हरमेहताब बनना चाहता था पायलट, जेल में रहते हुए हासिल किया डिप्लोमा
37 वर्षीय हरमेहताब का बचपन से ही पायलट बनने का सपना था।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : 37 वर्षीय हरमेहताब का बचपन से ही पायलट बनने का सपना था। लेकिन किन्हीं कारणों की वजह से यह पूरा नहीं हो सका। अपने सपने को पूरा करने के लिए हरमेहताब ने पहले मोहाली स्थित वाइपीएस स्कूल से नॉन मेडिकल से बारहवीं पास की। इसके बाद कॉलेज में भी एडमिशन लिया लेकिन परिवार में आए दुखों की वजह से वह अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर सका। इसके बाद उसके ऊपर आकांक्ष सेन की हत्या का मामला चल पड़ा और तब से वह जेल में बंद है। लेकिन जब दिल में जज्बा हो तो कहीं पर भी रहकर इंसान अपनी पढ़ाई कर सकता है। भाई का सपना नहीं हुआ पूरा : हरताज
हरमेहताब के छोटे भाई हरताज ने बताया कि भाई का सपना तो पूरा नहीं हो सका लेकिन हरमेहताब ने चंडीगढ़ स्थित बुड़ैल जेल में रहते हुए भी नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री की अपनी पढ़ाई पूरी की। बताया कि इससे पहले जब बारहवीं कक्षा पास करने के बाद चंडीगढ़ सेक्टर-10 स्थित डीएवी कॉलेज में वर्ष 2001 में एडमिशन लिया। लेकिन अभी पहले ही दिन कॉलेज में गया था कि 63 वर्षीय उनके पिता गुरेश्वरप्रीत सिंह की हार्ट अटैक से मौत हो गई। इसके बाद घर की जिम्मेदारी को समझते हुए पढ़ाई छोड़ दी। लगभग तीन साल से ऊपर हो गया जेल में
हरताज ने बताया कि उनका भाई 16 फरवरी, 2017 से ही जेल में बंद है। इस बात को लगभग तीन साल हो गए है। लेकिन हरमेहताब ने इस दौरान हिम्मत नहीं हारी और अपना ध्यान पढ़ाई की तरफ फिर से कर लिया। हरमेहताब ने जेल में रहते हुए उक्त विश्वविद्यालय से 26 सितंबर, 2018 को ह्यूमन राइट्स में डिप्लोमा कर लिया। इसके बाद जेल में ही रहते हुए एमए अंग्रेजी की भी डिग्री हासिल की।