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पढ़े-लिखे शहर चंडीगढ़ में शर्मनाक हरकत, लोग साइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट को पहुंचा रहे नुकसान, हर दिन तोड़ रहे 15 साइकिलें

प्रोजेक्ट चलाने वाली स्मार्ट बाइक कंपनी के अनुसार वह चेन्नई और दिल्ली में भी इसी तरह का प्रोजेक्ट चला रहे हैं लेकिन जितना नुकसान साइकिलों को चंडीगढ़ में पहुंचाया जा रहा है उतना नुकसान दूसरी जगह नहीं है।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Fri, 20 May 2022 09:39 AM (IST)Updated: Fri, 20 May 2022 09:39 AM (IST)
पढ़े-लिखे शहर चंडीगढ़ में शर्मनाक हरकत, लोग साइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट को पहुंचा रहे नुकसान, हर दिन तोड़ रहे 15 साइकिलें
एक माह में 400 से ज्यादा साइकिलों को नुकसान पहुंचाया जा चुका है।

राजेश ढल्ल, चंडीगढ़। चंडीगढ़ में साइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट को काफी अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। बावजूद पढ़े लिखों के इस शहर में कुछ शरारती लोग भी हैं जो डॉकिंग स्टेशन पर खड़ी साइकिलों को नुकसान भी पहुंचा रहे हैं। कई लोग साइकिल किराए पर लेने के बाद वापस छोड़ते समय उसे नुकसान पहुंचाकर इधर-उधर छोड़ देते हैं। प्रोजेक्ट चलाने वाली कंपनी के अनुसार माह में 400 से ज्यादा साइकिलों को नुकसान पहुंचाया जा चुका है। साइकिलों को ठीक करने के लिए जो स्पेयर पार्ट्स हैं वह भी चेन्नई और नागपुर से आते हैं। पुलिस में भी वह कई बार शिकायत दे चुके हैं, लेकिन साइकिलों को नुकसान पहुंचाने का सिलसिला जारी है।

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प्रोजेक्ट चलाने वाली स्मार्ट बाइक कंपनी के अनुसार वह चेन्नई और दिल्ली में भी इसी तरह का प्रोजेक्ट चला रहे हैं, लेकिन जितना नुकसान साइकिलों को चंडीगढ़ में पहुंचाया जा रहा है उतना नुकसान दूसरी जगह नहीं है। शहर में इस समय 310 डॉकिंग स्टेशन पर कुल 2500 साइकिलें हैं। शहर में प्रतिदिन औसतन 30 से 35 लोग ऐसे हैं जो साइकिल किराए पर लेते हैं, लेकिन वापस स्टेशन पर छोड़ने की बजाय या तो घर ले जाते हैं या मनमर्जी से कहीं पर भी छोड़ देते हैं। कुछ लोग तो इनकी बैटरी तक निकाल दे रहे हैं। कंपनी की ओर से ऐसे लोगों को तलाश कर जुर्माना भी लगाया जा रहा है।

लोग कहीं भी इन साइकिलों को खड़ा कर चले जाते हैं।

समाजसेवी कुसुम करती हैं मदद

सेक्टर-45 में रहने वाली समाजसेवी कुसम घई इस समय कंपनी की मदद कर रही हैं। वह साइकिलें जो लोग इधर-उधर छोड़ जाते हैं, उनकी जानकारी वह कंपनी को देती हैं। कुसुम लोगों को भी जागरूक कर रही हैं कि साकिलों को नुकसान न पहुंचाएं। कंपनी के अनुसार शहर में साइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए शहरवासियों को भी मदद करनी चाहिए।

सुबह छह से रात दस बजे तक चला सकते हैं साइकिल

शहर के 310 डॉकिंग स्टेशन में सुबह छह से रात दस बजे तक साइकिल किराए पर चलाने के लिए मिलती है। इस साल के अंत तक शहर में पांच हजार साइकिलें चलेंगी। शरारती लोगों के डर से कई स्टेशन में साइकिलों की संख्या रात के समय कम कर दी जाती है।

इन एरिया के डॉकिंग स्टेशन में पहुंचा साइकिलों को नुकसान

कंपनी के अनुसर सेक्टर-53, 43, 55, 39 वेस्ट, मलोया, डड्डूमाजरा, रामदरबार, कैंबवाला और सेक्टर-22 के डॉकिंग स्टेशन पर रखी साइकिलों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। कंपनी की ओर से साइकिल की रिपेयर के लिए अलग से टेक्नीकल टीम रखी हुई है। यहां तक कि जो डॉकिंग स्टेशन पर विज्ञापन बोर्ड लगे हैं उनके पैनल भी शरारती तत्व तोड़ रहे हैं। वहीं कई लोग तो साइकिल पर काले रंग का स्प्रे करके उन्हें लौटाते हैं।

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"हर दिन कम से कम 15 साइकिलों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। कभी लॉक तो कभी टोकरी तो कभी ब्रेक तोड़ दी जाती है। इन साइकिलों को रोजाना रिपेयर किया जाता है। इतना नुकसान दूसरे किसी भी शहर में नहीं पहुंचाया जा रहा है जहां पर साइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट चल रहे हैं। शहर में तो कई लोग पत्थर से भी वार करके साइकिलों को नुकसान पहुंचाते हैं।

                                                                      - विकास बख्शी, प्रोजेक्ट मैनेजर, स्मार्ट बाइक कंपनी।


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