पंजाब के असल हालात पर होगी हमारी फिल्म
पंजाब में आज भी कई मुद्दे हैं जो अछूते हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब में आज भी कई मुद्दे हैं जो अछूते हैं। जो लोगों की नजर में इसलिए नहीं आते क्योंकि उस पर आधारित फिल्म नहीं बनती। हिदी फिल्म इंडस्ट्री की तरह हमें भी जरूरत है, ऐसे सच्चे मुद्दों को सामने लाने की। जिससे कि लोगों को पंजाब के असल हालातों के बारे में जानने को मिले। इसी कोशिश में हमारी फिल्म डीएसपी देव आ रही है। जो पुलिस और पंजाब के बारे में लोगों को जागरूक करेगी। एक्टर देव खरोड़ कुछ इसी अंदाज में फिल्म डीएसपी देव पर बातचीत करते हैं। मंगलवार को वे फिल्म एक्ट्रेस मेहरीन कौर परिजादा के साथ दैनिक जागरण के चंडीगढ़ कार्यालय में पहुंचे। देव बोले कि पहले इस फिल्म का नाम केवल देव रख रहे थे। इसकी कहानी भी कुछ और थी। मगर फिर निर्देशक मनदीप बेनीपाल ने मुझे फिल्म की कहानी में कुछ बदलाव सुनाए। ये मुझे पसंद आए। इसके बाद हमने इसकी कहानी को पुलिस के साथ जोड़ा। जिसके बाद इसका नाम डीएसपी देव रख दिया। इसमें मैं पहली बार एक पुलिस ऑफिसर के रूप में नजर आउंगा। रूपिदर गांधी के किरदार की वजह से पहचान मिली
देव ने कहा कि रूपिदर गांधी फिल्म करने के बाद मेरे करियर में एक उछाल आया। दरअसल उन दिनों कॉमेडी फिल्म ही चल रही थी। इस तरह की फिल्म को बनाना और काम करना एक अलग चुनौती थी। मुझे खुशी हुई कि दर्शकों ने उस फिल्म को बहुत सराहा। मैं हैरान था कि वो किरदार ही मेरी पहचान बन गया। यहां तक कि कई निर्देशकों ने मुझे महज इसलिए फिल्म में काम नहीं दिया क्योंकि मेरी इमेज उसी किरदार से पहचानी जाने लगी। मगर फिल्म डाकुआं दा मुंडा के बाद मुझे एक अलग नजरों से देखा जाने लगा। वो फिल्म मुझे अभिनय के दूसरे क्षेत्र तक लेकर गई। जिसकी वजह से इंडस्ट्री में मुझे स्थापित होने में मदद मिली। मगर इसका दुख जरूर है कि आज भी पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री में निर्देशकों को एक्टर नहीं चाहिए, अभी इंडस्ट्री में गिनती के ही लोग हैं जो पूरी तरह से अभिनय की दुनिया से आए हैं। किरदार की वजह से धमकी मिलने लगी
देव ने कहा कि रूपिदर गांधी के दूसरे पार्ट के बाद उन्हें भी धमकी मिलने लगी थी। उन दिनों मेरे घर में भी कई लोग आकर धमकी देने लगे। उस दौरान मैंने पुलिस की मदद मांगी। यहां तक कि कुछ दिनों तक सिक्योरिटी भी रखनी पड़ी। मैं केवल एक किरदार निभा रहा हूं, मगर खुशी है कि असलियत भी बयां कर रहा हूं। इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं। फिल्म डीएसपी देव में भी हम मोगा में शूटिग कर रहे थे। वहां एक गांव में शूट हुआ जहां देसी दारू बनाई जाती थी। वहां लोग बहुत उग्र थे। इतने कि वह हमें भी गालियां ही निकाल रहे थे। ऐसे में मैंने निर्देशक से एक बार अपील की कि ऐसी जगह मुश्किल हो जाएगा। मगर उन्होंने वहीं शूट पूरा किया। मेरे अनुसार ऐसी स्थिति से लोग सिनेमा के जरिये वाकिफ होंगे। खुश हूं कि तेलुगू के बाद पंजाबी भी बोल सकती हूं
एक्ट्रेस मेहरीन ने कहा कि ये मेरी पहली पंजाबी फिल्म है। इससे पहले तमिल फिल्म इंडस्ट्री में 10 फिल्म कर चुकी हूं। ये मेरी 11वीं फिल्म है। बठिडा की हूं तो ऐसे में मेरे अंदर से पंजाब कभी नहीं जाता। बेशक मैं कहीं भी रहूं। मेरी पढ़ाई देश के विभिन्न हिस्सों में हुई। हमेशा एक ऑलराउंडर की तरह रही। स्पोर्ट्स, डांस और एनसीसी हर किसी में हिस्सा लेती रही। भरतनाट्यम भी सीखा। मैं किसी भी कामयाब शख्स से मिलती तो हमेशा उसी की तरह कामयाब बनना चाहती। कैनेडा में पढ़ाई के दौरान मेरे पास पैसे कम थे। ऐसे में मैंने मॉडलिग में आने की सोची। कुछ टेलीविजन एडवर्टाइजमेंट करनी शुरू की। मुंबई में रहते हुए बहुत काम किया। इसके बाद मुझे तमिल फिल्म इंडस्ट्री से कॉल आने लगे। वहां काम करते हुए वहां की भाषा सीखी। मेरे लिए भाषा अहम है। अब मेरी भाषा पूरी तरह से तेलुगू ही हो गई है। यहां तक कि मेरी टीम में साउथ के ही लोग हैं। हर वर्ष पंजाबी फिल्म करूंगी
मेहरीन ने कहा कि वह तमिल फिल्म इंडस्ट्री में इतनी व्यस्त हैं कि हिदी फिल्मों में काम करने के लिए समय नहीं मिलता। मगर पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री में वह हमेशा कार्य करती रहेंगी। उन्होंने कहा कि पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री इन दिनों काफी ग्रोथ कर रही है। ऐसे में इसका हिस्सा बनना बहुत खास है। मेरी जल्द ही निजा के साथ भी एक फिल्म आ रही है। उम्मीद है, डीएसपी देव से लोग मेरे कार्य की सराहना करेंगे।