उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक में सहमति, पानी का मुद्दा कोर्ट से बाहर सुलझाएंगे
उत्तर क्षेत्र परिषद की बैठक में पानी का मुद्दा कोर्ट बाहर सुलझाने पर सहमति बन गई। प्रस्ताव कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रखा। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सि ...और पढ़ें

जेएनएन, चंडीगढ़। यहां उत्तर क्षेत्रीय परिषद की 28वीं बैठक में राज्यों के बीच पानी और बंटवारे के मुद्दे अदालत के बाहर सुलझाने पर सहमति बनी। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने की। बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, चंडीगढ़ के प्रशासक व पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर और जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने भाग लिया। बैठक में हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली सरकार की आेर से वहां से मंत्री शामिल हुए।
हरियाणा ने कहा- एसवाइएल पर नहीं होगी बात
उधर, दूसरी ओर हरियाणा के कृषि व सिंचाई मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने एसवाएल मुद्दे पर किसी तरह की बातचीत से साफ इन्कार किया। उन्होंने कहा कि बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने साफतौर पर एसवाइएल से अपने हिस्से का पानी दिए जाने की बात रखी। उन्होंने कहा कि अब इस मामले पर बातचीत नहीं, बल्कि हरियाणा को उसके हिस्से का पानी दिए जाने का मामला है।
कैप्टन अमरिंदर ने अदालत के बाहर जल बंटवारे का मामला सुलझाने की रखा प्रस्ताव
बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अपील की कि उत्तरी क्षेत्र के राज्य अपने यहां पढ़ रहे जम्मू-कश्मीर के विद्यार्थियों का ध्यान रखें और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बैठक में प्रस्ताव रखा की पानी के मुद्दों को कोर्ट के बाहर आपसी सहमति से सुलझाना चाहिए। इस पर सभी राज्य सहमत हो गए। इसके बाद पानी और ऊर्जा के बंटवारे के मामले कोर्ट से बाहर सुलझाने पर सहमति बन गई।
परिषद की सचिव संजीवनी कुट्टी और पंजाब के मुख्य सचिव करन अवतार सिंह ने भी इस बात की पुष्टि की कि सभी राज्य पानी के मुद्दे को कोर्ट से बाहर सुलझाने को लेकर सहमत हुए।
बैठक में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल के साथ वहां के कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ और राज्य मंत्री कृष्ण बेदी ने भाग लिया। पंजाब के मुख्मंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ राज्य के वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने भी बैठक में हिस्सा लिया। बैठक में जम्मू कश्मीर की ओर से वहां के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह बैठक में शामिल हुए।
यह भी पढ़ें: सिद्धू मामले पर हाईकोर्ट की टिप्पणी, मंत्रियों पर लागू नहीं तो बनाई क्यों आचार संहिता
बैठक में हिमाचल प्रदेश की ओर से वहां के कैबिनेट मंत्री ठाकुर कौल सिंह और विद्या स्टोक्स शामिल हुए। राजस्थान की आेर से वहां के जल संसाधन मंत्री रामप्रताप ने बैठक में हिस्सा लिया। दिल्ली की ओर से कैबिनेट मंत्री इमरान हुसैन मौजूद थे।

बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, हरियाणा सीएम मनाेहरलाल व पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह।
यह भी पढ़ें: पंजाब आप में जारी है घमासान, डैमेज कंट्रोल में जुटे भगवंत मान
बैठक में स्वास्थ्य, सामाजिक कल्याण और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग पर चर्चा की गई। इस परिषद का गठन विचारों और अनुभवों के आदान-प्रदान के लिए किया गया है। बैठक में 18 मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में आधारभूत संरचना, स्वास्थ्य, सुरक्षा, सामाजिक कल्याण, भाषायी अल्पसंख्यक और सीमा विवाद जैसे साझा हितों के मुद्दे उठाए गए।
कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा का पुख्ता प्रबंध करें उत्तरी राज्य : राजनाथ
बैठक में राजनाथ सिंह ने उत्तरी राज्यों में पढ़ाई के लिए आए विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई। उन्हाेंने केंद्र शासित चंडीगढ़ समेत सात राज्यों के प्रतिनिधियों से अपील की कि कश्मीरी विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर एडवायजरी जारी करें।
राजनाथ सिंह ने विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली समेत सात राज्यों के प्रतिनिधियों से कहा कि उत्तर क्षेत्र में कश्मीरी छात्र काफी हैं। सभी राज्यों को कश्मीरी छात्रों सुरक्षा को पुख्ता करना चाहिए।केंद्रीय गृह मंत्री ने यह बात उस समय कही, जब कश्मीर में विद्यार्थी भी सुरक्षा बलों पर पत्थर चला रहे हैं।
लगातार आ रही इस तरह की खबरों के कारण लोगों के मन में कश्मीरी छात्रों के प्रति विद्वेश पैदा हो रहा हैं। ऐसे में कोई बड़ी घटना न हो जाए। इसी बात को लेकर राजनाथ सिंह ने सभी राज्यों को एडवायजरी जारी करने के लिए भी कहा। उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की सचिव संजीवनी कुट्टी ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री विशेष रूप से यह मुद्दा उठाया, जबकि यह मुद्दा बैठक के एजेंडे में शामिल नहीं था।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।