PGI Chandigarh में अमृत नाम की लूट, मरीज हो रहे ठगी के शिकार, जानें क्या है पूरा मामला
पीजीआइ में इन दिनों अमृत नाम की लूट मची है। पहले न्यू ओपीडी बिल्डिंग तो अब एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर की बेसमेंट में अमृत नाम से दुकान चल रही है।
चंडीगढ़, [वीणा तिवारी]। पीजीआइ में इन दिनों अमृत नाम की लूट मची है। पहले न्यू ओपीडी बिल्डिंग तो अब एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर की बेसमेंट में अमृत नाम से दुकान चल रही है। अमृत के सरकारी नाम को हथियार बनाकर मेडिकल शॉप वाले खुलेआम मरीजों को चूना लगा रहे हैं। पीजीआइ प्रशासन सब कुछ जानते हुए शांत बैठा है। जबकि टेंडर के दौरान ही अमृत नाम पर आपत्ति होनी चाहिए थी। पीजीआइ प्रशासन की अनदेखी का तो यह आलम है कि एक के बाद एक दवा वाले अपने दुकान का नाम अमृत करते जा रहे हैं लेकिन उन्हें रोकने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा। अनजान जनता अमृत का नाम पढ़कर सस्ती दवा की उम्मीद में उन दुकानों से ब्रांडेड महंगी दवा खरीद रही हैं।
टेंडर का खेल है सारा
पीजीआइ सूत्रों के अनुसार टेंडर के दौरान ही इन सभी बिंदुओं पर अलग से सेटिंग कर ली जाती है। ताकि बाद में कहीं से कोई बदलाव न किया जा सके। कर्मचारियों का कहना है कि गरीब और जरूरतमंद मरीजों को खुलेआम ठगा जा रहा है लेकिन डायरेक्टर कुछ नहीं कर रहे हैं। अमृत का नाम चुराकर दवा कारोबारी अपना कारोबार चमकाने का गंदा खेल खेल रहे हैं, उसे लेकर केंद्र सरकार तक सूचना पहुंचाई जानी चाहिए।
अमृत और जन औषधि पर सिर्फ जेनेरिक दवाओं की होनी है बिक्री
केंद्र सरकार ने मरीजों को सस्ती दवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से देशभर में अमृत और जन औषधि केंद्र की स्थापना की है। इन केंद्रों पर सिर्फ जेनेरिक दवाएं ही बेची जानी हैं। जबकि पीजीआइ में इसके उल्ट हो रहा है। न्यू ओपीडी बिल्डिंग में अमृत औषधि तो एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर में अमृत बेबी नाम से दुकान चलाई जा रही है। अमृत बेबी में तो मामला और गड़बड़ है। दुकान के बोर्ड पर नाम के साथ ही दवा पर दी जाने वाली छूट भी लिखी है। लेकिन उस छूट में भी कंफ्यूजन है। एक कोने में 60 प्रतिशत तो दूसरे कोने में 15 प्रतिशत छूट की बात लिखी हुई है।
पीजीआइ प्रशासन दे रहा कार्रवाई का झूठा आश्वासन
न्यू ओपीडी बिल्डिंग में अमृत नाम से दवा की दुकान चलाए जाने की सूचना पर पीजीआइ प्रवक्ता मंजू ने जांच कर उचित कार्रवाई की बात कही थी। लेकिन हफ्तों गुजरने के बाद भी स्थिति जस की तस है। कर्मचारियों का कहना है कि मामले को शांत करने के लिए जांच और कार्रवाई की बात कह दी जाती है। उसके बाद मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।
बोले परिजन, पीजीआइ प्रशासन हमें ठग रहा
इस मामले पर एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर में अपने बच्चे का इलाज कराने आये परिजनों का कहना है कि ठगी की पड़ताल करे कि अपने बच्चे की जान बचाएं। पानीपत और कालका के दीपक ठाकुर व सोहन सिंह का कहना है कि हम तो यह सोचकर पीजीआइ आए हैं कि यहां सस्ता और बेहतर इलाज मिलेगा लेकिन हमसे ठगी की जा रही है यह जानकर अफसोस हो रहा है।
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