हॉस्पिटल पेशंट केयर अलाउंस नहीं मिलने पर CAT पहुंचे पीजीआइ यूनियन कर्मचारी
कैट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी पीजीआइ ने पीजीआइ यूनियन के सिर्फ ग्रुप सी और डी कर्मचारियों को हॉस्पिटल पेशंट केयर अलाउंस दिया है। ग्रुप ए और बी कर्मचारियों को अलाउंस नहीं दिया जा रहा है। कर्मचारी इसी के खिलाफ कैट में गए हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। हॉस्पिटल पेशंट केयर अलाउंस नहीं मिलने पर पीजीआई इंप्लाइज यूनियन (नान फैकल्टी) ने एक बार फिर केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) का दरवाजा खटखटाया है। इस पर कैट ने पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजूकेशन एंड रिसर्च (पीजीआइएमइआर) को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के लिए कहा है। कर्मचारियों ने पीजीआइ, हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर मिनस्ट्री अौर मिनस्ट्री अॉफ फाइनेंस के खिलाफ कैट में केस दायर किया है। मामले की अगली सुनवाई अब दो दिसंबर को होगी।
यूनियन की आेर से कैट में पेश हुए वकील करण सिंगला ने बताया कि वर्ष 1987 में कर्मचारियों को इंफेक्शन से खतरा हाेने की वजह से 75 और 80 रुपये हाॅस्पिटल पेशंट केयर अलाउंस देने शुरू किया था, जो कि समय-समय पर बढ़कर वर्ष 2017 में 2100 रुपये प्रति महीना हो गया। यूनियन का आरोप है कि पीजीआइ ने उन्हें वर्ष 1998-99 से अलाउंस देना बंद कर दिया था। इसके लिए उन्होंने तब कैट का दरवाजा खटखटाया था और कैट ने तब वर्ष 2013 में याचिकाकर्ताओं के हक में फैसला सुनाया था। जब पीजीआइ ने केंद्र सरकार को बजट के हिसाब से प्रपोजल भेजा तो केंद्र सरकार ने सभी कर्मचारियों को अलाउंस न देकर बल्कि जो कर्मचारी कैट में गए थे, सिर्फ उन्हें ही अलाउंस देने का आदेश दिया।
यूनियन कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की और सुप्रीम कोर्ट ने भी कर्मचारियों के हक में फैसला सुनाते हुए सभी को अलाउंस देने का आदेश दिया था। पीजीआइ ने पीजीआइ यूनियन के ग्रुप सी और डी कर्मचारियों को तो अलाउंस दिया, लेकिन ग्रुप बी कर्मचारियों को अलाउंस अब तक नहीं दिया है।
ग्रुप ए और बी कर्मचारियों को नहीं मिल रहा अलाउंस
यूनियन प्रधान अश्वनी मुंजाल ने बताया कि कैट और सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि कर्मचारियों को इंफेक्शन होने का खतरा हमेश बना रहता है। जब कर्मचारी एक ही तरह का काम कर रहे हैं तो सभी को अलाउंस दिया जाना चाहिए। लेकिन ग्रुप ए और बी कर्मचारियों को अलाउंस नहीं दिया जा रहा। इसके लिए उन्होंने अब कैट का दरवाजा खटखटाया है।
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