महिला प्रोफेसर की याचिका पर पीयू को नोटिस
पंजाब यूनिवर्सिटी की वरिष्ठ महिला प्रोफेसर की यौन प्रताड़ना की शिकायत पर एक स्वतंत्र समिति द्वारा जांच करवाए जाने की मांग पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी कर दिए हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी की वरिष्ठ महिला प्रोफेसर की यौन प्रताड़ना की शिकायत पर एक स्वतंत्र समिति द्वारा जांच करवाए जाने की मांग पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी कर दिए हैं। अपनी याचिका में यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस-चांसलर पर यौन प्रताड़ना के आरोप लगाते हुए याचिकाकर्ता प्रोफेसर ने यूनिवर्सिटी के चांसलर और अन्यों के खिलाफ अपनी याचिका में कहा है कि पूर्व वाइस चांसलर ने अपने पद का लाभ लेते हुए बार-बार उन्हें प्रताड़ित करने का प्रयास किया और कई अवसरों पर उनसे गलत करने का प्रयास किया। याचिका के अनुसार वाइस-चांसलर ने 31 मार्च, 2013 को एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान याचिकाकर्ता को शारीरिक तौर पर छूने का प्रयास किया तो याचिकाकर्ता ने इस पर अपना विरोध भी जताया। याचिकाकर्ता ने कहा है कि पूर्व वीसी ने यूनिवर्सिटी की विभिन्न बैठकों या औपचारिक कार्यक्रमों में भी याचिकाकर्ता के खिलाफ अपना अभद्र व्यवहार जारी रखा और विभिन्न अवसरों पर याचिकाकर्ता को उनकी अभद्र बातों या नजरों का शिकार होना पड़ा। याचिकाकर्ता का कहना है कि पूर्व वाइस चांसलर के बाज न आने पर उन्होंने यूनिवर्सिटी प्रशासन को शिकायत की, जिसमें उन्होंने अपनी शिकायत की जांच सीबीआइ या किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी से करवाए जाने की मांग की थी। परंतु नियमों के तहत यह शिकायत वाइस-चांसलर के कार्यालय से ही जानी थी। इसके चलते वीसी कार्यालय ने उनकी शिकायत को सेक्सुअल हैरासमेंट कमेटी को भेज दिया गया। याचिकाकर्ता ने कहा कि यूनिवर्सिटी की सेक्सुअल हैरासमेंट कमेटी का गठन यूनिवर्सिटी की सीनेट और सिंडीकेट द्वारा किया जाता है, जिनकी अध्यक्षता स्वयं वाइस चांसलर द्वारा की जाती है और वीसी की अध्यक्षता वाली सीनेट और सिंडीकेट द्वारा गठित की गई सेक्सुअल हैरासमेंट कमेटी से अपने ही बॉस के खिलाफ सही जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती। यूनिवर्सिटी के चांसलर द्वारा उनकी शिकायत की जांच के लिए यूनिवर्सिटी से जुड़े लोगों या संस्थाओं से स्वतंत्र एक समिति का गठन किए जाने की मांग करते हुए याचिकाकर्ता प्रोफेसर ने कहा है कि स्वतंत्र समिति ही उनकी शिकायत पर निष्पक्ष जांच कर पाएगी। एडवोकेट कार्तिकेय के माध्यम से दर्ज की गई इस याचिका पर शुक्रवार को जस्टिस रितु बाहरी की अदालत ने पंजाब यूनिवर्सिटी को 14 सितंबर का नोटिस जारी कर दिया।