समस्याओं का दूसरा नाम है बलटाना
चंडीगढ़-पंचकूला से सटा बलटाना देखने में तो एक बड़े शहर से कम नहीं है लेकिन यहां बसने वाले लोग आज भी उन मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं जिसके वह असल में हकदार हैं।
जागरण संवाददाता, मोहाली : चंडीगढ़-पंचकूला से सटा बलटाना देखने में तो एक बड़े शहर से कम नहीं है लेकिन यहां बसने वाले लोग आज भी उन मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं जिसके वह असल में हकदार हैं। बलटाना शहर के रविद्रा एनक्लेव में बसने वाले ज्यादातर लोगों ने बैंक से लाखों रुपये का कर्ज लेकर यहां अपने सपनों का आशियाना बनाया लेकिन इतना पैसा लगाने के बाद भी न तो उन्हें अपने वाहनों को खड़ा करने के लिए पार्किग की सुविधा मिल रही है और न ही बच्चों को खेलने के लिए यहां कोई पार्क बना है। ऐसे में लोगों का कहना है कि इलेक्शन के दिनों में वोट लेने के लिए उनके साथ लीडर बड़े-बड़े वायदे तो कर जाते हैं लेकिन सत्ता में आने के बाद उन वायदे वह भूल जाते हैं। रविद्रा एनक्लेव के कुछ लोगों ने दैनिक जागरण से अपने विचार साझा किए और अपनी उन समस्याओं को बताया जो उन्हें रोजाना झेलनी पड़ रही है।
सड़क पर खेलना बच्चों की मजबूरी यहां बच्चों के खेलने और बुजुर्गों के सैर करने के लिए कोई पार्क नहीं है। छोटे-छोटे बच्चे बीच सड़क पर खेलने के लिए मजबूर हैं। ऐसे में कुछ बच्चे वाहनों की चपेट में आकर घायल भी हो चुके हैं लेकिन क्या करें पार्क न होने के कारण और कोई दूसरा ऑप्शन नहीं है। बच्चे खेलने की जिद्द करते हैं तो उन्हें पारस डाउन टाऊन के पार्क में ले जाना पड़ता है लेकिन वहां रोज-रोज भी नहीं जा सकते। सड़क पर खेलना बच्चों की मजबूरी बन गई है। प्रशासन को चाहिए कि यहां बच्चों और बुजुर्गों के पार्क बनवाए।
डोली शर्मा, गृहिणी रविद्रा एनक्लेव
पार्किंग को लेकर रोजाना हो रहे झगड़े
बैंक से कर्ज लेकर मकान तो बना लिए लेकिन यहां सबसे बड़ी समस्या वाहन पार्क करने की है। तंग गलियों में वाहन पार्क करने पर या तो रास्ता ब्लॉक हो जाता है या फिर पार्किग समस्या को लेकर रोजाना लोगों में झगड़े हो रहे हैं। एक-एक घर में दो से तीन वाहन हैं लेकिन उन्हें पार्क करने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। प्रशासन को पार्किंग की समस्या को पहले हल करने की प्रयास करना चाहिए।
सूरज शर्मा, प्रोसेस एसोसिएशन मेंबर
अवारा कुत्तों व पशुओं से परेशान लोग
वैसे तो प्रशासन हर रोज अवारा कुत्तों व लावारिश मवेशियों की रोकथाम को लेकर अखबारों में बड़े-बड़े बयान दे रहे हैं लेकिन रविद्रा एनक्लेव में अवारा कुत्तों व मवेशियों की भरमार है। आए दिन स्ट्रे डॉग्स बच्चों को काट रहे हैं जबकि दो पहिया वाहन चालक अवारा पशुओं की चपेट में आकर चोटिल हो रहे हैं। वहीं, लावारिश मवेशी और स्ट्रे डॉग्स घरों के बाहर गंदगी फैला रहे हैं। बार-बार गुहार लगाने पर भी प्रशासन इसका समाधान नहीं निकाल रहा है।
कविता, गृहिणी रविद्रा एनक्लेव जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर
रविद्रा एनक्लेव में कई जगह खाली प्लॉट पड़े हैं जहां कूड़े-कर्कट के ढेर लग चुके हैं। इन प्लाटों व गली मोहल्ले में भी जगह-जगह गंदगी बिखरी पड़ी है। यहां कोई सफाई वाला आता ही नहीं है, जिस कारण भयानक बीमारी फैलने का डर बना रहता है। जगह-जगह बिखरी गंदगी को तुरंत साफ करवाना चाहिए।
दीपक, प्रॉपर्टी डीलर नहीं मिल रही कैब की सुविधा
रविद्रा एनक्लेव के लोगों को सबसे बड़ी समस्या कैब की आ रही है। लोगों को अगर कहीं इमरजेंसी जाना पड़ जाए तो उन्हें कैब की सुविधा समय पर नहीं मिलती। उसका मेन कारण है कि रेलवे फाटक होने के कारण वहां लगने वाले जाम के चलते कैब चालक बलटाना की बुकिग उठाते ही नहीं है और बुकिग कैंसिल कर दी जाती है। कैब वालों का कहना है कि वह फाटक की समस्या के कारण समय पर नहीं पहुंचते तो कंपनी उनके पैसे काट लेती है। इससे बेहतर है कि वह बुकिग उठाए ही नहीं।
भरत सिंह नेगी, दुकानदार