पीयू के 35 से ज्यादा विभागों में नहीं होगी पीएचडी
पंजाब यूनिवर्सिटी में इस साल 1 जुलाई को पीएचडी और एमफिल प्रवेश परीक्षा होनी है, लेकिन 78 में से 35 से ज्यादा विभागों में यह परीक्षा इस बार नहीं लगी जाएगी।
डॉ रविंद्र मलिक, चंडीगढ़
पंजाब यूनिवर्सिटी में इस साल 1 जुलाई को पीएचडी और एमफिल प्रवेश परीक्षा होनी है, लेकिन 78 में से 35 से ज्यादा विभागों में यह परीक्षा इस बार नहीं लगी जाएगी। कारण, इन सभी विभागों में कोर्स करवाने वाले प्रोफेसर के पास सीटें अधिकतर भरी हुई है। जिनके पास खाली हैं वे जेआरएफ व नेट क्लीयर करने वाले स्टूडेंट्स को ही तवज्जों दे रहे हैं। इन विभागों में परीक्षा नहीं होने से नए स्टूडेंट्स को पीएचडी और एमफिल करने का मौका नहीं मिल रहा। कई विभाग तो ऐसे भी हैं जहा जेआरएफ और नेट क्लीयर स्टूडेंट्स के लिए भी सीट नहीं है। सामाजिक शास्त्र से जुड़े बड़े विभागों में तो सभी सीटें पिछले साल भर ली गई। दूसरी तरफ साइंस विभागों में पहले से ही नेट या जेआरएफ को प्राथमिकता दी जाती रही है। इतना ही नहीं खुद विभाग की फैकल्टी भी सीटों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं कर रही है। जो स्टूडेंटस टॉपर भी होंगे तो उनको भी अगले साल तक इंतजार करना पड़ेगा । मास कॉम, फैशन टेक्नोलॉजी व और फार्मा का बुरा हाल
पीयू के मास कॉम्युनिकेशन विभाग में पीएचडी का एंट्रेंस नहीं रखा गया। यही हालात फैशन टेक्नोलॉजी के हैं। वहा सीटें भरी बताई जा रही हैं। फार्मा साइंस में सिर्फ फैलोशिप वाले स्टूडेंट्स लेने का हवाला दिया गया है। ज्योग्राफी, लाइब्रेरी साइंस और सोशल वर्क में भी परीक्षा नहीं होगी। पाच जेआरएफ व नेट क्लीयर को भी सीट नहीं
पीयू के सोशोलॉजी विभाग में इस साल 5 स्टूडेंट्स का नेट व जेआरएफ क्लीयर हुआ है। बिना सीटों के वो इस साल पीएचडी नहीं कर पाएंगे। विभाग में 90 से ज्यादा रिसर्च स्कॉलर है। स्टूडेंट्स का कहना है कि विभाग ने पिछले साल इतने रजिस्ट्रेशन किए हैं कि अब सीट ही नहीं बची हैं। लैंग्वेज फैकल्टी के 5 विभागों में भी परीक्षा नहीं
लैंग्वेज फैकल्टी में भी ऐसे कई विभाग हैं जहां परीक्षा नहीं ली जा रही। इनमें रशियन और जर्मन विभाग भी है। इनके अलावा लैक्सिोग्राफी में भी सीट नहीं है। भाई वीर सिंह चेयर और दयानंद चेयर का हाल भी जुदा नहीं। साइंस फैकल्टी 8 से 10 विभागों में नही एंट्रेस
पीयू में साइंस के 24 विभागों हैं। हालात यह हैं कि इस साल करीब 8 से 10 विभाग ऐसे हैं जहा एंट्रेंस नहीं होगा। इन विभागों में फॉरेंसिक साइंस, सेंटर फॉर मेडिकल फिजिक्स, नैनो साइंस, न्यूक्लियर मेडिसिन और पब्लिक हेल्थ शामिल हैं। रजिस्ट्रेशन की संख्या वेबसाइट पर नहीं
किसी भी विभाग ने वेबसाइट पर यह नहीं बताया कि पिछले साल कुल कितनी रजिस्ट्रेशन पीएचडी में हुई। ज्यादातर विभागों ने साल 2016 के बाद की रजिस्ट्रेशन का आकड़ा नहीं डाला है।
---------------------------------- फार्मा विभाग में हम किसी ऐसे वैसे स्टूडेंट को पीएचडी नहीं करवाते, जिसकी फैलोशिप होगी उसी को पीएचडी करवाएंगे। लैब का काफी खर्च आता है, वह कहां से आएगा। एंट्रेंस से हम पीएचडी में रजिस्ट्रेशन ही नहीं करवाते।
प्रो कंवलजीत चोपड़ा, चैयरपर्सन, यूआईपीएस, पीयू।
हा, दिक्कत आ रही है, लेकिन इनको जल्दी दूर किया जाएगा। फ्रैशर व जेआरएफ स्टूडेंट्स को बराबर मौका मिलेगा। सीटों का वर्गीकरण भी सही तरीके से होगा। सिंडिकेट में इस पर मुहर लग चुकी है।
प्रो रजत संधीर, एसोसिएट डायरेक्टर, आरपीसी।