सिख महिलाओं के लिए हेलमेट वैकल्पिक करने को लेकर लोगों से मांगे सुझाव
आम लोग, एनजीओ और अन्य नागरिक अपने सुझाव और आपत्तिया 30 दिनों के अंदर प्रशासन को भेज सकते हैं। सुझावों और आपत्तियों के आधार पर ही प्रशासन सिख महिलाओं को हेलमेट पहनने के मामले में छूट देने का अंतिम निर्णय लेगा।
जासं, चंडीगढ़ : मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स (एमएचए) की एडवाइजरी के बाद यूटी प्रशासन ने बुधवार को सिख महिलाओं के लिए हेलमेट वैकल्पिक करने पर लोगों से सुझाव और आपत्तिया मागी हैं। इस पर आम लोग, एनजीओ और अन्य नागरिक अपने सुझाव और आपत्तिया 30 दिनों के अंदर प्रशासन को भेज सकते हैं। सुझावों और आपत्तियों के आधार पर ही प्रशासन सिख महिलाओं को हेलमेट पहनने के मामले में छूट देने का अंतिम निर्णय लेगा। इसी दौरान हाईकोर्ट के आदेश को देखते हुए प्रशासन इस पर लीगल राय भी लेगा।
बुधवार को ट्रासपोर्ट डिपार्टमेंट की तरफ से इस संबंध में ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया गया। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले सप्ताह बादलों की आपत्ति के बाद महिलाओं को हेलमेट पहनने की नोटिफिकेशन में दिल्ली की तर्ज पर बदलाव करने की सलाह दी थी। दिल्ली में सिख महिलाओं को हेलमेट पहनना उनकी मर्जी पर आधारित है। अनिवार्य नहीं है। जुलाई में प्रशासन ने चंडीगढ़ मोटर व्हीकल रूल्स-1990 के रूल-193 में संशोधन कर सभी महिलाओं के दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट अनिवार्य किया था। जुलाई में प्रशासन ने मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन के बाद महिलाओं के लिए हेलमेट अनिवार्य किया था। इसके बाद से ही सिख संगठन इसे सिख रहत मर्यादा का उल्लंघन बता रहे थे। शिअद ने कई बार प्रदर्शन किया पंजाब के राज्यपाल एवं यूटी प्रशासक वीपी सिंह बदनौर से मिलकर आपत्ति जताई। 11 अक्टूबर को दिल्ली में गृहमंत्री राजनाथ से मिले बादल पिता-पुत्र ने ही एडवाइजरी जारी कर इसे दिल्ली की तर्ज पर करने की सलाह दी थी।