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हाई कोर्ट के आदेश, घरों में ऑक्सीजन सपोर्ट पर रह रहे मरीजों Oxigen उपलब्ध कराए सरकार

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण आदेशों में चंडीगढ़ प्रशासन पंजाब व हरियाणा सरकारों को निर्देश दिया है कि वह घरों में ऑक्सीजन सपोर्ट पर रह रहे मरीजों को घरों पर ही ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित कराएं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 04 May 2021 07:16 PM (IST)Updated: Wed, 05 May 2021 08:12 AM (IST)
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की फाइल फोटो।

जेएनएन, चंडीगढ़। ऑक्सीजन की भारी कमी को देखते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार को लोगों के जीवन को बचाने के लिए जल्द से जल्द आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया। हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार सहित पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ को आदेश दिए हैं कि वो ऑक्सीजन का पूरा बंदोबस्त करें, ताकि बहुमूल्य जीवन को बचाया जा सके।

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हाई कोर्ट ने कहा कि खासतौर पर वह लोग जो घरों पर ऑक्सीजन की सपोर्ट पर हैं उन्हें घर पर ही ऑक्सीजन उपलब्ध करवाया जाए, ताकि अस्पतालों में भीड़ को कम किया जाए और लोगों को राहत मिले। जस्टिस राजन गुप्ता एवं जस्टिस करमजीत सिंह की खंडपीठ ने कहा कि घरों में ऑक्सीजन की सप्लाई का काम म्युनिसिपल ऑथॉरिटिस को दिया जाए क्योंकि स्वास्थ्य विभाग के लोग वैसे भी इस समय काफी व्यस्त हैं।

इसके साथ ही हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा 29 अप्रैल को जारी आदेशों को सख्ती से लागु करने के भी पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ को आदेश दे दिए हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि इन आदेशों के जरिए यह कहा गया था कि राज्य सरकारें एक वेब पोर्टल जारी करें, जिसमें उनके सभी जिलों के अस्पतालों के खाली बेड, दवाओं, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर्स, आइसीयू बेड और वैक्सिनेशन की पूरी जानकारी हो जिसे लगातार अपडेट किया जाए, ताकि आम लोगों को इससे पूरी जानकारी मिल सके की कहां बेड खाली हैं, कहां से ऑक्सीजन मिलेगी और कहां दवाएं उपलब्ध हैं।

जहां ज्यादा जरुरत हो वहां इनकी पर्याप्त सप्लाई की जाए और जहां से भी ऑक्सीजन और दवाओं की जमाखोरी और कालाबाजारी की शिकायत आए उनके खिलाफ तत्काल कड़ी कार्रवाई की जाए। इस मामले में हाई कोर्ट को सहयोग दे रहे सीनियर एडवोकेट रुपिंदर खोसला ने हाई कोर्ट को बताया कि पंजाब के बरनाला, मोहाली और अन्य जगहों के इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज में कई वेंटिलेटर खाली पड़े हैं और इनका कोई इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है, जबकि मौजूदा हालात में इनकी बेहद जरुरत है। इन्हें तत्काल काम में लाया जाए। इस पर हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को इन वेंटिलेटर्स को तत्काल इस्तेमाल में लाए जाने के आदेश दे दिए हैं।

पंजाब को 10 क्रायोजेनिक टैंकर की जरूरत, मेडिकल ऑक्सीजन के लिए 7 लाइसेंस जारी

पंजाब सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि उन्हें अभी तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है हालांकि उन्होंने मेडिकल ऑक्सीजन बनाए जाने के लिए राज्य के उद्योगों को 7 लाइसेंस जारी कर दिए हैं जिनमें जल्द ही ऑक्सीजन का निर्माण शुरू हो जाएगा। येगा । पंजाब ने बताया कि उनकी ऑक्सीजन की मांग प्रतिदिन बढ़ती जा रही है अधिकतर ऑक्सीजन बोकारों से मंगवा जा रहा है । पंजाब के पास फ़िलहाल 17 क्रायोजेनिक टेंकर्स हैं ऑक्सीजन जो इतनी दूर से ऑक्सीजन लाने में पर्याप्त नहीं हैं । उन्हें 10 और क्रायोजेनिक टैंकर की जरूरत है जिसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया है।

पानीपत संयंत्र से हरियाणा का कोटा हुआ 20 टन, ओडिशा से हरियाणा तक पहुंचने में लगते है चार दिन

हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि राज्य में इस समय 231 टन ऑक्सीजन की जरुरत है जबकि सिर्फ पानीपत प्लांट की क्षमता ही 260 टन ऑक्सीजन बनाने की है लेकिन इस प्लांट से दिल्ली, पंजाब, और अन्य पडो़सी राज्यों को ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही है जिसके चलते राज्य को ऑक्सीजन की कमी झेलनी पड़ रही है और इस प्लांट से राज्य का कोटा कम कर 20 टन कर दिया गया है और ज्यादा ऑक्सीजन बनाए जाने के कारण यह प्लांट ओवर हीटिंग का शिकार हो चूका है और अपनी पूरी क्षमता में काम नहीं कर पा रहा है।

ओडिशा के राउरकेला संयंत्र से 70 एमटी का आवंटन हरियाणा तक पहुंचने में लगभग चार दिन लगते हैं। हरियाणा सरकार ने कहा कि अगर समय पर ऑक्सीजन की आपूर्ति की न की जाए तो स्थिति इतनी गंभीर है कि अगले 24 घंटों में राज्य में कई लोगों की जान जा सकती है। इस पर हाई कोर्ट ने हरियाणा को छूट दी कि वह आपात स्थिति में केंद्र द्वारा तैयार ऑक्सीजन के बफर स्टॉक से ऑक्सीजन ले सकता है।


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