पत्र जिसमें उन्होंने 6 महीने से कोई कार्रवाई न किए जाने को लेकर रोष व्यक्त किया था और जवाब देने को कहा था पर की गई है। जस्टिस इंदु मल्होत्रा की कमेटी ने पूर्व डीजीपी सितार चट्टोपाध्याय , तब के डीआईजी इंद्रबीर सिंह और तब के एसएसपी फिरोज़पुर हरमनदीप सिंह को प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक के लिए प्रमुख तौर पर जिम्मेदार माना था, इसलिए उनके खिलाफ में मेजर पेनल्टी की सिफारिश की थी।
सुरक्षा में खामी का जिम्मेदार
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस सिफारिश पर इन सभी अधिकारियों को नोटिस जारी करके इंक्वायरी ऑफिसर के सामने अपना पक्ष रखने को कहा है। काबिले गौर है कि किसी भी अधिकारी के खिलाफ सजा देने से पूर्व उसे जवाब देने का एक मौका देना होता है। गृह विभाग की ओर से जारी किए गए आदेश में आगे कहा गया है कि इन तीन अधिकारियों के अलावा कुछ अन्य अधिकारियों को भी सुरक्षा में खामी का जिम्मेदार ठहराया गया है।
कारण बताओ नोटिस जारी
इनमें तब के एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर नरेश अरोड़ा, तब के साइबर क्राइम विभाग के एडीजीपी जी नागेश्वर राव , मुखविंदर सिंह छीना , तब के आईजी काउंटर इंटेलिजेंस राकेश अग्रवाल और तब के डीआईजी सुरजीत सिंह और तब के एसएसपी मोगा चरणजीत सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इन सभी अधिकारियों को अपना जवाब देने के लिए एक जांच अधिकारी कि जल्द ही नियुक्ति की जाएगी।
एक्शन टेकर रिपोर्ट मांगी
जस्टिस इंदू मल्होत्रा ने छह महीने पहले अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में जमा करवा दी थी जिसमें आठ अधिकारियों को इस चूक का जिम्मेवार ठहराया था। सभी के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा गया। केंद्र सरकार ने इस रिपोर्ट में आरोपी पाए गए सभी अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने संबंधी राज्य सरकार को पिछले साल अगस्त महीने में ही लिख दिया था, लेकिन इतना समय बीतने के बावजूद कोई कार्रवाई न होने से नाराज पिछले हफ्ते केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्य सरकार से एक्शन टेकर रिपोर्ट मांगी तो राज्य सरकार भी सक्रिय हो गई।
केंद्रीय गृह सचिव ने पूछा
दोषियों पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई। ये हो सकती है कार्रवाई किसी भी अधिकारी के खिलाफ मेजर पैनेल्टी में कई तरह की सजाओं का प्राविधान है। इनमें अधिकारी के एक बार इंक्रीमेंट को रोकना, स्थायी तौर पर इंक्रीमेंट रोकना, पद से डिमोट करना, मूल पद पर भेज देना जहां से अधिकारी ने अपनी सर्विस शुरू की हो और सेवा से बर्खास्त करना। लेकिन इससे पहले जिस अधिकारी को जांच रिपोर्ट में दोषी ठहराया गया है उसे चार्जशीट जारी करके जांच अधिकारी की ड्यूटी लगाई जाती है।
जांच अधिकारी के सामने सभी आरोपी अपना जवाब देते हैं अगर जांच अधिकारी संतुष्ट न हो तो उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश कर देते हैं। अगर आरोपी अधिकारी सेवामुक्त हो गया हो तो उसकी पूरी या आधी पेंशन रोकी जा सकती है।
प्रधानमंत्री की रैली को प्रदर्शनकारियों ने रोका था
बता दें कि पांच जनवरी 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी फिरोजपुर में एक जनसभा को संबोधित करने आए थे। इसी दौरान वह हुसैनीवाला में शहीदी स्मारक पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए जा रहे थे तब कुछ प्रदर्शनकारियों ने उनका रास्ता रोक लिया था। वह करीब 20 मिनट तक वहीं फंसे रहे थे और बाद उनका काफिला वापस लौट गया था।