रिजल्ट में सुधार, मेरिट में फिर पिछड़े
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की बारहवीं की परीक्षा में जिले का कोई भी विद्यार्थी मेरिट में जगह नहीं बना पाया है।
संस, पठानकोट : पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की बारहवीं की परीक्षा में जिले का कोई भी विद्यार्थी मेरिट में जगह नहीं बना पाया है। ओवरऑल जिले को प्रदेश में 13वां स्थान हासिल हुआ है। इस साल पठानकोट में सरकारी, प्राइवेट तथा एडिड स्कूलों के कुल 7579 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी, जिसमें से मात्र 6523 विद्यार्थी ही उत्तीर्ण हुए हैं। 1056 विद्यार्थी फेल हुए है, जिस कारण जिले का नतीजा 86.07 प्रतिशत रहा है।
80 सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों सहित 242 प्राइवेट तथा एडिड स्कूल में एक भी मैरिट न आने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने सोमवार इस पर एक बैठक रखी है जिससे जिले भर के समूह स्कूलों से उनके सब्जेक्ट बाइस नतीजे लेकर उसका आंकलन किया जाएगा तथा इस बात का पता लगाया जाएगा कि किन-किन सरकारी स्कूलों के नतीजे सबसे ज्यादा खराब हैं। खराब नतीजे वाले स्कूल मुखियों को नोटिस जारी कर इसका जवाब भी मांगा जा सकता है। वहीं दूसरी ओर द्वितीय शनिवार की छुट्टी होने के कारण विभाग के पास आज स्कूल वाइज नतीजों की रिपोर्ट बाद दोपहर तक डाऊनलोड नहीं आ पाई है। शिक्षा अधिकारियों ने पठानकोट के नतीजे नीचे गिरने का कारण इस साल परीक्षाओं में बार माइक्रो अबर्जबरों की तैनाती बताई है। उनका कहना है कि अबर्जबरों की तैनाती के बाद आगामी वर्षों में नकल पर पूर्णत रोक लगेगी तथा क्वालिटी ए एजुकेशन के नतीजे ही सामने देखने को मिलेंगे।
पिछले साल की अपेक्षा इस साल नतीजे में 30 फीसद की बढ़ोतरी
भले ही जिला में बारहवीं कक्षा में एक भी मैरिट न आई हो पर विगत वर्ष की अपेक्षाकृत औसत नतीजे का ग्राफ उपर उठा है। पिछले साल सरकारी स्कूलों के नतीजे 56 प्रतिशत थे जबकि इस साल पठानकोट ने उंची छलांग लगाकर 86.07 प्रतिशत के आंकड़े को छू लिया है। शिक्षा विभाग जहां एक ओर पूरे राज्य में एक भी मैरिट न आने के कारण परेशान है वहीं दूसरी ओर तीस प्रतिशत नतीजे में हुई बढ़ोतरी के कारण अपने आप को तसल्ली भी दे रहा है।
प्रदेश में मिला 13वां स्थान
जिला शिक्षा अधिकारी कुलवंत सिंह ने बताया कि जिले को बारहवीं कक्षा की परीक्षा में पूरे पंजाब में 13वां स्थान अर्जित किया है। बारहवीं कक्षा में कोई मैरिट नहीं आने के कारणों पर उन्होंने बताया कि इस साल वार्षिक परीक्षाओं में माइक्रो आर्ब्जबर की तैनाती की गई थी जिससे नकल रहित परीक्षाएं हुई हैं। आगामी वर्षों में लगातार नकल जैसे कोहड़ को खत्म कर क्वालिटी शिक्षा पर जोर दिया जाएगा तथा अच्छे नतीजे देखने को मिलेंगे। पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि जिन भी सरकारी स्कूलों के नतीजे निराशाजनक रहे हैं, उनसे जवाब मांगा जाएगा।
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