Move to Jagran APP

राहुल गांधी नववर्ष पर मोगा से फूकेंगे पंजाब में चुनावी बिगुल, सिद्धू-चन्नी को एक साथ लाना बड़ी चुनौती

पंजाब में राहुल गांधी आधिकारिक रूप से जनवरी की शुरुआत में विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंकेंगे। राहुल गांधी के 5 से 10 जनवरी के बीच मोगा आने की संभावना है। 15 माह बाद पंजाब आ रहे हैं ।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 27 Dec 2021 10:13 AM (IST)Updated: Tue, 28 Dec 2021 09:19 AM (IST)
राहुल गांधी नववर्ष पर मोगा से फूकेंगे पंजाब में चुनावी बिगुल, सिद्धू-चन्नी को एक साथ लाना बड़ी चुनौती
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की फाइल फोटो।

कैलाश नाथ, चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और कांग्रेस के प्रदेश प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू लगातार चुनावी रैलियां कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी की तरफ से अधिकारिक चुनावी शंखनाद करने के लिए राहुल गांधी नव वर्ष पर पंजाब आएंगे। मोगा में रैली करके राहुल गांधी चुनावी बिगुल फूंक देंगे। राहुल की रैली को लेकर कांग्रेस पार्टी ने तैयारियां शुरू कर दी है। हालांकि रैली की तारीख को अंतिम रूप अभी नहीं दिया गया है, क्योंकि राहुल के दफ्तर से समय अभी नहीं मिला है।

loksabha election banner

राहुल की रैली को लेकर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने बैठकें करनी शुरू कर दी है। राहुल गांधी 15 महीने के बाद पंजाब आ रहे हैं। इससे पहले वह अक्टूबर 2020 में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ ट्रैक्टर मार्च की अगुवाई करने के लिए मोगा आए थे। अब 2022 में वह मोगा में ही कांग्रेस की चुनावी रैली में हिस्सा लेने के लिए आ रहे हैं। हालांकि 2020 और 2022 के चुनावी दौरे के बीच में बहुत कुछ बदल गया हो, लेकिन स्थिति कमोबेश वैसे की वैसे ही है।

2020 में मोगा के बधनीकलां की स्टेज पर कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू धुर विरोधी के रूप में मौजूद थे। तो 2022 में कैप्टन की जगह भले ही चरणजीत सिंह चन्नी ने संभाल ली हो, लेकिन सिद्धू अभी भी मुख्यमंत्री के विरोधी बनकर स्टेज पर मौजूद रहेंगे। अत: राहुल के सामने एक बार फिर मुख्यमंत्री और सिद्धू के बीच में संतुलन बनाने की जिम्मेदारी होगी। हालांकि 2020 में सिद्धू के पास कोई पावर नहीं थी, लेकिन 2022 में सिद्धू कांग्रेस के प्रदेश प्रधान हैं। दोनों ही नेता चुनाव प्रचार में अपने-अपने चेहरे को आगे कर रहे हैं।

चन्नी और सिद्धू की खींचतान का असर कांग्रेस की रणनीति पर भी साफ देखने को मिल रहा है, क्योंकि भले ही पार्टी का कंपेन प्लान अभी तैयार न हुआ हो, लेकिन दोनों नेता अपना-अपना कंपेन चला रहे हैं। वहीं, पार्टी ने भले ही किसी को भी उम्मीदवार नहीं बनाया हो, लेकिन सिद्धू धड़ाधड़ उम्मीदवार बनाते जा रहे हैं। ऐसे में राहुल गांधी की पंजाब रैली का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। देखना होगा कि चुनाव से पहले राहुल गांधी का पंजाब दौरा क्या दोनों नेताओं को एक माला में पिरो पाएंगे या नहीं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.