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अब कुत्‍ते के काटने से मौत पर मिलेगा तीन लाख व पूर्ण दिव्यांग होने पर एक लाख मुआवजा

कुत्‍ते के काटने से मौत होने पर अब पीडि़ परिवार को तीन लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा। 50 प्रतिशत तक दिव्‍यांग होने की स्थिति में एक लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 29 Jun 2018 02:10 PM (IST)Updated: Fri, 29 Jun 2018 09:04 PM (IST)
अब कुत्‍ते के काटने से मौत पर मिलेगा तीन लाख व पूर्ण दिव्यांग होने पर एक लाख मुआवजा
अब कुत्‍ते के काटने से मौत पर मिलेगा तीन लाख व पूर्ण दिव्यांग होने पर एक लाख मुआवजा

जेएनएन, चंडीगढ़। अब कुत्‍ते के काटने से मौत होने पर परिवार को तीन लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा। इस कारण पूरी तरह दिव्‍यांग होने पर लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा। चंडीगढ़ नगर निेगम ने डेढ़ साल के बच्‍चे आयुष की कुत्‍ते द्वारा काटने से मौत के बाद नगर निगम ने इसे बारे में नीति बनाई है।

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इस नीति के तहत अब डाग बाइट केस में मुआवजे के लिए प्रशासन के पास फाइल नहीं भेजनी पड़ेगी। डॉग बाइट केस में पीडि़त की मौत होने पर परिजनों को तीन लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। पूर्ण दिव्यांग होने या 50 प्रतिशत से अधिक डिसेब्लिटी की स्थिति में एक लाख रुपये दिए जाएंगे। डायरेक्टर (हेल्थ सर्विसेज) के डिसेब्लिटी सर्टिफाई करने पर ही यह मुआवजा मिलेगा।

नगर निगम ने डाग बाइट केस में मुआवजे के लिए बनाई पॉलिसी

नगर निगम ने आयुष के परिजनों को  लाख रुपये का मुआवजा दिया है। इसी तरह से 2015 में सादिया के परिजनों को भी तीन लाख रुपये का मुआवजा दिया गया था। शहर में 13 हजार से अधिक अवारा कुत्‍ते हैं। पालतू कुत्‍तों की संख्‍या 16 हजार हैं। पॉलिसी में यह भी तय किया गया है कि कुत्‍तों की नसबंदी सीसीटीवी कैमरे की नजर में होगी। हर नसबंदी का रिकॉर्ड रखा जाएगा। यह पॉलिसी नगर निगम की बैठक में रखा जाएगा। मंजूरी मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा।

24 घंटे में पुलिस को करनी होगी शिकायत

नई नीति के तहत आवारा कुत्‍ते के काटने पर ही मुआवजे के हकदार होंगे। पालतू कुत्‍ते के काटने पर मुआवजा नहीं मिलेगा। म्यूनिसिपल हेल्थ ऑफिसर (एमओएच) की अध्‍यक्षता में गठित कमेटी मुआवजे पर फैसला लेगी। यह कमेटी अपनी रिपोर्ट कमिश्नर को देगी। कमिश्नर केस में अंतिम निर्णय लेंगे। जिस दिन डॉग बाइट होती है उसी दिन एरिया पुलिस स्टेशन में विस्तृत शिकायत दर्ज करानी होगी।

शिकायत में यह बताना होगा कि कुत्‍ते ने कब, कहां, किस तरह काटा। यह भी जानकारी देनी होगी कि कुत्‍ते का व्यवहार और किस तरह से उसने हमला किया। पीडि़त ने घटना के दौरान और बाद में क्या किया। मौके पर कोई प्रत्यक्षदर्शी जिसने घटना को देखा हो। प्रत्यक्षदर्शी का बयान भी दर्ज होगा। घटना से संबंधित फोटो या दस्तावेज जिस जगह काटा घांव का फोटो भी देना होगा। डॉग इस एरिया में अक्सर देखा गया या फिर इससे पहले नहीं देखा।

झूठ बोल कर क्लेम लिया तो कार्रवाई

पॉलिसी में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अगर कोई व्यक्ति झूठी शिकायत देकर या फर्जी दस्तावेज देकर क्लेम लेता है तो उस पर नगर निगम उचित कार्रवाई करवाएगा। अगर कोई क्लेम ले लेता है तो उससे यह 18 प्रतिशत ब्याज सहित वापस लिया जाएगा। पुलिस केस अलग से होगा।

कितने डॉग्स की हुई स्टरर्लाजेशन

2015-16          5435

2016-17          3064

2017 से अब तक  2133


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