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अब नाइट शिफ्ट में सीनियर डाक्टर का ड्यूटी पर होना जरूरी

स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग ने शहर के सभी सरकारी अस्पतालों में अब नाइट ड्यूटी पर एक सीनियर डाक्टर का रहना अनिवार्य कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 10:43 PM (IST)Updated: Wed, 15 Sep 2021 10:43 PM (IST)
अब नाइट शिफ्ट में सीनियर डाक्टर का ड्यूटी पर होना जरूरी
अब नाइट शिफ्ट में सीनियर डाक्टर का ड्यूटी पर होना जरूरी

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग ने शहर के सभी सरकारी अस्पतालों में अब नाइट ड्यूटी पर एक सीनियर डाक्टर का रहना अनिवार्य कर दिया है। जूनियर स्टाफ के अलावा सीनियर डाक्टर और कंसल्टेंट की भी रोटेशन में ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए गए हैं। बीते रविवार देर रात स्वास्थ्य सचिव ने शहर के सभी सरकारी अस्पतालों में औचक निरीक्षण किया था। इस निरीक्षण के दौरान ड्यूटी पर कई डाक्टर सोते पाए गए थे और बाकी जूनियर स्टाफ मोबाइल पर गेम खेलते पकड़े गए थे। पहली सरप्राइज चेकिग होने के कारण स्वास्थ्य सचिव ने किसी पर कोई सख्त एक्शन नहीं लिया, लेकिन आगे के लिए पूरे विभाग को सचेत करते हुए कुछ दिशा निर्देश जारी किए हैं। इनका पालन अनिवार्य कर दिया है। उच्च अधिकारियों को औचक निरीक्षण के आदेश दिए

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स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग ने स्वास्थ्य निदेशक डा. अमनदीप कौर कंग, जीएमसीएच-32 की डायरेक्टर प्रिसिपल डा. जसबिदर कौर के अलावा सभी अस्पतालों के मेडिकल सुपरिटेंडेंट और एसएमओ को रात के समय औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। ड्यूटी में कोताही बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन टेकन रिपोर्ट बनाकर उन्हें कार्रवाई के लिए भेजने के आदेश दिए हैं। नाइट ड्यूटी रोस्टर बनाने के निर्देश

स्वास्थ्य सचिव ने स्वास्थ्य निदेशक और डायरेक्टर प्रिसिपल को निर्देश जारी कर शहर के सभी सरकारी अस्पताल और सिविल अस्पताल में नाइट डयूटी रोस्टर बनाने के लिए कहा है। इस नाइट ड्यूटी रोस्टर को अस्पताल के डिसप्ले बोर्ड पर रोजाना लगाने के निर्देश दिए हैं। ताकि किसी भी अधिकारी या इलाज के लिए आने वाले मरीज के साथ अटेंडेंट ड्यूटी आफिसर से कोई भी दिक्कत आने पर संपर्क कर सकें। ड्यूटी रोस्टर में संबंधित अधिकारी का मोबाइल नंबर भी अनिवार्य किया गया है। इमरजेंसी सेवाओं में कोई कोताही नहीं चलेगी

औचक निरीक्षण के समय जीएमसीएच-32 की ईएमओ इमरजेंसी वार्ड छोड़कर साथ वाले कमरे में मोबाइल फोन चलाते पकड़ी गई थी। ऐसे में स्वास्थ्य सचिव ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि सभी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में 24 घंटे इमरजेंसी मेडिकल आफिसर (ईएमओ) का होना अनिवार्य है। अगर ईएमओ को ड्यूटी के दौरान किसी भी कारण से इमरजेंसी वार्ड छोड़कर कहीं जाना पड़ता है तो ईएमओ सबसे पहले किसी नर्सिग स्टाफ या अटेंडेंट को अपना कार्यभार सौंपकर जाएगा। इमरजेंसी वार्ड में अगर कोई भी ड्यूटी आफिसर नहीं पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। एसएसपी को पत्र लिख सुरक्षा व्यवस्था और पेट्रोलिग बढ़ाने के निर्देश

स्वास्थ्य सचिव ने एसएसपी चंडीगढ़ को शहर के प्रमुख सरकारी अस्पताल और सिविल अस्पताल में रात के समय सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने को कहा है। इसके अलावा नाइट पेट्रोलिग बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। ताकि रात के समय कोई भी संदिग्ध व्यक्ति किसी भी प्रकार की गैर कानूनी गतिविधियों को अंजाम न द सके। ऐसा इसलिए क्योंकि बीते रविवार की रात जब स्वास्थ्य सचिव ने जीएमसीएच-32 का औचक निरीक्षण किया था, उस समय अस्पताल के ऑक्सीजन प्लांट के पास पांच से छह संदिग्ध लोग खुलेआम शराब का सेवन कर रहे थे।


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