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कैप्टन ने बादल को बताया था झूठा, बादल बोले- मौज-मस्ती करने वालों की धमकी से नहीं डरता

पूर्व सीएम बादल ने कहा कि कैप्टन ने घटिया शब्दावली इस्तेमाल कर मुख्यमंत्री पद की गरिमा घटाई है। कहा कि मैं मौज-मस्ती करने वाले लोगों की धमकी से डरने वाला नहीं हूं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 02 Sep 2018 09:06 AM (IST)Updated: Mon, 03 Sep 2018 08:41 AM (IST)
कैप्टन ने बादल को बताया था झूठा, बादल बोले- मौज-मस्ती करने वालों की धमकी से नहीं डरता
कैप्टन ने बादल को बताया था झूठा, बादल बोले- मौज-मस्ती करने वालों की धमकी से नहीं डरता

जेएनएन, चंडीगढ़। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरफ से विधानसभा में की गई टिप्पणियों पर बादल ने कहा, ''मेरे खिलाफ़ इस्तेमाल की गई निचले स्तर की शब्दावली से मुख्यमंत्री के पद की मान मर्यादा को गहरी ठेस पहुंची है। कैप्टन ने घटिया शब्दावली इस्तेमाल कर मुख्यमंत्री पद की गरिमा घटाई है। मेरा मन और आत्मा पूरी तरह साफ है। मैं मौज-मस्ती करने वाले लोगों की धमकी से डरने वाला नहीं हूं। क्योंकि पंजाबियों की तरफ से बख्शी सेवा को मैंने हमेशा पूरी ईमानदारी से निभाया है।''

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बादल ने कहा, ''मैं जीवन की आखिरी सांस तक पंजाब के लोगों की सेवा को समर्पित रकूंगा। बादल कहा कि मुख्यमंत्री ने मुझे बुजदिल, बदमाश, झूठा जैसे अनैतिक शब्दों का इस्तेमाल किया, लेकिन एक मौज-मस्ती करने वाले मौका परस्त से मुझे ऐसी ही आशा थी। उन्होंने पूछा- देश, पंजाब और खालसा पंथ के हितों के लिए जूझते हुए सालों तक सलाखों के पीछे जिंदगी गुजारने वाले बुजदिल होते हैं?''

कैप्टन ने खारिज किया जोरा सिंह आयोग

सरकार बदलने के बाद कांग्रेस सरकार ने भी इसी विशेष टीम को अपना काम जारी रखने को कहा। घटना की सच्चाई सामने लाने के लिए जोरा सिंह आयोग बनाया गया, लेकिन मुझे इस बात का बेहद दुख है कि नई सरकार ने पूर्व सरकार को बदनाम करने के लिए आयोग को खारिज कर दिया। इसके बाद साजिश रचते हुए नए आयोग का गठन किया। इससे कैप्टन की चाल का पर्दाफाश हो गया था।

कैप्टन को याद दिलाया 1984 का कत्लेआम

बादल ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को 1984 के कत्लेआम की भी याद दिलाई। बादल ने कहा कि जिस पार्टी की सरकार का वह नेतृत्व कर रहे हैं वह पार्टी श्री गुरु ग्रंथ साहिब, खालसा पंथ के सबसे पवित्र पवित्र स्थान श्री हरिमंदिर साहब के विरुद्ध दुनिया की सबसे बड़ी व दर्दनाक बेअदबी के पाप की भागी है। 1984 में इंदिरा गांधी की तरफ से भेजे गए टैंकों और तोपों ने श्री हरिमंदिर साहिब पर हमला किया।

सिखों के कातिलों को दे रहे श्रद्धाजंलि

बादल ने कहा कितनी अजीब और हास्यप्रद बात है कि जो लोग विधानसभा में सिखी के चैंपियन होने का ढकोसला कर रहे थे, वह 72 घंटों के अंदर ही सिखों के कातिलों के बुतों को हार डाल कर उनको श्रद्धांजलि दे रहे थे। वह तो ऑपरेशन ब्लूस्टार करवाने वाली नेता को भी इंदिरा जी कह कर सत्कार के साथ बुलाते रहे और ब्लू स्टार के लिए क्लीन चिट भी दे दी। बादल ने मुख्यमंत्री को चेतावनी देते हुए कहा, ''पंजाब के अमन व भाईचारक सांझ से खिलवाड़ कर आग से न खेलें। पंजाब पहले ही कांग्रेस की लगाई गई आग की लपटों से बाहर नहीं आ पाया है आप नई आग लाने की तैयारी कर रहे हो। पंजाब और पंजाबियों पर रहम करो।''

