बैलेंस नहीं कीटो डाइट है ट्रेंड में, खाने की मात्रा रहती है तय
जायका और सेहत का खयाल रखते हुए बैलेंस डाइट को अहम माना जाता है। इसमें इंसान के खाने की मात्रा तय रहती है।
जासं, चंडीगढ़: जायका और सेहत का खयाल रखते हुए बैलेंस डाइट को अहम माना जाता है। इसमें इंसान के खाने की मात्रा तय रहती है। हालांकि अब कीटो डाइट यानी केटोजेनिक डाइट चलन में आई है। इसमें खाने और शरीर के वजन को लेकर एक नई थ्योरी इजाद की गई है। शहर में कई लोग इस डाइट को अपना रहे हैं और शरीर के वजन को कम कर रहे हैं। आयुर्वेद में भी कीटो डाइट का जिक्र न्यूट्रीशिनिस्ट डॉ. संतोख ¨सह ने कहा कि कीटो डाइट हाल ही में अमीर वर्ग के लोगों में ज्यादा प्रचलित हुई है। इसको विदेश में खोजा गया, मगर इसके अंश आपको आयुर्वेद में मिल जाएंगे। जहां खाने में कार्ब्स को बहुत कम रखा जाता है। इस डाइट के बेस में कार्ब्स की मात्रा बहुत कम रखी जाती है। साथ ही हेल्दी फैट्स को ज्यादा तरजीह दी जाती है। डॉ संतोख ने कहा कि उन्होंने खुद इस डाइट को फॉलो किया और एक महीने में 13 किलो वजन घटाया। हर व्यक्ति के लिए अलग से तैयार होता है मैन्यू डॉ. संतोख ने कहा कि कीटो डाइट के लिए हर व्यक्ति के लिए अलग से मैन्यू तैयार होता है। इसमें पहले व्यक्ति के टेस्ट लिए जाते हैं, जिसमें उनकी बॉडी में मौजूद फैट, प्रोटीन, कैल्शियम और अन्य चीजों के टेस्ट लिए जाते हैं। फिर इसके अनुसार ही डाइट चार्ट बनाया जाता है। पुरुष और महिला के अनुसार ये अलग होता है। इसमें कैलोरी बर्न करने को लेकर नहीं, बल्कि फैट को एनर्जी में बदलने पर जोर होता है। इसमें उतना ही खाना होता है, जितनी जरूरत हो। नारियल के तेल का होता है इस्तेमाल.. कीटो डाइट में खाना बहुत अलग होता है। डॉ संतोख ने कहा कि कोटी डाइट के लिए नारियल का तेल इस्तेमाल में लाया जाता है। इसमें वसा नहीं होता। साथ ही खाने में आटा, चावल और दाल जैसी चीजों नहीं होती। इसकी बजाए नॉन वेज और लीफी वेजीटेबल का प्रयोग ज्यादा होता है। सुबह अंडा, दोपहर को नॉन वेज और रात को लिफी वेजीटेबल खाने की सलाह दी जाती है। दरअसल, इस डाइट में प्रोटीन और अन्य विटामिन पर जोर दिया जाता है, कोशिश ये रहती है कि इसमें कार्ब्स 0.5 प्रतिशत तक रहे।
बैलेंस डाइट से ज्यादा इफेक्टिव
डॉ. संतोख ने कहा कि बैलेंस डाइट से ज्यादा प्रभावी कीटो हाइड है। इसमें एक महीने तक कोई भी 5-6 किलो तक कम कर सकता है। साथ ही ये डाइट केवल एक महीने तक ही प्रोग्राम की जाती है। इसके बाद आप सामन्य रूप से खा सकते हैं। अगर डाइट के साथ जिम करते हैं, तो वजन को ज्यादा भी घटाया जा सकता है। टाइप टू डाइबिटीज के लिए ये काफी प्रभावशाली है। हेल्दी डाइट है जरूरी मॉड¨लग की दुनिया में रहते हुए ये जरूरी होता है कि आप फिट रहें। मेरे लिए भी ये जरूरी है। ऐसे में मैं पर्सनली किसी डाइ¨टग प्लान या जीरो फिगर पर यकीन नहीं करती। हालांकि मैंने कई बॉलीवुड सेलिब्रिटी के डाइटीशियन के फूड चार्ट को फॉलो किया, तो मुझे काफी अच्छे रिजल्ट मिले। मेरे अनुसार, कीटो डाइट इन दिनों ज्यादा चलन में है, मगर हमें इसके लिए डाइटीशियन या न्यूट्रीशिनिस्ट से जरूर संपर्क कर सकते हैं।