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PGI Chandigarh डायरेक्टर प्रो. जगतराम बोले- मेडिकल ऑक्सीजन कोरोना का इलाज नहीं, इसका बेवजह इस्तेमाल खतरनाक

मेडिकल ऑक्सीजन कोरोना संक्रमण का इलाज नहीं है। चंडीगढ़ पीजीआइ के निदेशक प्रोफेसर जगतराम ने बताया कि ऑक्सीजन सिलेंडर का बेवजह इस्तेमाल करना खतरा पैदा कर सकता है। इसका शरीर पर दुष्परिणाम भी देखने को मिल सकता है।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Fri, 07 May 2021 11:49 AM (IST)Updated: Fri, 07 May 2021 11:49 AM (IST)
PGI Chandigarh डायरेक्टर प्रो. जगतराम बोले-  मेडिकल ऑक्सीजन कोरोना का इलाज नहीं, इसका बेवजह इस्तेमाल खतरनाक
डिकल ऑक्सीजन कोरोना का इलाज नहीं, इसका बेवजह इस्तेमाल खतरनाक।

चंडीगढ़, [विशाल पाठक]। देखने में आया है कि कई कोरोना संक्रमित लोग बेवजह ही ऑक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह वह संक्रमित लोग हैं जो कि पॉजिटिव आने के बाद होम आइसोलेशन में है। संक्रमित लोगों में यह मानसिकता सामने आई है कि कोरोना के इलाज में मेडिकल ऑक्सीजन का होना बेहद जरूरी है। जबकि मेडिकल ऑक्सीजन कोरोना का इलाज नहीं , केवल एक सपोर्ट सिस्टम है। अगर किसी को ऑक्सीजन की कमी हो तो मेडिकल ऑक्सीजन के जरिए इस कमी को दूर किया जा सके। यह कहना है पीजीआइ के निदेशक प्रोफेसर जगतराम का।

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पीजीआइ के निदेशक प्रोफेसर जगत राम ने बताया कि ऑक्सीजन सिलेंडर का बेवजह इस्तेमाल करना खतरा पैदा कर सकता है। इसका शरीर पर दुष्परिणाम भी देखने को मिल सकता है। केवल उन लोगों को होम आइसोलेशन के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल करना चाहिए। जिन्हें सांस लेने में दिक्कत हो या फिर ऑक्सीजन लेवल कम हो। वो भी डॉक्टर के सलाह पर।

ऐसे मरीजों को करना चाहिए मेडिकल ऑक्सीजन का इस्तेमाल

प्रोफेसर जगतराम ने बताया कि होम आइसोलेशन के दौरान केवल उन लोगों को मेडिकल ऑक्सीजन का इस्तेमाल करना चाहिए जिनका ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल 94 से नीचे चला गया हो। ऐसे में उन मरीजों को फोन में डॉक्टर से सलाह लेकर मेडिकल ऑक्सीजन का प्रयोग करना चाहिए। जिन संक्रमित मरीजों का ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल 94 से अधिक है यानी 95 से ऊपर है उन्हें मेडिकल ऑक्सीजन की कोई जरूरत नहीं है।

बेवजह ऑक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल करने से हो सकती है दिक्कत

गवर्नमेंट मल्टी स्पेशएलिटी हॉस्पिटल सेक्टर 16 के स्वास्थ्य अधीक्षक डॉ. वीके नागपाल ने बताया कि बेवजह ऑक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल करने से इसका शरीर पर गलत प्रभाव पड़ सकता है। शरीर को जितनी ऑक्सीजन चाहिए अगर उसे मिल रही है तो अलग से मेडिकल ऑक्सीजन लेने पर इसका सांस की नली पर और फेफड़ों पर भी जोर पड़ सकता है। जिसके कारण सांस लेने में तकलीफ या छाती में दर्द जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। ऐसे में जब डॉक्टर खुद मेडिकल ऑक्सीजन सपोर्ट लेने के लिए कहें तभी इसका इस्तेमाल किया जाए।


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