मैंने नहीं दिए गोली चलाने के आदेश: बादल

बेअदबी मामले पर चौतरफा हमले के बाद पहली बार पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने खामोशी तोड़ी। उन्होंने कहा, 'मैंने बहिबलकलां में गोली चलाने आदेश नहीं दिए थे। गोलीकांड की पूर्व रात मैं जिला प्रशासन, पुलिस प्रमुख के संपर्क में था, क्योंकि स्थिति काफी तनावपूर्ण थी। सरकार ने माहौल को शांत करने के लिए समाज के विभिन्न समुदायों से आपसी सद्भाव बनाए रखने का प्रयास किया।'

बादल ने कहा कि तनावपूर्ण स्थिति के बावजूद उनके स्पष्ट आदेश थे कि इसे बातचीत के जरिए शांति से सुलझाया जाए। किसी भी पड़ाव पर गोली चलाने के बारे में न तो कभी बात हुई और न ही मेरी ओर से कोई आदेश दिए गए। उस समय विभिन्न संगठनों, पार्टियों की मांग पर ही यह केस सीबीआइ को सौंपा गया। यही नहीं, सीनियर पुलिस अधिकारियों की एक विशेष जांच टीम भी बनाई। इसी टीम को कैप्टन सरकार ने भी कायम रखा। जस्टिस जोरा सिंह आयोग को भी जांच सौंपी, लेकिन कैप्टन सरकार ने मुझे बदनाम करने के लिए एक और जांच आयोग का गठन कर दिया।

उन्होंने कहा कि नए आयोग ने भी सभी प्रयास किए और किसी को भी जिम्मेवार ठहराने में असफल रहा। इसके बावजूद जिस तरह से चाणक्य नीति के साथ कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस सारी रिपोर्ट से निपटने का प्रयास किया, उसका हमें पहले ही अहसास हो गया था। इसलिए हमने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया।

सदन में कैप्टन ले घटिया भाषा का इस्तेमाल किया

पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने बेअदबी मामले पर शनिवार को कहा कि विधानसभा की बहस के दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उनके प्रति घटिया भाषा का इस्तेमाल किया। ऐसी भाषा का प्रयोग करके कैप्टन अमरिंदर सिंह सीएम के पद की गरिमा को भी ठेस पहुंचाई है।

उन्होंने कहा कि यह कितनी हास्यस्पद बात है कि जो लोग विधानसभा में सात घंटे तक सिखी के चैंपियन बनने का ढकोसला कर रहे थे, 72 घंटे के अंदर ही वे सिखों के कातिलों के बुतों को फूल मालाएं पहना रहे थे। बादल ने कैप्टन को याद दिलाया कि 1984 में श्री दरबार साहिब पर जिस पार्टी ने टैंक चढ़वाए वे उसी पार्टी की सरकार की अगुवाई कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी पहले भी पंजाब का माहौल खराब कर चुकी है, जिससे लोग अभी तक उबर नहीं पाए हैं। ऐसी कोशिशें वे दोबारा न करें।

जाखड़ ने पूछा- तो फिर क्या गोली सुखबीर के कहने पर चली

पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के बहिबलकलां में गोली चलाने के आदेश न देने के बयान पर टिप्पणी करते हुए पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ ने कहा कि हम भी तो यही जानना चाहते हैं कि आपने गोली चलाने के आदेश नहीं दिए थे तो क्या ये आदेश सुखबीर बादल, जो उस समय गृह मंत्री थे उन्होंने दिए? जाखड़ ने कहा कि बादल केवल यह कहकर कि उन्होंने गोली चलाने के आदेश नहीं दिए , अपनी जिम्मेवारी से पल्ला नहीं झाड़ सकते।

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