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ओपन हाउस के बाद प्रशासक ने सभी विभागों से दस दिन में मांगी एक्शन टेकन रिपोर्ट

- कितने मामले सुलझाए इस पर होगी रिव्यू मीटिंग, अधिकारी न सुनें बात तो ओपन हाउस में करें

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 May 2018 08:09 AM (IST)Updated: Wed, 23 May 2018 08:09 AM (IST)
ओपन हाउस के बाद प्रशासक ने सभी विभागों से दस दिन में मांगी एक्शन टेकन रिपोर्ट
ओपन हाउस के बाद प्रशासक ने सभी विभागों से दस दिन में मांगी एक्शन टेकन रिपोर्ट

- कितने मामले सुलझाए इस पर होगी रिव्यू मीटिंग, अधिकारी न सुनें बात तो ओपन हाउस में करें शिकायत: बदनौर

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- शहर से जुड़ी विभिन्न समस्याएं लेकर पहुंची एसोसिएशन और लोग जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : ओपन हाउस में लोगों की समस्याएं सुनने के बाद एडमिनिस्ट्रेटर वीपी बदनौर ने संबंधित डिपार्टमेंट्स से 10 दिन के अंदर एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट सब्मिट करवाने के बाद इस पर बदनौर अधिकारियों की रिव्यू मीटिंग लेंगे। ओपन हाउस के बाद बदनौर ने कहा कि उनका मकसद केवल भीड़ जुटाकर लोगों को झूठी तसल्ली देना नहीं समस्या का समाधान करना है। ओपन हाउस का सिलसिला अब चलता रहेगा। पहला अनुभव बेहद अच्छा रहा। लोगों के काम नहीं करने और बेवजह परेशान करने वाले अधिकारियों और बाबुओं की शिकायत सीधे ओपन हाउस में आकर की जा सकती है। बदनौर ने कहा कि इससे ट्रांसपेरेंसी बढ़ेगी और लोगों में जागृति आएगी। अधिकारियों को भी डर रहेगा कि कहीं उनकी शिकायत तो नहीं हो जाएगी। ओपन हाउस में 42 संगठनों और लोगों ने मिलकर बदनौर के सामने अपनी बात रखी।

गारबेज प्लांट को आबादी से बाहर करो शिफ्ट

अधिकारी दस मिनट भी वहां रुक नहीं सकते

शिरोमणि अकाली दल के स्थानीय नेता जगजीत सिंह, अमरेंद्र सिंह और इंद्रजीत सिंह ने गारबेज प्लांट को आबादी एरिया से 10 किलोमीटर दूर शिफ्ट करने की मांग की। कहा कि कोच्ची और अन्य शहरों में गारबेज प्लांट आबादी एरिया से 10 से 25 किलोमीटर की दूरी पर हैं। सुरेंद्र कुमार ने प्रशासक से कहा कि अधिकारी 10 मिनट भी गारबेज प्लांट पर नहीं रुक सकते। डड्डूमाजरा और आसपास एरिया के लोग सांस नहीं ले पा रहे। बच्चे बीमारियों की चपेट में हैं। एडमिनिस्ट्रेटर ने एमसी कमिश्नर को मौके पर जाकर हाल जानने के आदेश दिए। ट्रेड बोर्ड या ट्रे‌र्ड्स एडवाइजरी कमेटी बनाने की मांग

चंडीगढ़ व्यापार मंडल ने ट्रे‌र्ड्स वेलफेयर बोर्ड या एडवाइजरी कमेटी बनाने की मांग रखी। मंडल के प्रेसिडेंट अनिल वोहरा ने बे-शॉप और बूथ पर फ‌र्स्ट फ्लोर बनाने की मंजूरी मांगी। कमर्शियल बिल्डिंग के अपर फ्लोर और बेसमेंट में जनरल बिजनेस करनी की मंजूरी भी मांगी। कमर्शियल प्रॉपर्टी को फ्री होल्ड करने की मांग भी रखी। भीड़ और पार्किंग समस्या को देखते हुए वेंडर जोन को मार्केट से दूर खुले स्पेस में बनाने की बात भी उन्होंने उठाई। 2015 में भर्ती हुए टीचरों से मांगे लिखित सुझाव

2015 में भर्ती हुए टीचर्स ने एडमिनिस्ट्रेटर से मिलकर नौकरी नहीं छीनने की गुजारिश की। ज्वाइंट एक्शन कमेटी के प्रतिनिधियों ने कहा कि कुछ लोगों की सजा सभी को नहीं मिलनी चाहिए। भर्ती रद होने से परिवार उजड़ जाएंगे। प्रशासक ने हमदर्दी जताते हुए कहा कि वह खुद इस मामले में रास्ता खोजकर लिखित में सुझाव दें। वह कैसे माने कि किसने पेपर लीक का फायदा उठाया। पुराने मास्टर प्लान के हिसाब से खोली जाएं सड़कें

शिअद के प्रतिनिधियों ने बढ़ती ट्रैफिक का एक कारण सड़कों और जंक्शन के कई प्वाइंट को बेवजह बंद करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि पुराने मास्टर प्लान के हिसाब से ही सड़कों और जंक्शन को खोला जाना चाहिए। इससे बेवजह लोगों को एक सेक्टर पर कर अगले राउंड अबाउट से नहीं मुड़ना पड़ेगा। इसके अलावा शिअद ने रेलवे स्टेशन से पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट और सेक्रेटेरिएट के लिए सीधी बस शुरू किए जाने की मांग भी उठाई। गांव की मांगों पर अलग से होगी मीटिंग

गांव में लाल डोरा से बाहर कंस्ट्रक्शन और लैंड एक्वीजिशन जैसे मामलों पर बदनौर ने कहा कि वह गांव की समस्याओं पर अलग से मीटिंग बुलाने जा रहे हैं। उसमें गांव से संबंधित ऐसे ही 9 मामलों पर चर्चा होगी। खुड्डा अलीशेर में एग्रीकल्चर लैंड पर जिन लोगों के मकान गिराए गए थे वह भी बदनौर से मिले। पर बदनौर ने भी कोर्ट केस का हवाला देकर कुछ न कर सकने में असमर्थता जता दी। साथ ही भविष्य में मकान नहीं गिराए जाने का आश्वासन भी दिया। सिक्योरिटी ने अंदर जाने दिया तो पीड़ित गेट पर बैठे, कहा-

कैसा ओपन हाउस जब मिलने ही नहीं दे रहे

ओपन हाउस में पहले से बुलाए गए 41 एसोसिएशन और लोगों के साथ कुछ अन्य लोग भी अपनी समस्याएं लेकर पहुंच गए। सिक्योरिटी ने जब इन्हें नहीं मिलने दिया तो सेक्रेटेरिएट के गेट पर ही धरने पर बैठ गए। मलोया के मलविंद्र पाल सिंह ने कहा कि यह कैसा ओपन हाउस है जब मिलने ही नहीं दिया जा रहा। उनको देख पारिवारिक विवाद की फरियाद लेकर पहुंचे रवि कुमार और दो अन्य महिला भी बैठ गई। मामला बिगड़ने से पहले ही पुलिस ने उन्हें वहां से उठा दिया। हालांकि बाद में एडमिनिस्ट्रेटर उनसे भी मिले।


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