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पंजाब पुलिस में बने नए समीकरण, मुस्तफा भी अरोड़ा के आगे नतमस्तक

पंजाब पुलिस में नए समीकरण बन गए हैं और डीजीपी सुरेश अरोड़ा इसमें मजबूत दिख रहे हैं। अगला डीजीपी बनने की दौड़ में रहे मोहम्‍मद मुस्‍तफा भी अब अरोड़ा के समक्ष नतमस्‍तक नजर आ रहे हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 10 Sep 2018 11:47 AM (IST)Updated: Mon, 10 Sep 2018 08:54 PM (IST)
पंजाब पुलिस में बने नए समीकरण, मुस्तफा भी अरोड़ा के आगे नतमस्तक
पंजाब पुलिस में बने नए समीकरण, मुस्तफा भी अरोड़ा के आगे नतमस्तक

चंडीगढ़, [मनोज त्रिपाठी]। एसटीएफ चीफ हरप्रीत सिंह सिद्धू के हटाए जाने के बाद पुलिस की सियासत में नए समीकरण बन गए हैं। 17 महीनों से डीजीपी सुरेश अरोड़ा के जाने का इंतजार कर रहे मोहम्मद मुस्तफा को आखिरकार उनके सामने नतमस्तक होना ही पड़ा। अब मुस्तफा सीधे तौर पर अरोड़ा को रिपोर्ट करेंगे। कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से ही मुस्तफा डीजीपी बनने के लिए जोरदार लॉबिंग कर रहे थे।

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सीएमओ में दो दिन पहले ही तैयार कर ली गई थी रणनीति, लोस चुनाव तक पुलिस की यही टीम करेगी काम

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा सुरेश अरोड़ा को डीजीपी पद से न हटाए जाने को लेकर विपक्ष ने कैप्टन को भी लंबे समय तक कठघरे में खड़ा किया था। अरोड़ा को एक्सटेंशन दिए जाने की कवायद के बाद मुस्तफा जैसे अधिकारियों को भी उनके आगे हथियार डालने पड़ गए हैं।

कुछ समय पहले तक मुस्तफा के करीबी अधिकारी यही कहते थे कि साहब तो अब डीजीपी बनने के बाद ही पुलिस मुख्यालय आएंगे। हकीकत में मुस्तफा 17 माह से पुलिस मुख्यालय से दूर ही रहे और अब भी एसटीएफ चीफ बनने के बाद उन्हें पुलिस मुख्यालय की बजाए मोहाली का दफ्तर दिए जाएगा।

पुलिस में चल रहे पावर गेम को खत्म करने के लिए सीएमओ में शनिवार को दो घंटे चली बैठक में मंथन किया गया। डीजीपी अरोड़ा को एक साल की एक्सटेंशन देने के बाद उनकी राह और आसान करने पर माथापच्ची हुई। नशे से लेकर विभिन्न मुद्दों पर अपने-अपने अहम की लड़ाई लड़ रहे डीजीपी रैंक के तीन-तीन अधिकारियों के बीच हरप्रीत सिद्धू का किरदार सबसे अहम हो गया था।

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यही वजह रही कि कैप्टन ने सिद्धू को पुलिस की राजनीति से हटाकर अपने साथ जोड़ लिया। मुस्तफा को भी एसटीएफ की कमान देकर काम पर लगा दिया है। कांग्रेस ने यह सारी कवायद लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भी की है। चुनाव तक पुलिस की यही टीम अब काम करेगी। चुनाव के बाद फिर से सरकार नए समीकरण बनाकर पुलिस अफसरों को उलझा सकती है।

आसान नहीं मुस्तफा की राह

बतौर एसटीएफ चीफ मोहम्मद मुस्तफा की राह आसान नहीं है। अगर वह हरप्रीत सिद्धू के बनाए पैटर्न पर पंजाब को नशा मुक्त बनाने की दिशा में आगे बढ़ते हैं तो इसका क्रेडिट भी कहीं न कहीं सिद्धू को जाएगा। दूसरी तरफ नशे की चेन दोबारा स्थापित होने का इंतजार कर रहे हजारों नशेडिय़ों को संभाल पाना एसटीएफ के लिए आसान काम नहीं है। अगर नशे की सप्लाई चेन दोबारा बन गई तो डीजीपी बनने का सपना देख रहे मुस्तफा की राह में यह सबसे बड़ी बाधा होगी।

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सिद्धू की टीम के अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ीं

आइजी से जीआइजी तक एक-एक अधिकारी चुनकर हरप्रीत सिद्धू ने एसटीएफ की टीम तैयार की थी। इस टीम से काम लेना मुस्तफा के लिए बड़ी चुनौती होगी। सिद्धू के करीबी अधिकारियों ने अपनी नई तैनाती के जुगाड़ करने शुरू कर दिए हैं।  ऐसे हालात में नए सिरे से मुस्तफा के सामने एसटीएफ में अधिकारियों की तैनाती करवाना बड़ी चुनौती होगा। 

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