ताबड़तोड़ कार्रवाई और गिरफ्तारी का भी असर नहीं, अब भी खेतों से उठ रहा जहरीला गुबार
पंजाब में पराली जलाने वालों किसानों पर सख्ती के बावजूद इसका असर नहीं हो रहा है। राज्य में पराली जलाने जारी है। पंजाब में दूसरे दिन भी पराली जलाने पर 97 किसान गिरफ्तार किए गए।
चंडीगढ़, जेएनएन/एएनआइ। पंजाब में पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई और गिरफ्तारियों का भी बहुत ज्यादा असर नहीं हो रहा है। राज्य में खेतों में पराली जलाना जारी है। वीरवार को भी राज्य के कई स्थानों पर खेतों में पराली जलाने से जहरीला गुबार उठता दिखाई दिया। पंजाब में प्रदेश भर में कार्रवाई की जा रही है। बुधवार को कुल 352 किसानों पर केस दर्ज कर 97 को गिरफ्तार किया गया। वीरवार को भी जांच और कार्रवाई का क्रम जारी है।
सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख के बाद दूसरे दिन 352 किसानों पर केस भी दर्ज
तरनतारन में सबसे अधिक 37 किसानों को गिरफ्तार किया गया और 6.88 लाख रुपये जुर्माना भी वसूला गया है। लुधियाना 25 किसानों की गिरफ्तारी के साथ कार्रवाई में दूसरे नंबर पर रहा। मंगलवार को भी 371 किसानों के खिलाफ केस दर्ज कर 52 किसानों को गिरफ्तार किया गया था। उधर, प्रदेश सरकार की सख्ती के बाद किसान भी उग्र हो गए हैैं और कार्रवाई करने गए प्रशासनिक अधिकारियों का घेराव करने के साथ ही उन्हें बंदी भी बनाने लगे हैैं।
लुधियाना के तलवाड़ा में वीरवार सुबह खेतों में जलती पराली।
वैसे, कानूनी शिकंजे के बाद पराली जलने के मामलों में थोड़ी कमी आई है। बुधवार को मंगलवार की तुलना में लगभग 2000 पराली जलाने के मामले कम रिकॉर्ड हुए। बुधवार पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर (पीआरएससी) के एग्रो ईको सिस्टम व क्रॉप माडलिंग डिवीजन द्वारा सेटेलाइट द्वारा ली गई तस्वीरों के अनुसार पिछले दो दिनों की तुलना में बुधवार को खेतों में पराली जलाने के मामले कम रिकॉर्ड किए गए।
तरनतारन में सबसे अधिक 37 गिरफ्तारियां, लुधियाना 25 किसान पकड़े
पीआरएससी के अनुसार 6 नवंबर को सूबे के 22 जिलों में 4741 खेतों में पराली जलाने के मामले सेटेलाइट तस्वीर में सामने आए। 5 नवंबर को 6698 खेतों में लगाई गई आग लगाई गई थी। वहीं 4 नवंबर 2019 को 5953 खेतों में आग लगाने के मामले सेटेलाइट तस्वीर में रिकॉर्ड हुए थे। विभाग के प्रमुख डॉ. अनिल सूद के अनुसार पराली जलाने के मामले में अचानक आई इस कमी की वजह प्रशासन की सख्ती हो सकती है। हालांकि, फिरोजपुर, संगरूर, मानसा, मोगा व बठिंडा में अब भी पराली जलाने के मामले अब भी ज्यादा देखे जा रहे हैं, लेकिन अच्छी बात यह है कि बुधवार को पिछले दिनों की तुलना में इन जिलों में भी कम पराली जली।
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पराली जलाने वालों पर कसा शिकंजा
जिला- केस- गिरफ्तारी
तरनतारन- 52- 37
मुक्तसर - 51- 10
बठिंडा - 50- 24
लुधियाना - 46- 25
मोगा - 44- 03
फिरोजपुर- 15- 00
फरीदकोट- 10- 00
मानसा - 11- 00
फाजिल्का- 09 - 01
संगरूर - 09- 00
बरनाला - 14- 00
पटियाला- 29- 00
नवांशहर 06 - 05
कपूरथला 01- 00
पठानकोट 01 - 00
सरङ्क्षहद 04- 02
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तरनतारन में एडीसी और एसपी ने बुझाई पराली की आग
तरनतारन गांव पखोके, वलीपुर, खैहरा, भुल्लर, छापड़ी साहिब, भैल ढाए वाला, चेला आदि गांवों में किसानों की ओर से खेत में पराली जलाने की सूचना मिलते ही एडीसी (जनरल) संदीप कुमार, एसपी (एच) गौरव तूरा, एसडीएम सुङ्क्षरदर सिंह, राजेश शर्मा, अमित महाजन के अलावा बीडीपीओ परगट सिंह सिद्धू, खेतीबाड़ी अफसर हरपाल सिंह, बीडीपीओ लाल सिंह, जगदीप सिंह आदि अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे। इस दौरान एडीसी और एसपी खुद ही खेतों में लगी आग बुझाते नजर आए।
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बठिंडा, पटियाला व नाभा में कार्रवाई करने गए पटवारी को बनाया बंधक
पराली जलाने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती से प्रशासन तो डरा लेकिन किसान बेखौफ हैं। प्रशासन की केस दर्ज करने की कार्रवाई के खिलाफ बुधवार को भी कई जिलों में किसानों ने उग्र प्रदर्शन किया। बठिंडा के रामपुरा फूल के गांव कोटड़ा-कौडिय़ां वाला व पटियाला जिले नाभा के गांव ककराला में पटवारी तथा मानसा के गांव सद्दा सिंह वाला में पराली को आग लगाने का जायजा लेने गए कृषि विभाग के सेक्टर अफसर मंगल दास और पटवारी गुरनैब सिंह को किसानों ने बंदी बना लिया। प्रशासन के दखल व पुलिस के सहयोग से कई घंटे बाद इन्हें रिहा करवाया गया।
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श्री मुक्तसर साहिब में पराली जलाने वाले पर्चा दर्ज करने पर किसानों ने थाना सदर का घेराव किया और फिर सड़क पर धरना लगाकर यातायात जाम कर दिया। बरनाला के कस्बा धनौला में भी भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां व किसान यूनियन डकौंदा के नेताओं ने कार्रवाई करने के लिए आए पुलिस मुलाजिमों की गाड़ी का घेराव किया व नारेबाजी भी की।
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