पराली पर पंजाब सरकार को फटकार, हाई कोर्ट में नहीं दिया जवाब
भारतीय किसान यूनियन ने चालान करने के खिलाफ दायर की है याचिका पर पंजाब सरकार द्वारा जवाब न दिए जाने पर हाई कोर्ट ने सरकार को कड़ी फटकार लगाई है।
जेएनएन, चंडीगढ़। पराली जलाने के मामले पर हाई कोर्ट ने एक बार फिर पंजाब सरकार को फटकार लगाई है। पराली जलाने वाले किसानों के चालान काटे जाने के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका पर हाईकोर्ट के नोटिस का जवाब नहीं दे पाने पर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए 15 जनवरी को मामले की अगली सुनवाई पर हर हाल में जवाब दायर करने के आदेश दिए हैं।
जस्टिस राजन गुप्ता ने अब इस मामले में याचिकाकर्ता संस्था भारतीय किसान यूनियन के एडवोकेट चरणपाल सिंह बागड़ी के आग्रह पर पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी प्रतिवादी बनाते हुए उनसे अगली सुनवाई पर जवाब देने के आदेश दिए हैं। सोमवार को पंजाब सरकार की ओर से कहा गया कि इसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी एक केस चल रहा है।
इस केस के बारे में सरकार हाईकोर्ट को कोई जानकारी नहीं दे पाई। वहीं याचिकाकर्ता यूनियन ने हाईकोर्ट को बताया कि सरकार ने अब तक पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ 100 से अधिक एफआइआर दर्ज कर दी है। मामले में हाईकोर्ट पहले ही सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कह चुका है कि पहले तो सरकार यह बताए कि इन किसानों पर किस कानून के तहत एफआइआर दर्ज की गई है। राज्य में किसानों की स्थिति पहले ही बदहाल है, उस पर सरकार है कि उनकी कोई मदद करने की बजाय उनके खिलाफ मामले दर्ज कर उन्हें और परेशान कर रही है।
याचिका में मांग, पहले विकल्प दे सरकार
भारतीय किसान यूनियन ने दायर याचिका में मांग कि गई है पंजाब सरकार किसानों के चालान काटने से पहले पराली के निपटारे के लिए किसानों को जागरूक करे और पराली को जलाने के बजाय कोई बेहतर विकल्प दे, जिससे पराली का किसान निपटारा कर सकें। अगर सरकार की ओर से किसानों को विकल्प देने के बाद भी पराली जलाई जाए, तो उसके बाद ही किसानों का चालान काटा जाए।
मजबूरी में जला रहे पराली
हाईकोर्ट को बताया गया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के पराली जलाए जाने के विषय में दिए गए आदेश के बाद पंजाब सरकार ने किसानों के खिलाफ सख्ती बरतनी शुरू कर दी। आरोप लगाया गया कि जब किसानों के पास पराली को निपटाने के लिए अन्य कोई विकल्प ही नही है, तो वो मजबूरी में ही पराली को जला रहे हैं।
हाईकोर्ट को बताया गया कि वर्ष 2006 में एक याचिका का निपटारा करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि सरकार पराली के निपटारे के लिए कदम उठाए उसके बाद ही किसानों पर कार्रवाई करे। हाईकोर्ट ने मामले में पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
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