मिडिल ऐज महिला की असुरक्षा को दिखाएगा प्ले बैड बग Chandigarh News
प्रकृति फाउंडेशन के एक साल के नाटक उत्सव की शुरुआत शहर का खेला नाट्य संस्थान करेगा। जिसमें 31 अक्टूबर को पहले नाटक में 50 साल के करीब पहुंच चुकी महिला की असुरक्षा को दिखाया जाएगा। बहू के घर आने के बाद सारा परिवार उससे जुड़ जाता है।
चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। एक महिला के घर में जब बहु आ जाती है और उसे बच्चे समय नहीं दे पाते तो वह खुद को असुरक्षित महसूस करती है। उसी असुरक्षा को पेश करेगा नाटक बैड बग। प्रकृति फाउंडेशन के एक साल के नाटक उत्सव की शुरुआत शहर का खेला नाट्य संस्थान करेगा। जिसमें 31 अक्टूबर को पहले नाटक में 50 साल के करीब पहुंच चुकी महिला की असुरक्षा को दिखाया जाएगा। बहू के घर आने के बाद सारा परिवार उससे जुड़ जाता है और वह अलग-अलग तरह की हरकतें करती हैं।
उसकी उन हरकतों को हमेशा गलत नजर से देखा जाता है लेकिन वह उसकी मजबूरी होती है जिसे अपनों के प्यार से ही ठीक किया जा सकता है। हर घर की कहानी है बैड बग नाटक बैड बग की निर्देशक नम्रता शर्मा ने बताया कि बैड बग हर घर की कहानी है। हर घर में ऐसी कहानी सामने आती है लेकिन उसे हम कई शब्दों के साथ संबोधित करते है, लेकिन उसके लिए अपनों का प्यार जरूरी होता है। प्ले में अलग-अलग हरकतों को दिखा गया है। क्या है प्रकृति फाउंडेशन और नाट्य उत्सव प्रकृति फाउंडेशन चेन्नई की नाट्य संस्था है जो कि एक साल के नाट्य उत्सव का आयोजन करने जा रही है।
यह नाट्य उत्सव ऑनलाइन चलेगा। हर महीने के आखिरी शनिवार को शाम सात बजे एक नाटक का मंचन होगा। क्या रहेगा खास नाट्य उत्सव की खासियत है कि इसमें मंचन को देखने के बाद उसके निर्माता से भी दर्शक सीधे जुड़कर सवाल कर सकते है। हर सवाल का जबाव ऑनलाइन दिया जाएगा। दर्शक को इनसाइडर लिंक पर जाकर खुद को रजिस्ट्रर करना है जिसके बाद नाटक को देखने के बाद निर्माता से सीधी बात हो सकेगी।