स्कूटर से ही डंपिंग ग्राउंड पहुंच गए कालिया
कालिया डड्डूमाजरा स्थित डं¨पग ग्राउंड में पहुंच गए।
राजेश ढल्ल, चंडीगढ़ : रैग पिकर से मेयर बने राजेश कालिया शनिवार को पहले ही दिन सुबह 8 बजे डड्डूमाजरा स्थित डं¨पग ग्राउंड में पहुंच गए। यहां पर पहुंचकर गिर रहे कचरे की स्थिति जानने के लिए उन्होंने अपनी सरकारी गाड़ी, सुरक्षाकर्मी और स्टाफ का भी इंतजार नहीं किया और घर से स्कूटर पर ही डं¨पग ग्राउंड आ गए। मालूम हो कि कालिया का घर ड¨पग ग्राउंड से चंद दूरी पर ही है। मेयर बनने के बाद कालिया ने वायदा किया है कि यहां से डं¨पग ग्राउंड को शिफ्ट करवाएंगे, जबकि यह काम काफी मुश्किल है, क्योंकि जब से चंडीगढ़ का गठन हुआ है, तब से शहर का सारा गारबेज यहां गिर रहा है। कालिया का भी मानना है कि जो यहां पर गारबेज प्लांट लगा हुआ है, वह ठीक से काम नहीं कर रहा है, जिस कारण डं¨पग ग्राउंड की इस समय यह स्थिति बन गई है। कालिया का कहना है कि बचपन से वे डं¨पग ग्राउंड को देख रहे हैं। यहीं पर कचरा बीनते हुए उनका बचपन बीता है। खुद और पत्नी के लिए बनाई चाय
डं¨पग ग्राउंड के लिए निकलने से पहले कालिया अपने घर की रसोई में गए, जहां पर खुद और पत्नी के लिए चाय बनाई। चाय पीने के दौरान ही कालिया ने अखबारों में निगम चुनाव संबंधी खबरें पढ़ी। कालिया का कहना है कि जो उनके बारे में बातें फैलाई गई हैं, वे उन्हें गलत साबित करके रहेंगे। मेयर रहेंगे सरकारी आवास में
मेयर राजेश कालिया एक साल के लिए डड्डूमाजरा में अपना निजी घर छोड़ेंगे। वे सेक्टर-24 स्थित सरकारी आवास में रहेंगे। मेयर बनने के बाद लोगों का आना-जाना ज्यादा रहता है, जबकि डड्डूमाजरा में जो घर है, वह छोटा है। इसलिए कालिया ने सरकारी आवास में शिफ्ट होने का निर्णय लिया है। पिछले साल देवेश मोदगिल भी इसी सरकारी कोठी में रहे थे। हार कर भी संतुष्ट हूं, पूरे शहर से आ रहे हैं फोन : कैंथ
भाजपा के बागी पार्षद सतीश कैंथ का कहना है कि मेयर चुनाव हारने के बाद भी वे संतुष्ट हैं। हारने के बाद उन्हें पूरे शहर से फोन आ रहे हैं। हर कोई कालिया के जीत वाले दिन को ब्लैक फ्राइडे मान रहा है। जिससे उनका हौसला और बुलंद हुआ है। डं¨पग ग्राउंड को शिफ्ट करने का दावा पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान सांसद किरण खेर भी कर चुकी हैं। वह देखते हैं कि कालिया किस तरह से पूरे शहर को इससे निजात दिलवाते हैं। मेयर राजेश कालिया की बैड कैरेक्टर छवि का सासंद किरण खेर को ही लोकसभा चुनाव में खामियाजा भुगतना पड़ेगा। लोग ही भाजपा से पूछेंगे कि इस तरह का मेयर उन्होंने शहरवासियों पर क्यों थोपा।