Move to Jagran APP

पीयू में टीचर्स व अन्य कर्मचारियों को नहीं मिलेगी फाइनेंशियल सब्सिडी, अब खुद उठाना होगा यात्रा का खर्च

इस फैसले के बाद उन टीचर्स और कर्मचारियों को जोरदार झटका लगा है जिन्होंने किसी भी कार्यक्रम में शिरकत करनी थी। हालांकि कोरोना के चलते इन कार्यक्रमों पर रोक है लेकिन अनलॉक हो देश में आने वाले समय में गाइडलाइंस के तहत कार्यक्रम शुरू हो सकते है।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 02:38 PM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 02:38 PM (IST)
पिछले वर्ष कैंपस से दर्जन भर सीनियर प्रोफेसर, रिसर्च स्कॉलर आदि ने विदेश जाकर कांफ्रेंस अटैंड की थी।

चंडीगढ़, [वैभव शर्मा]। पंजाब यूनिवर्सिटी में चल रही आर्थिक तंगी किसी से छिपी नहीं है। वहीं पीयू प्रशासन इस आर्थिक तंगी से बाहर निकलने की हर संभव कोशिश कर रहा है। इस कड़ी में पीयू प्रशासन ने देश और विदेश में आयोजित होने वाली कांफ्रेंस में हिस्सा लेने वाले टीचर्स और कर्मचारियों के लिए फरमान जारी किया हैं।

loksabha election banner

इसके तहत जो भी टीचर्स और कर्मचारी अगर देश और विदेश में आयोजित होने वाली कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने जाता है, तो उसको पीयू की ओर से कोई भी आर्थिक मदद नहीं दी जाएगी। यानि के अगर ये सभी कॉन्फ्रेंस अटैंड करने जाते है तो उन्हें अपनी जेब से उस यात्रा का खर्चा देना होगा। इस फैसले के बाद उन टीचर्स और कर्मचारियों को जोरदार झटका लगा है, जिन्होंने किसी भी कार्यक्रम में शिरकत करनी थी। हालांकि कोरोना के चलते इन कार्यक्रमों पर रोक है लेकिन अनलॉक हो देश में आने वाले समय में गाइडलाइंस के तहत कार्यक्रम शुरू हो सकते है।

करोड़ों रुपये का आता था खर्च

देश और विदेश में आयोजित होने वाली कॉन्फ्रेंस में कैंपस से कई टीचर्स जाते थे। सूत्रों के अनुसार पिछले वर्ष कैंपस से दर्जन भर सीनियर प्रोफेसर, रिसर्च स्कॉलर आदि ने विदेश जाकर कांफ्रेंस अटैंड की थी। इनमें पेपर पब्लिश से लेकर अवार्ड सम्मेलन शामिल है। उसके अलावा देश में आयोजित होने वाली कांफ्रेंस में भी बड़ी संख्या में कैंपस से टीचर्स गए थे। इन सभी की यात्रा पर खर्चा करोड़ों में होता था।

ऑस्टेरिटी मापन कमेटी की बैठक में हुआ निर्णय

हाल ही में पीयू अधिकारियों की एक बैठक हुई थी। जिसमें ऑस्टेरिटी मापन कमेटी ने टीचर्स और कर्मचारियों को दी जानी वाली फाइनेंशियल सब्सिडी पर रोक लगाई है। उसके बाद पीयू कुलपति प्रो. राजकुमार ने भी इस पर मुहर लगा दी है। इस निर्णय की कॉपी सभी विभाग को ईमेल के माध्यम से भेज दी जाएगी।

बजट में अलग से रखी जाती थी रकम

पीयू में बजट पारित होने के बाद ही, इस कार्य के लिए अलग से बजट रखा जाता था। सूत्रों के अनुसार 20 से 30 करोड़ रुपये के करीब राशि इन यात्रा पर खर्च होती है। लेकिन इनके बीच सवाल यह भी उठ रहा है कि पीयू प्रशासन फालतू खर्चों पर तो अंकुश लगा रहा है लेकिन जो अधिकारी अभी भी सरकारी मशीनरी का र्दुउपयोग कर रहे है, उनके क्या कदम उठा रहा है।

पांच मिनट के रास्ता तय करने के लिए वाहन का किया जाता है प्रयोग

नाम प्रकाशित करने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि पीयू प्रशासन का फैसला अच्छा है। इससे फालतू खर्चे पर रोक लगेगी। लेकिन उन अधिकारियों के लिए पीयू क्या कर रहा है जो पांच मिनट का रास्ता भी सरकारी गाड़ी में बैठ कर तय कर रहे हैं। कैंपस में ऐसे कई अधिकारी है जो अपने निजी वाहनों की जगह सरकारी वाहन का प्रयोग कर रहे है। इन अधिकारियों को भी सरकारी वाहनों का प्रयोग बंद देना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.